मुरैना। जिले में शासन के आदेश अनुसार सभी बाढ़ पीड़ितों को बीपीएल की दर पर पीडीएस दुकानों से खाद्यान्न देने के आदेश जारी किए गए. लेकिन पीडीएस दुकान संचालक बाढ़ पीड़ित इलाकों में भी लोगों को पात्र-अपात्र देखकर ही खाद्यान्न बांट रहे हैं, जिसके चलते बाढ़ पीड़ित दो वक्त की रोटी के लिए परेशान हो रहे हैं और सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं.
चंबल किनारे बाढ़ से करीब 100 से अधिक गांव प्रभावित हुए थे, और फसलों को भी नुकसान हुआ था. ग्रामीणों को जब तक मुआवजे की राशि और क्षतिपूर्ति नहीं मिलती तब तक बाढ़ पीड़ितों को बीपीएल की दर पर पीडीएस दुकानों से खाद्यान्न देने के आदेश शासन ने जारी किए थे, लेकिन ग्रामीणों को खाद्यान्न वितरित करने से पहले पीडीएस दुकान संचालक उनसे बीपीएल कार्ड मांग रहे हैं.
सहसपुरा के ग्रामीण गुरूवार को मामले की शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे लेकिन कलेक्टर से मुलाकात न होने के कारण ग्रामीण मायूस होकर लौट गए, हालांकि इससे पहले भी उन्होंने तहसीलदार और एसडीएम कार्यालय से संपर्क किया और अपनी समस्या बताई लेकिन किसी ने उसको गंभीरता से नहीं लिया. फिलहाल, बाढ़ पीड़ित दो वक्त की रोटी के लिए सरकारी अफसर के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.