मुरैना। मुरैना जिले के कलेक्टर कार्यालय में अंबाह तहसील के ग्राम श्यामपुर से आए 20 से ज्यादा किसान घंटों तक भीषण गर्मी में इंतजार करते रहे कि कोई तो अधिकारी आएगा और उनकी सुनवाई करेगा. घंटों भूखे प्यासे किसानों को जब कलेक्टर कार्यालय में सुनवाई होती नहीं दिखी, तो वह कलेक्टर बंगले पर पहुंच गए. जहां एक घंटे के बाद तहसीलदार मौके पर पहुंचे और किसानों का आवेदन लेकर खानापूर्ति कर दी.
अम्बाह क्षेत्र के श्यामपुर खुर्द गांव के किसान सहकारी संस्था गोठ के सचिव की शिकायत लेकर सुबह से कलेक्टर कार्यालय में बैठे रहे. लेकिन वहां किसी भी अधिकारी ने उनकी नहीं सुनी. अधिकारियों का किसानों के साथ दुर्व्यवहार की ये अकेली तस्वीर नहीं हैं. इन किसानों की जमीन के फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर फसल किसी और ने बेच दी. जब किसान अपना रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे तो उनको मना कर दिया गया. इस मामले में जब किसानों ने अम्बाह एसडीएम से शिकायत की, तो वो मामले में राजीनामा करने के लिए बोलने लगे. जिसके चलते किसानों को मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास से शिकायत करने आना पड़ा, पर यहां भी पहले इंतजार फिर केवल आश्वासन ही मिला.
दरअसल ग्राम श्यामपुर के ज्ञान सिंह नाम के व्यक्ति ने सोसायटी के सेक्रेटरी सतेंद्र कुशवाहा से मिलकर इस पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है. लेकिन एसडीएम के ढीलमुल रवैया से साफ है कि पूरे कुएं में ही भांग मिली हुई है. अधिकारियों की लापरवाही का सबसे बड़ा नतीजा है, कि किसानों के साथ अत्याचार की ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं लेकिन कार्रवाई कोई नहीं होती.