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जिला अस्पताल की लापरवाही से मौत का आंकड़ा बढ़ा, ऑक्सीजन कमी की मिल रही शिकायतें - ऑक्सीजन प्लांट

मुरैना जिला अस्पताल की लापरवाही के चलते मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा हैं. ऑक्सीजन प्लांट शुरू होने के बाद भी हर रोज ऑक्सीजन की कमी की शिकायतें मिल रही हैं.

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मौत का आंकड़ा बढ़ा
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Published : May 14, 2021, 10:15 PM IST

मुरैना। कोरोना संक्रमण की वजह से शहर में हालात लगातार बद से बदतर होते जा रहे हैं. अब आलम यह है कि हर रोज यहां मरने वालों की संख्या में भी वृद्धि हो रही हैं, लेकिन अधिकारी अब इन मौतों को छुपाकर आंकड़ों का खेल खेल रहे हैं. पहले लापरवाही और चुनावों के चलते प्रदेश की जनता को मरने के लिए छोड़ दिया, अब जब चारों तरफ किरकिरी होने लगी, तो मौतों के आंकड़ों को छुपाकर नया गणित मिटाया जा रहा हैं.

समाजसेवियों की मानें, तो जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से यह सब हो रहा हैं. आईसीयू का एसी खराब होने से बीते दिन तीन मरीजों की मौत हो गई. इसके अलावा ऑक्सीजन प्लांट शुरू होने के बाद भी मरीजों के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हैं. समाजसेवियों का कहना है कि रात के समय ऑक्सीजन का फ्लो कम कर दिया जाता हैं, जिसकी वजह से मरीज को घबराहट होने लगती हैं.

मौत का आंकड़ा बढ़ा

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही

समाजसेवी अरुण परमार के अनुसार, जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते अस्पताल की व्यवस्थाएं नहीं सुधर पा रही हैं. बुधवार रात जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड की बिजली लाइन कट गई. आईसीयू के एसी बंद हो गए, जिसके कारण मरीज बेहाल होने लगे, क्योंकि वार्ड में पंखे तक नहीं थे. इसी बीच न्यू हाउसिंग बोर्ड निवासी 55 वर्षीय मरीज ने दम तोड़ दिया. इसके बाद विंडवा गांव निवासी 64 साल के मरीज की मौत हो गई. करीब डेढ़ घंटे बाद एक अन्य कोरोना संक्रमित मरीज की भी मौत हो गई. जिला अस्पताल प्रबंधन ने 24 घंटे बाद एसी को सही कराया. हालांकि, अभी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत दूर नहीं हो पा रही हैं.

तीन दिन में 10 मरीजों की मौत

जिला अस्पताल में मरीजों को जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही हैं. कई मरीज जो रिकवर हो रहे हैं, वह फिर गंभीर हालत में पहुंच जा रहे हैं. ऑक्सीजन प्लांट की पाइप लाइन के सही नहीं होने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम में प्रभारी मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने नाराजगी जताई. मरीजों के अटेंडरों की मानें, तो अस्पताल स्टॉफ रात के समय ऑक्सीजन का फ्लो कम कर देता हैं. अस्प्ताल की व्यवस्थाएं बहुत खराब हैं, कोई सुनने वाला नहीं है.

अटेंडर प्रेम सिंह के अनुसार, जिला अस्पताल में पिछले दो से तीन दिनों में लगभग 10 मरीजों कि मौत हो चुकी हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस बात को छुपा रहा हैं.


उज्जैन: गुजरात से मंगाई जा रही ऑक्सीजन, कमी पड़ने पर लिया फैसला

अस्पताल को एक महीने में 70 से ज्यादा मिले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

कोरोना महामारी प्रकोप के चलते समाजसेवी और व्यापारी वर्ग ने स्वास्थ्य विभाग को बीते एक महीने में 65 से ज्यादा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दान किए हैं. अब स्वास्थ्य विभाग के पास लगभग 120 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हो चुके हैं. जिला अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि अस्पताल में लगभग 90 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मरीजों के लिए लगाए गए हैं. दूसरी तरफ अस्पताल में 14 से ज्यादा कंसंट्रेटर बीते छह दिनों से खराब पड़े हैं.

मुरैना। कोरोना संक्रमण की वजह से शहर में हालात लगातार बद से बदतर होते जा रहे हैं. अब आलम यह है कि हर रोज यहां मरने वालों की संख्या में भी वृद्धि हो रही हैं, लेकिन अधिकारी अब इन मौतों को छुपाकर आंकड़ों का खेल खेल रहे हैं. पहले लापरवाही और चुनावों के चलते प्रदेश की जनता को मरने के लिए छोड़ दिया, अब जब चारों तरफ किरकिरी होने लगी, तो मौतों के आंकड़ों को छुपाकर नया गणित मिटाया जा रहा हैं.

समाजसेवियों की मानें, तो जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से यह सब हो रहा हैं. आईसीयू का एसी खराब होने से बीते दिन तीन मरीजों की मौत हो गई. इसके अलावा ऑक्सीजन प्लांट शुरू होने के बाद भी मरीजों के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हैं. समाजसेवियों का कहना है कि रात के समय ऑक्सीजन का फ्लो कम कर दिया जाता हैं, जिसकी वजह से मरीज को घबराहट होने लगती हैं.

मौत का आंकड़ा बढ़ा

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही

समाजसेवी अरुण परमार के अनुसार, जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते अस्पताल की व्यवस्थाएं नहीं सुधर पा रही हैं. बुधवार रात जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड की बिजली लाइन कट गई. आईसीयू के एसी बंद हो गए, जिसके कारण मरीज बेहाल होने लगे, क्योंकि वार्ड में पंखे तक नहीं थे. इसी बीच न्यू हाउसिंग बोर्ड निवासी 55 वर्षीय मरीज ने दम तोड़ दिया. इसके बाद विंडवा गांव निवासी 64 साल के मरीज की मौत हो गई. करीब डेढ़ घंटे बाद एक अन्य कोरोना संक्रमित मरीज की भी मौत हो गई. जिला अस्पताल प्रबंधन ने 24 घंटे बाद एसी को सही कराया. हालांकि, अभी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत दूर नहीं हो पा रही हैं.

तीन दिन में 10 मरीजों की मौत

जिला अस्पताल में मरीजों को जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही हैं. कई मरीज जो रिकवर हो रहे हैं, वह फिर गंभीर हालत में पहुंच जा रहे हैं. ऑक्सीजन प्लांट की पाइप लाइन के सही नहीं होने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम में प्रभारी मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने नाराजगी जताई. मरीजों के अटेंडरों की मानें, तो अस्पताल स्टॉफ रात के समय ऑक्सीजन का फ्लो कम कर देता हैं. अस्प्ताल की व्यवस्थाएं बहुत खराब हैं, कोई सुनने वाला नहीं है.

अटेंडर प्रेम सिंह के अनुसार, जिला अस्पताल में पिछले दो से तीन दिनों में लगभग 10 मरीजों कि मौत हो चुकी हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस बात को छुपा रहा हैं.


उज्जैन: गुजरात से मंगाई जा रही ऑक्सीजन, कमी पड़ने पर लिया फैसला

अस्पताल को एक महीने में 70 से ज्यादा मिले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

कोरोना महामारी प्रकोप के चलते समाजसेवी और व्यापारी वर्ग ने स्वास्थ्य विभाग को बीते एक महीने में 65 से ज्यादा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दान किए हैं. अब स्वास्थ्य विभाग के पास लगभग 120 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हो चुके हैं. जिला अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि अस्पताल में लगभग 90 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मरीजों के लिए लगाए गए हैं. दूसरी तरफ अस्पताल में 14 से ज्यादा कंसंट्रेटर बीते छह दिनों से खराब पड़े हैं.

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