मुरैना। झांसी से अगवा हुए डॉक्टर आरके गुरबख्सानी मुरैना पुलिस को सही सलामत मिल गए हैं. डॉक्टर का कहना है उनका अपहरण कर लिया गया था जब वो झांसी में मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे. आशंका जताई जा रही है कि अपहरण करने वाले बदमाश पूर्व दस्यु ददुआ गिरोह के होंगे, हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
घुटनों के बल चल कर डॉक्टर ने खुद को किया सुरक्षित
डॉक्टर ने बताया कि कुख्यात डकैत ददुआ के नाती का इलाज करवाने की कहकर तीन हथियारबंद बदमाश झांसी से उनका अपहरण करके मुरैना में ले आए. यहां उनके पैरों में जंजीर बांधकर रात को सरसों के खेत में रखा गया, जहां से वे बदमाशों को चकमा देकर घुटनों के बल 1 किलोमीटर चलकर सिविल लाइन थाना क्षेत्र के हिंगोना गांव पहुंचे और वहीं से ग्रामीणों की मदद से पुलिस को सूचना दी.
मौके पर पहुंची पुलिस ने झांसी पुलिस को सूचना दी, उसके बाद झांसी पुलिस परिजनों को लेकर मुरैना आई. झांसी पुलिस और सिविल लाइन थाना पुलिस डॉक्टर को साथ में लेकर मौके पर पहुंच कर जांच शुरू की.
जानें पूरा घटनाक्रम
झांसी सिपरी बाजार के संगम विहार कॉलोनी में रहने वाले 62 वर्षीय डॉक्टर आरके गुरबख्सानी हर रोज की तरह शुक्रवार की सुबह 4 बजे करीब मॉर्निंग वॉक पर निकले थे, अक्सर वो 8 बजे तक वापस आ जाते थे लेकिन उसे रोज वो काफी देर तक नहीं लौटे, जिसके बाद परिजनों ने पता करने की कोशिश की और जब उनके बारे में कोई जानकारी नहीं लगी तो पुलिस को सूचना दी गई.
डॉक्टर ने बताया कि इंडिका कार में आए तीन हथियारबंद बदमाशों ने उन्हें जबरन पकड़ लिया और डकैत ददुआ के बीमार नाती का इलाज कराने और इलाज के बाद वापस यहीं छोड़ देने की बात कहकर ले गए. शुक्रवार को बदमाशों दिन भर डॉक्टर को हाथ पैर बांधकर झांसी ग्वालियर हाईवे और ग्वालियर शहर के आसपास घुमाया. इसके बाद रात में मुरैना से 6 किलोमीटर दूर हिंगोना खुर्द गांव के पास सरसों के खेत में पटक दिया.
जब रात के समय बदमाशों की नींद लग गई तब हाथ पैर बंधे होने के बाद भी डॉक्टर वहां से किसी तरह घुटने कोहनी के बल लगभग 1 किलोमीटर चलते हुए हिंगोना कला गांव रोड तक आ गए. जहां शनिवार की सुबह दौड़ लगाने के लिए निकले युवाओं ने डॉक्टर के पैर में बंधी जंजीर को देखकर सिविल लाइन थाना पुलिस को फोन करके बुला लिया.
नहीं मांगी फिरौती
डॉक्टर का के परिजनों ने बताया कि उन्होंने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने उनके परिवार से अभी तक कोई संपर्क नही किया और न ही फिरौती के लिए कोई फोन किया. पुलिस मानकर चल रही है कि रात को यदि अपहृत पुलिस के कब्जे में नहीं आता तो अपहरणकर्ता इसे राजस्थान के गूर्जर गैंग को सौंप सकते थे. उसके बाद ही फिरौती के लिए कॉल पहुंचता.
राजस्थान से जुड़ सकते हैं तार
पुलिस अधिकारियों को आशंका है कि बारदात 1 लाख 30 हजार रुपए का इनामी डकैत केशव गुर्जर ने की है. अनुमान ये भी है कि डॉक्टर को राजस्थान के डकैत को सौंपा जाना था, जिसके बाद फिरौती मांगी जाती. हालांकि उत्तर प्रदेश पुलिस और मुरैना पुलिस इस मामले को लेकर गंभीर है और पूरे मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है.
मुरैना पुलिस और झांसी पुलिस ने स्निफर डॉग की मदद से कुछ पता लगाने की कोशिश की तो मौके से उन्हें एक जोड़ी जूते हाथ लगे हैं, जिन्हें पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है. पुलिस अब इस मामले की तह में पहुंचने की कोशिश में लगी है. वहीं डॉक्टर आरके गुरबख्सानी को कागजी कर्रवाई के बाद परिजनों के साथ भेज दिया गया है.