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भारी बारिश से चंबल नदी में आई बाढ़,3 गांव डूबे - ग्रामीण चिंतित है

मुरैना के कोटा बैराज के 13 गेट खोले जाने से चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिसके चलते पोरसा तहसील के तीनों गांव नदी के चारों ओर से गिर चुके हैं .बढ़ते जलस्तर को लेकर ग्रामीण चिंतित है.

भारी बारिश से चंबल नदी में आई बाढ़
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Published : Aug 18, 2019, 12:22 AM IST

मुरैना । भारी बारिश के चलते चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिससे पोरसा तहसील के आस-पास के गांव में बाढ़ का खतरा बढ़ गया हैं
जिले में बारिश सामान्य से भले ही कम हुई है पर कोटा बैराज के 13 गेट खोले जाने से चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिसके चलते पोरसा तहसील के ग्राम पंचायत रतन वसई के मजरे के 3 गांव रामगढ़ , सुखध्यान का पुरा और इंद्रजीत का पुरा यह तीनों गांव नदी के चारों ओर से गिर चुके हैं इन गांव में लगभग 15 सौ आबादी, बरसात आने से पहले ही ग्रामीण पूरे 1 महीने महीने का राशन पानी एवं रोजमर्रा की जरूरतों का सामान खरीद कर स्टॉक कर लेते हैं.

भारी बारिश से चंबल नदी में आई बाढ़
ग्रामीणों को हर साल इस तरह के हालात से गुजरना पड़ता है क्योंकि एक महीने तक इस तरह का आलम बना रहता है ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ से पूरे फसल चौपट हो गई है और आने जाने के लिए कोई भी रास्ता नहीं है और ना ही प्रशासन द्वारा कोई भी स्ट्रीमर या वोट तक उपलब्ध नहीं कराई गई है अब बढ़ते जलस्तर को लेकर ग्रामीण चिंतित है.

मुरैना । भारी बारिश के चलते चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिससे पोरसा तहसील के आस-पास के गांव में बाढ़ का खतरा बढ़ गया हैं
जिले में बारिश सामान्य से भले ही कम हुई है पर कोटा बैराज के 13 गेट खोले जाने से चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिसके चलते पोरसा तहसील के ग्राम पंचायत रतन वसई के मजरे के 3 गांव रामगढ़ , सुखध्यान का पुरा और इंद्रजीत का पुरा यह तीनों गांव नदी के चारों ओर से गिर चुके हैं इन गांव में लगभग 15 सौ आबादी, बरसात आने से पहले ही ग्रामीण पूरे 1 महीने महीने का राशन पानी एवं रोजमर्रा की जरूरतों का सामान खरीद कर स्टॉक कर लेते हैं.

भारी बारिश से चंबल नदी में आई बाढ़
ग्रामीणों को हर साल इस तरह के हालात से गुजरना पड़ता है क्योंकि एक महीने तक इस तरह का आलम बना रहता है ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ से पूरे फसल चौपट हो गई है और आने जाने के लिए कोई भी रास्ता नहीं है और ना ही प्रशासन द्वारा कोई भी स्ट्रीमर या वोट तक उपलब्ध नहीं कराई गई है अब बढ़ते जलस्तर को लेकर ग्रामीण चिंतित है.
Intro:एंकर - जिले भर में सामान्य से भले ही कम हुई है पर कोटा बैराज से 13 गेट खोले जाने से इस समय चंबल खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिसके चलते पोरसा तहसील के ग्राम पंचायत रतन वसई के मजरे के 3 गांव रामगढ़ , सुखध्यान का पुरा और इंद्रजीत का पुरा यह तीनों गांव नदी के चारों ओर से गिर चुके हैं जिससे 15 सौ की कुल आबादी है बरसात आने से पहले ही यह ग्रामीण पूरे 1 महीने महीने का राशन पानी एवं रोजमर्रा की जरूरतों का सामान खरीद कर स्टॉक कर लेते हैंBody: क्योंकि ग्रामीणों को हर वर्ष इस तरह के हालात से गुजरना पड़ता है क्योंकि 1 महीने तक इस तरह का आलम बना रहता है ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ से पूरे फसल चौपट हो गई है और आने जाने के लिए कोई भी रास्ता नहीं है और ना ही प्रशासन द्वारा कोई भी स्ट्रीमर या वोट तक उपलब्ध नहीं कराई गई है अब बढ़ते जलस्तर को लेकर ग्रामीण चिंतित है

वाइट् 1 पीड़ित ग्रामीण

वाइट् 2 ग्रामीण

वाइट् 3 राजकुमार नागोरिया (तहसीलदार पोरसा)Conclusion: बढ़ते जलस्तर से कई गांव का आवागमन भी बंद है और शासन हाई अलर्ट पर है सभी गांव पर हालातों पर काबू पाने के लिए पुलिस प्रशासन और राजस्व अधिकारी नजर बनाए हुए हैं जिला प्रशासन ने सभी अधिकारी कर्मचारियों को कड़े निर्देश जारी कर हालातों पर नजर बनाए रखने को आदेश हुए हैं अगर इन आदेशों अवहेलना की तो लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी
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