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घड़ियालों में न फैले कोरोना संक्रमण, इसलिए घड़ियाल केंद्र में किए जा रहे सुरक्षा के इंतजाम - morena news

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए देवरी घड़ियाल केंद्र को बंद कर दिया गया है. साथ ही यहां मौजूद प्राणियों की सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं.

devri alligator center
देवरी घड़ियाल केंद्र बंद
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Published : Apr 15, 2020, 11:33 PM IST

मुरैना। जिले के नेशनल हाइवे-3 स्थित देवरी घड़ियाल केंद्र में कोरोना वायरस के चलते सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं. वहीं लॉकडाउन के होते ही घड़ियाल केंद्र को सैलानियों के लिए बंद कर दिया गया है.

देवरी घड़ियाल केंद्र बंद

देवरी घड़ियाल केन्द्र में 267 घड़ियाल, 2 मगरमच्छ और कछुओं के बच्चे हैं जिनकी सुरक्षा को देखते हुए पूरे एहतियात बरते जा रहा हैं. वहीं अब घड़ियालों के लिए सेंटर में काम करने वाले कर्मचारियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिन कर्मचारियों को अंदर सफाई के लिए भेजा जा रहा है, पहले उन कर्मचारियों के हाथ साबुन से धुलाए जा रहे हैं फिर सेनिटाइज करके ड्रैस पहनाई जा रही है.

इन कर्मचारियों के बीच सोशल डिस्टेंस बनाते हुए एक-एक करके अंदर प्रवेश दिया जा रहा है. बता दें कि देवरी घड़ियाल केन्द्र में 267 घड़ियाल, 2 मगरमच्छ और 49 कछुए हैं, जिनमें से 2018 बैच के 156 और 2019 बैच के 111 घड़ियाल है, मगरमच्छ के बच्चे भी हैं और विभिन्न प्रजातियों के 49 कछुए भी पल रहे हैं. जिन्हें देखने हजारों की संख्या में देशी-विदेशी सैलानी आते हैं.

मुरैना। जिले के नेशनल हाइवे-3 स्थित देवरी घड़ियाल केंद्र में कोरोना वायरस के चलते सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं. वहीं लॉकडाउन के होते ही घड़ियाल केंद्र को सैलानियों के लिए बंद कर दिया गया है.

देवरी घड़ियाल केंद्र बंद

देवरी घड़ियाल केन्द्र में 267 घड़ियाल, 2 मगरमच्छ और कछुओं के बच्चे हैं जिनकी सुरक्षा को देखते हुए पूरे एहतियात बरते जा रहा हैं. वहीं अब घड़ियालों के लिए सेंटर में काम करने वाले कर्मचारियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिन कर्मचारियों को अंदर सफाई के लिए भेजा जा रहा है, पहले उन कर्मचारियों के हाथ साबुन से धुलाए जा रहे हैं फिर सेनिटाइज करके ड्रैस पहनाई जा रही है.

इन कर्मचारियों के बीच सोशल डिस्टेंस बनाते हुए एक-एक करके अंदर प्रवेश दिया जा रहा है. बता दें कि देवरी घड़ियाल केन्द्र में 267 घड़ियाल, 2 मगरमच्छ और 49 कछुए हैं, जिनमें से 2018 बैच के 156 और 2019 बैच के 111 घड़ियाल है, मगरमच्छ के बच्चे भी हैं और विभिन्न प्रजातियों के 49 कछुए भी पल रहे हैं. जिन्हें देखने हजारों की संख्या में देशी-विदेशी सैलानी आते हैं.

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