मुरैना। नगर निगम में काम करने वाले ठेकेदारों ने लामबंद होकर नगरीय प्रशासन के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. ठेकेदारों का कहना है कि उनको 3-4 सालों से लंबित निर्माण कार्यों के भुगतान नहीं किया गया है. जबकि कोरोना काल में एजेंसियों से लिए गए काम के भुगतान किए जा रहे हैं. इसके पीछे कारण ये है कि कमिश्नर नगर निगम द्वारा संबंधित शाखा के बाबू, प्रशासक और आयुक्त चंबल संभाग के नाम पर मोटे कमीशन की मांग की जा रही है, और जो लोग कमीशन नहीं दे रहे हैं, उनके भुगतान लंबे समय से नहीं किए जा रहे हैं.
मुरैना नगर निगम में काम करने वाले विभिन्न ठेकेदारों ने एकजुट होकर मीडिया के माध्यम से नगरीय प्रशासन से भुगतान करने की मांग की है. ठेकेदारों का कहना है कि नगरीय प्रशासन द्वारा 20 से 25 फीसदी तक कमीशन मांगा जा रहा है, जिसमें 10 फीसदी प्रशासक नगर निगम मुरैना एवं आयुक्त चंबल संभाग के नाम पर मांगा जा रहा है. शेष भुगतान संबंधित शाखा के बाबू से लेकर, नगर निगम कमिश्नर के लिए निर्धारित है. ठेकेदारों का आरोप है कि आयुक्त नगर निगम द्वारा बाद में किए गए कार्यों के भुगतान किए जा रहे हैं, जबकि 3-4 सालों पहले पूर्ण हुए निर्माण कार्य जिसकी सीसी जारी हो चुकी है, उनके भुगतान नहीं किए जा रहे हैं, और जब मिलते हैं तो जांच में फाइल होने की बात कह कर टाल देते हैं.
एक ठेकेदार का कहना है कि वो इस संबंध में नगर निगम प्रशासक, आयुक्त चंबल संभाग, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तक से मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन सब जगह से सिर्फ आश्वासनों के अलावा और कुछ भी हाथ नहीं लगा है.