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कोरोना से बढ़ा मौतों का आंकड़ा, जमीन पर करना पड़ रहा अंतिम संस्कार

मुरैना जिले में कोरोना संक्रमण से लगातार मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है. आलम ये है कि अब मुक्तिधाम में शवों का अंतिम संस्कार करना मुश्किल हो रहा है.

cremation done on the ground
अंतिम संस्कार करना मुश्किल
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Published : Apr 26, 2021, 12:06 PM IST

Updated : Apr 26, 2021, 1:33 PM IST

मुरैना। शहर में कोरोना महामारी का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अब तक 5300 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं. बीमार मरीजों को अस्पताल में न तो बेड मिल रहा है और न ही ऑक्सीजन. लिहाजा मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है. पिछले दो दिनों में कोरोना से 11 मरीजों की मौत हो चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा मौत के आंकड़े छिपाए जा रहे हैं.

बता दें कि, रविवार देर शाम बड़ोखर स्थित मुक्तिधाम में 11 शवों का अंतिम संस्कार किया गया, जिनमें कोरोना से दम तोड़ने वालों की संख्या चार थी. हालात ये थे कि मुक्तिधाम में चिता जलाने के लिए जगह कम पड़ गई. पांच शवों का अंतिम संस्कार जमीन पर रखकर किया गया. मुक्तिधाम में उपस्थित कर्मचारी का कहना है कि ऐसा नजारा पहले कभी नहीं देखा.

जमीन पर करना पड़ा अंतिम संस्कार
कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. अब जिला प्रशासन मौत के आंकड़े छिपा रहा है. शनिवार को कोरोना पॉजिटिव छह मरीजों की मौत हुई थी, जबकि सरकारी आंकड़ों में दो लोगों के मरने की पुष्टि की गई है. इसी तरह रविवार को भी जिला अस्पताल में पांच मरीजों की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई, लेकिन सरकारी आंकड़े दो मौतों से आगे नहीं बढ़ पा रहा है.

जमीन पर रखकर करना पड़ रहा अंतिम संस्कार

बड़ोखर स्थित मुक्तिधाम के आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले दो दिनों में कोरोना पॉजिटिव 11 शव यहां जलाए गए हैं, लेकिन प्रशासन चार मौत लिखे हुए बैठा है. बता दें कि, इस मुक्तिधाम में 8 टीन शेड में 15 चबूतरे है. ज्यादा शव होने की वजह से यहां जगह ही नहीं बची, जिसके चलते देर शाम पांच चिताओं का अंतिम संस्कार जमीन पर रखकर करना पड़ा.

निवाड़ी:कोरोना का खौफ,महिला की मलेरिया से मौत,अंतिम संस्कार का हुआ विरोध

बिना प्रोटोकॉल के अंतिम संस्कार

कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के अंतिम संस्कार के लिए शव को सीधे परिजनों के सुपुर्द किया जा रहा है, जबकि शव से भी संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. परिजन खुद शव को निजी एंबुलेंस में रखकर मुक्तिधाम पहुंच रहे हैं. वहां बिना पीपीई किट पहने शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. वहीं अस्पताल के बाहर खड़े होने वाले प्राइवेट एंबुलेंस संचालक इस आपदा में भी कमाई का मौका तलाश रहे हैं.

24 अप्रैल को हुई मौतों के नाम

1.- करहधाम आश्रम की पुजारी 70 वर्षीय शीलादेवी
2.- पंचायती धर्मशाला निवासी 60 वर्षीय विशंभर दयाल शर्मा
3.- नैनागढ़ रोड निवासी 71 वर्षीय दिनेशचंद बंसल
4.- सुभाष नगर निवासी 58 वर्षीय सावित्री छारी
5.- टीआर पुरम निवासी 50 वर्षीय उपेंद्र बंसल
6.- दत्तपुरा निवासी 70 वर्षीय ऊषा बांदिल
7.- माहौर कॉलोनी निवासी 65 वर्षीय भुवनेश शर्मा

25 अप्रैल को कोरोना से हुई मौत

1.- गोपालपुरा निवासी 56 वर्षीय नगर निगम कर्मचारी मुन्नालाल
2.- रामनगर निवासी 52 वर्षीय मीना वर्मा
3.- गोपीनाथ पुलिया निवासी 50 वर्षीय लक्ष्मी जैन
4.- इस्लामपुरा निवासी 60 वर्षीय पुष्पा देवी
5.- एक अन्य की मौत

मुरैना। शहर में कोरोना महामारी का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अब तक 5300 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं. बीमार मरीजों को अस्पताल में न तो बेड मिल रहा है और न ही ऑक्सीजन. लिहाजा मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है. पिछले दो दिनों में कोरोना से 11 मरीजों की मौत हो चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा मौत के आंकड़े छिपाए जा रहे हैं.

बता दें कि, रविवार देर शाम बड़ोखर स्थित मुक्तिधाम में 11 शवों का अंतिम संस्कार किया गया, जिनमें कोरोना से दम तोड़ने वालों की संख्या चार थी. हालात ये थे कि मुक्तिधाम में चिता जलाने के लिए जगह कम पड़ गई. पांच शवों का अंतिम संस्कार जमीन पर रखकर किया गया. मुक्तिधाम में उपस्थित कर्मचारी का कहना है कि ऐसा नजारा पहले कभी नहीं देखा.

जमीन पर करना पड़ा अंतिम संस्कार
कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. अब जिला प्रशासन मौत के आंकड़े छिपा रहा है. शनिवार को कोरोना पॉजिटिव छह मरीजों की मौत हुई थी, जबकि सरकारी आंकड़ों में दो लोगों के मरने की पुष्टि की गई है. इसी तरह रविवार को भी जिला अस्पताल में पांच मरीजों की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई, लेकिन सरकारी आंकड़े दो मौतों से आगे नहीं बढ़ पा रहा है.

जमीन पर रखकर करना पड़ रहा अंतिम संस्कार

बड़ोखर स्थित मुक्तिधाम के आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले दो दिनों में कोरोना पॉजिटिव 11 शव यहां जलाए गए हैं, लेकिन प्रशासन चार मौत लिखे हुए बैठा है. बता दें कि, इस मुक्तिधाम में 8 टीन शेड में 15 चबूतरे है. ज्यादा शव होने की वजह से यहां जगह ही नहीं बची, जिसके चलते देर शाम पांच चिताओं का अंतिम संस्कार जमीन पर रखकर करना पड़ा.

निवाड़ी:कोरोना का खौफ,महिला की मलेरिया से मौत,अंतिम संस्कार का हुआ विरोध

बिना प्रोटोकॉल के अंतिम संस्कार

कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के अंतिम संस्कार के लिए शव को सीधे परिजनों के सुपुर्द किया जा रहा है, जबकि शव से भी संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. परिजन खुद शव को निजी एंबुलेंस में रखकर मुक्तिधाम पहुंच रहे हैं. वहां बिना पीपीई किट पहने शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. वहीं अस्पताल के बाहर खड़े होने वाले प्राइवेट एंबुलेंस संचालक इस आपदा में भी कमाई का मौका तलाश रहे हैं.

24 अप्रैल को हुई मौतों के नाम

1.- करहधाम आश्रम की पुजारी 70 वर्षीय शीलादेवी
2.- पंचायती धर्मशाला निवासी 60 वर्षीय विशंभर दयाल शर्मा
3.- नैनागढ़ रोड निवासी 71 वर्षीय दिनेशचंद बंसल
4.- सुभाष नगर निवासी 58 वर्षीय सावित्री छारी
5.- टीआर पुरम निवासी 50 वर्षीय उपेंद्र बंसल
6.- दत्तपुरा निवासी 70 वर्षीय ऊषा बांदिल
7.- माहौर कॉलोनी निवासी 65 वर्षीय भुवनेश शर्मा

25 अप्रैल को कोरोना से हुई मौत

1.- गोपालपुरा निवासी 56 वर्षीय नगर निगम कर्मचारी मुन्नालाल
2.- रामनगर निवासी 52 वर्षीय मीना वर्मा
3.- गोपीनाथ पुलिया निवासी 50 वर्षीय लक्ष्मी जैन
4.- इस्लामपुरा निवासी 60 वर्षीय पुष्पा देवी
5.- एक अन्य की मौत

Last Updated : Apr 26, 2021, 1:33 PM IST
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