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लापरवाही बरतने पर 7 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी

जनसुनवाई आवेदनों के निराकरण में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने DFO, जौरा SDM सहित 7 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. वहीं मुरैना तहसीलदार और कार्यपालन यंत्री का एक-एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए है.

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जनसुनवाई
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Published : Feb 10, 2021, 7:40 AM IST

मुरैना। नेशनल हाइवे-3 स्थित न्यू कलेक्ट्रेट में मंगलवार को हुई जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने जौरा एसडीएम सहित 7 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए है. क्योंकि पिछली जनसुनवाई में आये 42 आवेदनों का निराकरण 24 घंटे में करने की जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों को सौंपी थी. लेकिन उनमें से किसी अधिकारियों ने निराकरण ही नहीम किया था. मंगलवार को हुई जनसुनवाई में 140 आवेदनों को कलेक्टर द्वारा सुना गया,जिनमें से 33 आवेदन 24 घंटे के अंदर निराकरण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं.


पिछली जनसुनवाई आवेदनों की समीक्षा में दिखी लापरवाही
मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने पिछली जनसुनवाई के 24 घंटे वाले आवेदनों की समीक्षा की. जिसमें कुछ अधिकारी आवेदनों का निराकरण कर चुके थे. लेकिन 7 अधिकारी ऐसे पाए गए जिन्होंने आवेदन को अपनी तरफ से दूसरे पर डालने की कोशिश की. जिस पर से कलेक्टर नाराज हुए और उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन आवेदनों में अत्यंत निराकरण जरूरी है. ऐसे आवेदन को 24 घंटे में निराकरण के लिए भेजे जाते हैं. जिनमें से एक या दो आवेदन होते हैं. उन आवेदनों का भी आप निराकरण ना कर सके तो ऐसे अधिकारी मुझे बर्दाश्त नहीं.

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जनसुनवाई
कलेक्टर एक्सन मोड़ परजनसुनवाई के दौरान कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने साफ तौर से अधिकारियों को निर्देश दिए है कि अब टालमटोल का काम नहीं होगा. जिस अधिकारी को जो जिम्मेदारी दी गई है उस जिम्मेदारी के साथ अगली जनसुनवाई में अपडेट होकर आएंगे. ऐसा नहीं होगा कि मैं जांच पटवारी से करा रहा हूं,सचिव को बुलाया है. संबंधित अधिनस्थ कर्मचारी छुट्टी पर है, इस प्रकार के जवाब दिए तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा है कि मैं जिस अधिकारी को जो आवेदन दूं. उसका निराकरण उसी व्यक्ति को कराना है. भले ही उसे 7 दिन तक उसके घर तक पहुंचना पड़े.इन अधिकरयों को दिए कारण बताओ नोटिसपिछली जनसुनवाई में आए 42 आवेदनों का निराकरण 24 घंटे में करने की जिम्मेदारी कलेक्टर ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिए थे. इसमें से कई अधिकारियों ने आवेदनों का निराकरण 7 दिन में भी नहीं किया. इस कारण कलेक्टर ने इन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिए. वहीं पीएचई कार्यपालन यंत्री और मुरैना तहसीलदार का एक-एक दिन का वेतन काटने की कार्रवाई भी हुई है.1- डीएफओ अमित निगम2- जौरा एसडीएम नीरज शर्मा3- पोरसा तहसीलदार राम नरेश शर्मा4- जौरा तहसीलदार कल्पना शर्मा5- मुरैना तहसीलदार अजय कुमार शर्मा6- पीएचई कार्यपालन यंत्री आरएन करैया सहित एक अन्य अधिकारी और शामिल है.

मुरैना। नेशनल हाइवे-3 स्थित न्यू कलेक्ट्रेट में मंगलवार को हुई जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने जौरा एसडीएम सहित 7 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए है. क्योंकि पिछली जनसुनवाई में आये 42 आवेदनों का निराकरण 24 घंटे में करने की जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों को सौंपी थी. लेकिन उनमें से किसी अधिकारियों ने निराकरण ही नहीम किया था. मंगलवार को हुई जनसुनवाई में 140 आवेदनों को कलेक्टर द्वारा सुना गया,जिनमें से 33 आवेदन 24 घंटे के अंदर निराकरण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं.


पिछली जनसुनवाई आवेदनों की समीक्षा में दिखी लापरवाही
मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने पिछली जनसुनवाई के 24 घंटे वाले आवेदनों की समीक्षा की. जिसमें कुछ अधिकारी आवेदनों का निराकरण कर चुके थे. लेकिन 7 अधिकारी ऐसे पाए गए जिन्होंने आवेदन को अपनी तरफ से दूसरे पर डालने की कोशिश की. जिस पर से कलेक्टर नाराज हुए और उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन आवेदनों में अत्यंत निराकरण जरूरी है. ऐसे आवेदन को 24 घंटे में निराकरण के लिए भेजे जाते हैं. जिनमें से एक या दो आवेदन होते हैं. उन आवेदनों का भी आप निराकरण ना कर सके तो ऐसे अधिकारी मुझे बर्दाश्त नहीं.

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कलेक्टर एक्सन मोड़ परजनसुनवाई के दौरान कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने साफ तौर से अधिकारियों को निर्देश दिए है कि अब टालमटोल का काम नहीं होगा. जिस अधिकारी को जो जिम्मेदारी दी गई है उस जिम्मेदारी के साथ अगली जनसुनवाई में अपडेट होकर आएंगे. ऐसा नहीं होगा कि मैं जांच पटवारी से करा रहा हूं,सचिव को बुलाया है. संबंधित अधिनस्थ कर्मचारी छुट्टी पर है, इस प्रकार के जवाब दिए तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा है कि मैं जिस अधिकारी को जो आवेदन दूं. उसका निराकरण उसी व्यक्ति को कराना है. भले ही उसे 7 दिन तक उसके घर तक पहुंचना पड़े.इन अधिकरयों को दिए कारण बताओ नोटिसपिछली जनसुनवाई में आए 42 आवेदनों का निराकरण 24 घंटे में करने की जिम्मेदारी कलेक्टर ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिए थे. इसमें से कई अधिकारियों ने आवेदनों का निराकरण 7 दिन में भी नहीं किया. इस कारण कलेक्टर ने इन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिए. वहीं पीएचई कार्यपालन यंत्री और मुरैना तहसीलदार का एक-एक दिन का वेतन काटने की कार्रवाई भी हुई है.1- डीएफओ अमित निगम2- जौरा एसडीएम नीरज शर्मा3- पोरसा तहसीलदार राम नरेश शर्मा4- जौरा तहसीलदार कल्पना शर्मा5- मुरैना तहसीलदार अजय कुमार शर्मा6- पीएचई कार्यपालन यंत्री आरएन करैया सहित एक अन्य अधिकारी और शामिल है.
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