मुरैना। नेशनल हाइवे-3 स्थित न्यू कलेक्ट्रेट में मंगलवार को हुई जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने जौरा एसडीएम सहित 7 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए है. क्योंकि पिछली जनसुनवाई में आये 42 आवेदनों का निराकरण 24 घंटे में करने की जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों को सौंपी थी. लेकिन उनमें से किसी अधिकारियों ने निराकरण ही नहीम किया था. मंगलवार को हुई जनसुनवाई में 140 आवेदनों को कलेक्टर द्वारा सुना गया,जिनमें से 33 आवेदन 24 घंटे के अंदर निराकरण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं.
पिछली जनसुनवाई आवेदनों की समीक्षा में दिखी लापरवाही
मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने पिछली जनसुनवाई के 24 घंटे वाले आवेदनों की समीक्षा की. जिसमें कुछ अधिकारी आवेदनों का निराकरण कर चुके थे. लेकिन 7 अधिकारी ऐसे पाए गए जिन्होंने आवेदन को अपनी तरफ से दूसरे पर डालने की कोशिश की. जिस पर से कलेक्टर नाराज हुए और उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन आवेदनों में अत्यंत निराकरण जरूरी है. ऐसे आवेदन को 24 घंटे में निराकरण के लिए भेजे जाते हैं. जिनमें से एक या दो आवेदन होते हैं. उन आवेदनों का भी आप निराकरण ना कर सके तो ऐसे अधिकारी मुझे बर्दाश्त नहीं.
लापरवाही बरतने पर 7 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी
जनसुनवाई आवेदनों के निराकरण में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने DFO, जौरा SDM सहित 7 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. वहीं मुरैना तहसीलदार और कार्यपालन यंत्री का एक-एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए है.
मुरैना। नेशनल हाइवे-3 स्थित न्यू कलेक्ट्रेट में मंगलवार को हुई जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने जौरा एसडीएम सहित 7 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए है. क्योंकि पिछली जनसुनवाई में आये 42 आवेदनों का निराकरण 24 घंटे में करने की जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों को सौंपी थी. लेकिन उनमें से किसी अधिकारियों ने निराकरण ही नहीम किया था. मंगलवार को हुई जनसुनवाई में 140 आवेदनों को कलेक्टर द्वारा सुना गया,जिनमें से 33 आवेदन 24 घंटे के अंदर निराकरण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं.
पिछली जनसुनवाई आवेदनों की समीक्षा में दिखी लापरवाही
मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने पिछली जनसुनवाई के 24 घंटे वाले आवेदनों की समीक्षा की. जिसमें कुछ अधिकारी आवेदनों का निराकरण कर चुके थे. लेकिन 7 अधिकारी ऐसे पाए गए जिन्होंने आवेदन को अपनी तरफ से दूसरे पर डालने की कोशिश की. जिस पर से कलेक्टर नाराज हुए और उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन आवेदनों में अत्यंत निराकरण जरूरी है. ऐसे आवेदन को 24 घंटे में निराकरण के लिए भेजे जाते हैं. जिनमें से एक या दो आवेदन होते हैं. उन आवेदनों का भी आप निराकरण ना कर सके तो ऐसे अधिकारी मुझे बर्दाश्त नहीं.