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सोसायटी सचिव ने किसानों के नाम से पंजीयन कराकर बेचा गेहूं, किसानों ने घेरा कलेक्टर बंगला - Society Secretary Satendra Kushwaha

मुरैना के ग्राम श्यामपुर में सोसायटी सचिव ने फर्जी तरीके से किसानों के नाम से पंजीयन कराकर गेहूं बेच दिया. अपनी परेशानी लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे किसान घंटों तक इंतजार करते रहे लेकिन कोई सुनवाई के लिए नहीं पहुंचा. जिसके बाद किसान कलेक्टर के बंगले पर जा पहुंचे, जहां एक घंटे बाद तहसीलदार ने किसानों से आवेदन लिया.

Farmers reached Collector office with their problems
किसानों ने घेरा कलेक्टर बंगला
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Published : Jun 4, 2020, 9:53 PM IST

मुरैना। मुरैना जिले के कलेक्टर कार्यालय में अंबाह तहसील के ग्राम श्यामपुर से आए 20 से ज्यादा किसान घंटों तक भीषण गर्मी में इंतजार करते रहे कि कोई तो अधिकारी आएगा और उनकी सुनवाई करेगा. घंटों भूखे प्यासे किसानों को जब कलेक्टर कार्यालय में सुनवाई होती नहीं दिखी, तो वह कलेक्टर बंगले पर पहुंच गए. जहां एक घंटे के बाद तहसीलदार मौके पर पहुंचे और किसानों का आवेदन लेकर खानापूर्ति कर दी.

सोसायटी सचिव ने किसानों के नाम से पंजीयन कराकर बेचा गेहूं

अम्बाह क्षेत्र के श्यामपुर खुर्द गांव के किसान सहकारी संस्था गोठ के सचिव की शिकायत लेकर सुबह से कलेक्टर कार्यालय में बैठे रहे. लेकिन वहां किसी भी अधिकारी ने उनकी नहीं सुनी. अधिकारियों का किसानों के साथ दुर्व्यवहार की ये अकेली तस्वीर नहीं हैं. इन किसानों की जमीन के फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर फसल किसी और ने बेच दी. जब किसान अपना रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे तो उनको मना कर दिया गया. इस मामले में जब किसानों ने अम्बाह एसडीएम से शिकायत की, तो वो मामले में राजीनामा करने के लिए बोलने लगे. जिसके चलते किसानों को मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास से शिकायत करने आना पड़ा, पर यहां भी पहले इंतजार फिर केवल आश्वासन ही मिला.

Farmers reached Collector office with their problems
किसानों ने घेरा कलेक्टर बंगला

दरअसल ग्राम श्यामपुर के ज्ञान सिंह नाम के व्यक्ति ने सोसायटी के सेक्रेटरी सतेंद्र कुशवाहा से मिलकर इस पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है. लेकिन एसडीएम के ढीलमुल रवैया से साफ है कि पूरे कुएं में ही भांग मिली हुई है. अधिकारियों की लापरवाही का सबसे बड़ा नतीजा है, कि किसानों के साथ अत्याचार की ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं लेकिन कार्रवाई कोई नहीं होती.

मुरैना। मुरैना जिले के कलेक्टर कार्यालय में अंबाह तहसील के ग्राम श्यामपुर से आए 20 से ज्यादा किसान घंटों तक भीषण गर्मी में इंतजार करते रहे कि कोई तो अधिकारी आएगा और उनकी सुनवाई करेगा. घंटों भूखे प्यासे किसानों को जब कलेक्टर कार्यालय में सुनवाई होती नहीं दिखी, तो वह कलेक्टर बंगले पर पहुंच गए. जहां एक घंटे के बाद तहसीलदार मौके पर पहुंचे और किसानों का आवेदन लेकर खानापूर्ति कर दी.

सोसायटी सचिव ने किसानों के नाम से पंजीयन कराकर बेचा गेहूं

अम्बाह क्षेत्र के श्यामपुर खुर्द गांव के किसान सहकारी संस्था गोठ के सचिव की शिकायत लेकर सुबह से कलेक्टर कार्यालय में बैठे रहे. लेकिन वहां किसी भी अधिकारी ने उनकी नहीं सुनी. अधिकारियों का किसानों के साथ दुर्व्यवहार की ये अकेली तस्वीर नहीं हैं. इन किसानों की जमीन के फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर फसल किसी और ने बेच दी. जब किसान अपना रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे तो उनको मना कर दिया गया. इस मामले में जब किसानों ने अम्बाह एसडीएम से शिकायत की, तो वो मामले में राजीनामा करने के लिए बोलने लगे. जिसके चलते किसानों को मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास से शिकायत करने आना पड़ा, पर यहां भी पहले इंतजार फिर केवल आश्वासन ही मिला.

Farmers reached Collector office with their problems
किसानों ने घेरा कलेक्टर बंगला

दरअसल ग्राम श्यामपुर के ज्ञान सिंह नाम के व्यक्ति ने सोसायटी के सेक्रेटरी सतेंद्र कुशवाहा से मिलकर इस पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है. लेकिन एसडीएम के ढीलमुल रवैया से साफ है कि पूरे कुएं में ही भांग मिली हुई है. अधिकारियों की लापरवाही का सबसे बड़ा नतीजा है, कि किसानों के साथ अत्याचार की ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं लेकिन कार्रवाई कोई नहीं होती.

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