ETV Bharat / state

चंबल संभाग के आयुक्त ने लोगों से की अपील, कहा- इको फ्रेंडली मूर्तियों की करें स्थापना - इको फ्रेंडली मूर्तियों

त्योहारों का समय नजदीक है गणेश चतुर्थी के अवसर पर होने वाली गणेश स्थापना में पीओपी की मूर्तियों का उपयोग ना हो इसके लिए हिंदू जागरण मंच सहित आयुक्त चंबल संभाग ने आमजन से अपील की है की पीओपी की मूर्तियों का उपयोग और पूजा अर्चना ना करें.

चंबल संभाग के आयुक्त ने लोगों से की अपील
author img

By

Published : Aug 31, 2019, 6:34 PM IST

मुरैना। गणेश उत्सव के लिए गणेश स्थापना का मुहूर्त आने वाला है, ऐसे में लोग अपने घरों सहित मोहल्लों में भगवान गणेश की स्थापना करते हैं. उत्सव के समापन के बाद मूर्तियों को नदी अथवा जलाशयों में विसर्जित कर दिया जाता है. अगर पीओपी की मूर्ति पानी में विसर्जित होती है, तो उसके कई दुष्परिणाम सामने आते हैं. पर्यावरण पर विसर्जन का कोई प्रतिकूल असर ना पड़े, इसके लिए चंबल संभाग के आयुक्त ने लोगों से इको फ्रेंडली मूर्तीयों की स्थापना करने की अपील की है.

चंबल संभाग के आयुक्त ने लोगों से की अपील

पीओपी की मूर्तीयों में लगे रासायनिक केमिकल पानी में न सिर्फ कठोरता बढ़ते हैं, बल्कि इसमे कई तरह के रासायनिक तत्व समाहित होते हैं, जो पानी को जलीय जीवों के लिए दूषित बनाते हैं. जीवों के जीवन पर दूषित पानी से संकट आने लगता है. सुंदर और सुविधाजनक होने की वजह से व्यवसायियों के साथ- साथ आम लोग भी पीओपी की मूर्तियों का उपयोग अधिक करते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए सामाजिक संगठन हिंदू जागरण मंच और आयुक्त चंबल संभाग ने आमजन से अपील की है, कि वह मिट्टी, गाय के गोबर तथा पंचगव्य से बनी इको फ्रेंडली मूर्तियों का ही उपयोग करें. इको फ्रेंडली मूर्तियां विसर्जन के बाद पानी में आसानी से घुल जाती हैं, वातावरण को भी किसी तरह का नुकसान नहीं होता है.

मुरैना। गणेश उत्सव के लिए गणेश स्थापना का मुहूर्त आने वाला है, ऐसे में लोग अपने घरों सहित मोहल्लों में भगवान गणेश की स्थापना करते हैं. उत्सव के समापन के बाद मूर्तियों को नदी अथवा जलाशयों में विसर्जित कर दिया जाता है. अगर पीओपी की मूर्ति पानी में विसर्जित होती है, तो उसके कई दुष्परिणाम सामने आते हैं. पर्यावरण पर विसर्जन का कोई प्रतिकूल असर ना पड़े, इसके लिए चंबल संभाग के आयुक्त ने लोगों से इको फ्रेंडली मूर्तीयों की स्थापना करने की अपील की है.

चंबल संभाग के आयुक्त ने लोगों से की अपील

पीओपी की मूर्तीयों में लगे रासायनिक केमिकल पानी में न सिर्फ कठोरता बढ़ते हैं, बल्कि इसमे कई तरह के रासायनिक तत्व समाहित होते हैं, जो पानी को जलीय जीवों के लिए दूषित बनाते हैं. जीवों के जीवन पर दूषित पानी से संकट आने लगता है. सुंदर और सुविधाजनक होने की वजह से व्यवसायियों के साथ- साथ आम लोग भी पीओपी की मूर्तियों का उपयोग अधिक करते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए सामाजिक संगठन हिंदू जागरण मंच और आयुक्त चंबल संभाग ने आमजन से अपील की है, कि वह मिट्टी, गाय के गोबर तथा पंचगव्य से बनी इको फ्रेंडली मूर्तियों का ही उपयोग करें. इको फ्रेंडली मूर्तियां विसर्जन के बाद पानी में आसानी से घुल जाती हैं, वातावरण को भी किसी तरह का नुकसान नहीं होता है.

Intro:त्योहारों का समय नजदीक है इस बार गणेश चतुर्थी और नवदुर्गा महोत्सव के अवसर पर होने वाली गणेश स्थापना एवं दुर्गा स्थापना में पीओपी की मूर्तियों का उपयोग ना हो इसके लिए हिंदू जागरण मंच सहित आयुक्त चंबल संभाग में आमजन से अपील की है तो पीओपी की मूर्तियों का उपयोग पूजा अर्चना में ना करें ।
सुंदर और सुविधाजनक होने की वजह से व्यवसायियों के साथ-साथ आम लोग भी पीओपी की मूर्तियों का उपयोग अधिक करते हैं जिनके विसर्जन सेना केवल पानी में कठोरता बढ़ती है बल्कि जलीय जीवो के लिए संकट निर्मित होता है इसे ध्यान में रखते हुए सामाजिक संगठन हिंदू जागरण मंच और आयुक्त चंबल संभाग में आमजन से अपील की है कि वह मिट्टी से बनी और गाय के गोबर तथा पंचगव्य से बनी इको फ्रेंडली मूर्तियों का ही उपयोग करें ।


Body:2 दिन बाद गणेश उत्सव के लिए गणेश स्थापना का मुहूर्त आने वाला है ऐसे में लोग अपने घरों सहित मोहल्लों में सार्वजनिक स्थान पर गणेश स्थापना करते हैं उत्सव के समापन के बाद मूर्तियों को नदी अथवा जलाशयों में विसर्जन करते हैं अगर पीओपी की मूर्ति पानी में विसर्जित कर की जाती है तो उसके कई दुष्परिणाम सामने आते हैं पहला यह कि वह लंबे समय तक पानी में घूमती नहीं है जिससे पानी प्रदूषित होता है दूसरा पानी में रासायनिक केमिकलो के बोलने से पानी में न केवल कठोरता बढ़ती है बल्कि कई तरह के रासायनिक तत्व समाहित होते हैं जो पानी को जलीय जीवो के लिए दूषित बनाते हैं जलीय जीवो के जीवन पर दूषित पानी से संकट आने लगता है ।

बाईट - 1 प्रो डॉ विनायक तोमर - पर्यावरणविद


Conclusion:आजकल लोक पर्यावरण के हित और अहित को समझने लगे हैं जिसे ध्यान में रखते हुए मूर्तिकार ओने इको फ्रेंडली मूर्तियां बनाना शुरू कर दिया है जिसमें मिट्टी से बनी मूर्ति और गाय के पवित्र गोबर से बनी मूर्ति बाजार में आसानी से उपलब्ध होने लगी हैं । लेकिन अभी भी लोग सुविधा और सुंदरता की दृष्टि से पीओपी की बनी मूर्तियों का उपयोग कर रहे हैं जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है । इसे ध्यान में रखते हुए सामाजिक संस्थाएं हिंदू जागरण मंच ने सभी धर्म प्रेमियों से यह अनुरोध किया है कि वह है इको फ्रेंडली मूर्तियों का उपयोग करें ताकि पूजा अर्चना के समापन के बाद जब उन्हें विसर्जित किया जा सके तो वातावरण को किसी तरह का नुकसान ना हो ना हमारे आसपास का जल प्रदूषित होगा और ना ही प्रदूषित जल से जलीय जीवो को और आम नागरिक को किसी तरह का नुकसान होगा ।
बाईट - 2 राजीव शर्मा ,- प्रान्त अध्यक्ष हिन्दू जागरण मंच , मध्य भारत
वीओ - 3 आयुक्त चंबल संभाग श्रीमती रेणु तिवारी ने अंचल में प्लास्टिक ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों के निर्माण और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध के आदेश जारी किए हैं साथ ही उन्होंने मूर्ति कारणों से यह अपील भी की है कि वह इको फ्रेंडली मूर्तियों का निर्माण करें ताकि उन्हें बाजार में किसी तरह की प्रशासनिक कार्यवाही से नुकसान ना हो । चंबल संभाग ने यह भी कहा आम आदमी भी इस बात का ध्यान रखें कि वह इको फ्रेंडली मूर्तियों और खासकर छोटी से छोटी मूर्ति की स्थापना करें ताकि विसर्जन के समय वह या तो घर के गमलों में विसर्जित की जा सके या फिर किसी भी नदी या जलाशय में वह पानी को प्रदूषित ना करें इस बारे में उन्होंने अपना खुद का अनुभव बताते हुए कहा कि मैं स्वयं पिछले 10 वर्षों से घर में पीतल के गणेश जी की स्थापना करते हो और उत्सव के समापन के बाद उन्हें यथा स्थान उन्हें अपने घर में रखती हूं जब अगले वर्ष उत्सव आता है तब उन्हें विधि विधान के साथ उन्हें घटस्थापना कर्म विराजमान करते हैं और समापन के बाद उन्हें यथा स्थान पहुंचाते हैं इसी तरह आम लोगों को भी इको फ्रेंडली मूर्तियां का उपयोग करना चाहिए ।

बाईट 3 - श्रीमती रेणु तिवारी - आयुक्त चम्बल संभाग
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.