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नर्सिंग परीक्षा नकल का मामला: प्रेक्टिकल परीक्षा को अवैध घोषित करने के लिए CMHO ने जिला कलेक्टर और नर्सिंग रजिस्ट्रार को लिखा पत्र - morena nakal video

मध्यप्रदेश में व्यापमं कांड के बाद चंबल अंचल में अब फर्जी नर्सिंग कॉलेजों का मामला लगातार सुर्खियों में है. बीते रोज मुरैना में नर्सिंग परीक्षा में बेखौफ नकल करते हुए छात्रों का वीडियो देशभर में वायरल होने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है. इसी को लेकर जिला स्वास्थ एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने नर्सिंग कॉलेज संचालकों के साथ रविवार को बैठक की, लेकिन इस बैठक में अंचल में 28 कॉलेज में से महज 5 कॉलेज संचालक ही मौजूद रहे.

morena nursing students copying from mobile
नर्सिंग परीक्षा नकल का मामला
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Published : Apr 3, 2022, 11:08 PM IST

मुरैना। मध्यप्रदेश में व्यापमं कांड के बाद चंबल अंचल में अब फर्जी नर्सिंग कॉलेजों का मामला लगातार सुर्खियों में है. बीते रोज मुरैना में नर्सिंग परीक्षा में बेखौफ नकल करते हुए छात्रों का वीडियो देशभर में वायरल होने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है. इसी को लेकर जिला स्वास्थ एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने नर्सिंग कॉलेज संचालकों के साथ रविवार को बैठक की, लेकिन इस बैठक में अंचल में 28 कॉलेज में से महज 5 कॉलेज संचालक ही मौजूद रहे.

अब कॉलेज संचालकों पर होगी कार्रवाई: जिला स्वास्थ्य एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दावा किया है कि, मंगलवार को फिर से जिले के सभी नर्सिंग कॉलेज संचालकों की बैठक बुलाई है और उस बैठक में जो कॉलेज संचालक अनुपस्थित रहेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी. इस पूरे मामले में सबसे खास बात यह है कि एक अप्रैल को जो जिला अस्पताल परिसर में परीक्षाएं हुई थी उनकी जानकारी सीएमएचओ के कानों तक नहीं पहुंची और अब अपनी नाकामी को छुपाने के लिए स्वास्थ विभाग कार्रवाई की बात कर रहा है.

गठित की गई जांच कमेठी : जिला अस्पताल परिसर में नर्सिंग परीक्षा में छात्रों द्वारा खुलेआम सामूहिक नकल करने का वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया, जिसके बाद अपनी नौकरी बचाने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने जांच कमेटी गठित कर दी. बैठक खत्म होने के बाद नर्सिंग कॉलेज संचालक जैसे ही बाहर निकलेमीडिया ने उनसे पूछा कि आपका नर्सिंग कॉलेज कहां संचालित हो रहा है, तो इस दौरान वह बिना जवाब देते भागते हुए नजर आये.

प्रेक्टिकल देने अस्पताल में ना आएं छात्र: नर्सिंग कॉलेज संचालकों द्वारा परीक्षा नियमों के विपरीत जिला अस्पताल में प्रेक्टिकल परीक्षा आयोजित कराने पर सीएमएचओ ने कड़ी नाराजगी जाहिर की. सीएमएचओ ने इस मामले में प्रेक्टिकल परीक्षा को अवैध घोधित करने के लिए जिला कलेक्टर तथा नर्सिंग रजिस्ट्रार को पत्र लिखा है, साथ ही कॉलेज संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की बात भी कही है. यहां तक की नकल के फोटो वायरल होने के बाद सीएमएचओ व सिविल सर्जन ने कॉलेज संचालकों से स्पष्ट कह दिया कि हमारे पास भोपाल से कोई लिखित आदेश नहीं हैं, इसलिए दूसरा व तीसरा प्रेक्टिकल देने 4 व 6 अप्रैल को अपने छात्रों को लेकर अस्पताल में ना आएं.

जिसको जहां जगह मिली वहीं नकल करने बैठे परीक्षार्थी: जिले में दर्जनों नर्सिंग कॉलेज संचालित हैं लेकिन बिल्डिंग मुश्किल से आधा दर्जन कॉलेजों के पास ही है, अन्य कॉलेज बस कागजों में ही संचालित किए जा रहे हैं. इन्ही कॉलेजों के छात्र-छात्राओं की प्रायोगिक परीक्षाएं जिला अस्पताल में चल रही हैं. जिला अस्पताल परिसर में छात्र छात्राओं को जहां जगह मिली, वहीं पर बैठ गए और मोबाइल से कॉपी में लिखते नजर आए. इतना ही नहीं छात्रों की नकल करने में सागर यूनिवर्सिटी से जो स्टाफ आया था, उसने पूरी मदद की. जब स्टाफ से पूछा तो उन्होंने बताया कि पहले कक्ष में मरीजों से चर्चा करते समय मोबाइल में नोट करते हैं, बाद में मोबाइल से कॉपी पर लिख रहे हैं, जबकि अस्पताल से बाहर पीछे मंदिर व नई बिल्डिंग के पास कई परीक्षार्थी मोबाइल से नकल करते देखे गए.

इन राज्यों से परीक्षा देने आए छात्र: नर्सिंग की परीक्षा देने वाले अधिकांश परीक्षार्थी बिहार, झारखंड सहित अन्य प्रांतों के रहने वाले है. उनसे जब पूछा गया कि बिहार व झारखंड से कितने लोग परीक्षा देने आए हैं तो उन्होंने कहा कि कोई गिनती नही हैं. कॉलेज संचालकों का कुछ दलाल जैसे के लोगों से संपर्क रहता है वही उनका एडमिशन करवाते हैं. छात्रों ने बताया कि उनसे दो से ढाई लाख रुपए लिए हैं, जबकि बताया गया है कि नर्सिंग की फीस मुश्किल से तीस हजार रुपए तक ही है.

नर्सिंग कॉलेज के एग्जाम नर्सिंग कौंसल कंडक्ट करा रही है, जिसका परीक्षा केंद्र श्रीराम कॉलेज रखा गया है. कितने कॉलेज के कितने छात्र प्रेक्टिकल के लिए अस्पताल में कब आएंगे, हमें इस संबंध में कोई लिखित सूचना भेजी गई है. इसलिए एक अप्रैल को छात्र भी परीक्षा केंद्र से कॉपियां लेकर अस्पताल में पहुंच गए और बिना किसी से मिले अपने उत्तर लिखने लगे

- डॉ.राकेश शर्मा, सीएमएचओ

मुरैना। मध्यप्रदेश में व्यापमं कांड के बाद चंबल अंचल में अब फर्जी नर्सिंग कॉलेजों का मामला लगातार सुर्खियों में है. बीते रोज मुरैना में नर्सिंग परीक्षा में बेखौफ नकल करते हुए छात्रों का वीडियो देशभर में वायरल होने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है. इसी को लेकर जिला स्वास्थ एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने नर्सिंग कॉलेज संचालकों के साथ रविवार को बैठक की, लेकिन इस बैठक में अंचल में 28 कॉलेज में से महज 5 कॉलेज संचालक ही मौजूद रहे.

अब कॉलेज संचालकों पर होगी कार्रवाई: जिला स्वास्थ्य एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दावा किया है कि, मंगलवार को फिर से जिले के सभी नर्सिंग कॉलेज संचालकों की बैठक बुलाई है और उस बैठक में जो कॉलेज संचालक अनुपस्थित रहेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी. इस पूरे मामले में सबसे खास बात यह है कि एक अप्रैल को जो जिला अस्पताल परिसर में परीक्षाएं हुई थी उनकी जानकारी सीएमएचओ के कानों तक नहीं पहुंची और अब अपनी नाकामी को छुपाने के लिए स्वास्थ विभाग कार्रवाई की बात कर रहा है.

गठित की गई जांच कमेठी : जिला अस्पताल परिसर में नर्सिंग परीक्षा में छात्रों द्वारा खुलेआम सामूहिक नकल करने का वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया, जिसके बाद अपनी नौकरी बचाने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने जांच कमेटी गठित कर दी. बैठक खत्म होने के बाद नर्सिंग कॉलेज संचालक जैसे ही बाहर निकलेमीडिया ने उनसे पूछा कि आपका नर्सिंग कॉलेज कहां संचालित हो रहा है, तो इस दौरान वह बिना जवाब देते भागते हुए नजर आये.

प्रेक्टिकल देने अस्पताल में ना आएं छात्र: नर्सिंग कॉलेज संचालकों द्वारा परीक्षा नियमों के विपरीत जिला अस्पताल में प्रेक्टिकल परीक्षा आयोजित कराने पर सीएमएचओ ने कड़ी नाराजगी जाहिर की. सीएमएचओ ने इस मामले में प्रेक्टिकल परीक्षा को अवैध घोधित करने के लिए जिला कलेक्टर तथा नर्सिंग रजिस्ट्रार को पत्र लिखा है, साथ ही कॉलेज संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की बात भी कही है. यहां तक की नकल के फोटो वायरल होने के बाद सीएमएचओ व सिविल सर्जन ने कॉलेज संचालकों से स्पष्ट कह दिया कि हमारे पास भोपाल से कोई लिखित आदेश नहीं हैं, इसलिए दूसरा व तीसरा प्रेक्टिकल देने 4 व 6 अप्रैल को अपने छात्रों को लेकर अस्पताल में ना आएं.

जिसको जहां जगह मिली वहीं नकल करने बैठे परीक्षार्थी: जिले में दर्जनों नर्सिंग कॉलेज संचालित हैं लेकिन बिल्डिंग मुश्किल से आधा दर्जन कॉलेजों के पास ही है, अन्य कॉलेज बस कागजों में ही संचालित किए जा रहे हैं. इन्ही कॉलेजों के छात्र-छात्राओं की प्रायोगिक परीक्षाएं जिला अस्पताल में चल रही हैं. जिला अस्पताल परिसर में छात्र छात्राओं को जहां जगह मिली, वहीं पर बैठ गए और मोबाइल से कॉपी में लिखते नजर आए. इतना ही नहीं छात्रों की नकल करने में सागर यूनिवर्सिटी से जो स्टाफ आया था, उसने पूरी मदद की. जब स्टाफ से पूछा तो उन्होंने बताया कि पहले कक्ष में मरीजों से चर्चा करते समय मोबाइल में नोट करते हैं, बाद में मोबाइल से कॉपी पर लिख रहे हैं, जबकि अस्पताल से बाहर पीछे मंदिर व नई बिल्डिंग के पास कई परीक्षार्थी मोबाइल से नकल करते देखे गए.

इन राज्यों से परीक्षा देने आए छात्र: नर्सिंग की परीक्षा देने वाले अधिकांश परीक्षार्थी बिहार, झारखंड सहित अन्य प्रांतों के रहने वाले है. उनसे जब पूछा गया कि बिहार व झारखंड से कितने लोग परीक्षा देने आए हैं तो उन्होंने कहा कि कोई गिनती नही हैं. कॉलेज संचालकों का कुछ दलाल जैसे के लोगों से संपर्क रहता है वही उनका एडमिशन करवाते हैं. छात्रों ने बताया कि उनसे दो से ढाई लाख रुपए लिए हैं, जबकि बताया गया है कि नर्सिंग की फीस मुश्किल से तीस हजार रुपए तक ही है.

नर्सिंग कॉलेज के एग्जाम नर्सिंग कौंसल कंडक्ट करा रही है, जिसका परीक्षा केंद्र श्रीराम कॉलेज रखा गया है. कितने कॉलेज के कितने छात्र प्रेक्टिकल के लिए अस्पताल में कब आएंगे, हमें इस संबंध में कोई लिखित सूचना भेजी गई है. इसलिए एक अप्रैल को छात्र भी परीक्षा केंद्र से कॉपियां लेकर अस्पताल में पहुंच गए और बिना किसी से मिले अपने उत्तर लिखने लगे

- डॉ.राकेश शर्मा, सीएमएचओ

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