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एक घर से निकली चार लाशें, 15 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली?

बेटा-बेटी और पत्नी की हत्या कर खुद को फांसी के फंदे पर लटका कर आत्महत्या करने वाले किराना व्यापारी के मामले में पुलिस ने लगभग जांच पूरी कर ली है, लेकिन अभी तक पुलिस किसी ठोस कार्रवाई तक नहीं पहुंच पाई है.

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Published : Apr 16, 2021, 10:06 AM IST

Updated : Apr 16, 2021, 11:51 AM IST

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मर्डर

मुरैना। शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत सुदामा नगर में रहने वाले किराना व्यापारी सत्यदेव शर्मा ने 15 दिन पहले अपने बेटा-बेटी और पत्नी की हत्या कर खुद फांसी लगा ली थी. एक ही परिवार के चार लोगों की मौत के बाद 15 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ अभी खाली के खाली है. इस पूरे मामले को लेकर पुलिस अभी तक किसी ठोस कार्रवाई तक नहीं पहुंच पाई है. जांच के दौरान सत्यदेव की कॉल डिटेल में 45 सटोरियों के नंबर भी सामने आये थे. पुलिस उन सभी सटोरियों से लगभग पुछ्ताछ कर चुकी है.

गौरतलब है कि, सुदामा नगर में रहने वाले किराना व्यापारी सत्यदेव शर्मा ने 31 मार्च और एक अप्रैल की रात को बेटा अश्वनी, बेटी मोहनी और पत्नी ऊषा शर्मा की धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी थी. उसके बाद व्यापारी ने खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी.

मुरैना: बीवी-बेटे-बेटी की हत्या करने के बाद फांसी पर झूला पति

सिविल लाइन थाना पुलिस मृतक के परिजनों और ससुराल पक्ष से भी पूछताछ कर रही है. पुलिस का दावा है कि सत्यदेव शर्मा सट्टे के दलदल में पूरी तरह से डूबा हुआ था. वो सट्टा भी खेला करता था. इसकी वजह से काफी रुपए फंस गए थे. 13 लाख रुपए का कर्ज भी हो गया था. हालांकि कर्ज की वजह से चार मौतों की बात लोगों के गले नहीं उतर रही है. लोगों का कहना है कि अगर कर्ज में फंसे थे, तो पूरे परिवार की जान लेने की क्या जरूरत थी.

राजेन्द्र रघुवंशी, सीएसपी
पुलिस चार लोगों की मौत के कारणों तक नहीं पहुंच पाईजांच के दौरान पुलिस ने सत्यदेव शर्मा के मोबाइल की सीडीआर रिपोर्ट भी निकाली, तो उसमें कई सटोरियों के नंबर निकले. पुलिस ने सटोरियों से जब पड़ताल की, तो ये बात सामने आई कि वह सट्टा खेला करता था. इस पर पुलिस ने दो सटोरियों रामेश्वर कुशवाह और दिलीप प्रजापति को थाने में बुलाकर पूछताछ की उन्होंने स्वीकार किया कि सत्यदेव उनसे प्रतिदिन सट्टे का नंबर लगाता था. मृतक के पिता और भाइयों से पूछताछ के दौरान पता चला कि वो पत्ती सिस्टम चलाते थे, जिसमें कुछ लोगों का एक समूह रहता था. वो लोग अपना पैसा उसमें लगाते थे. इसमें शामिल लोगों के बीच में जो व्यक्ति कर्जा लेता था, उससे ब्याज सहित वसूलते थे. इस सिस्टम की वजह से उन पर 13 लाख रुपए का कर्जा हो गया था, लेकिन पुलिस की जांच से ये साफ नहीं हो पा रहा कि सत्यदेव शर्मा ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया. हालांकि पुलिस अधिकारी इस मामले की जांच में लगे हुए है.

मुरैना। शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत सुदामा नगर में रहने वाले किराना व्यापारी सत्यदेव शर्मा ने 15 दिन पहले अपने बेटा-बेटी और पत्नी की हत्या कर खुद फांसी लगा ली थी. एक ही परिवार के चार लोगों की मौत के बाद 15 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ अभी खाली के खाली है. इस पूरे मामले को लेकर पुलिस अभी तक किसी ठोस कार्रवाई तक नहीं पहुंच पाई है. जांच के दौरान सत्यदेव की कॉल डिटेल में 45 सटोरियों के नंबर भी सामने आये थे. पुलिस उन सभी सटोरियों से लगभग पुछ्ताछ कर चुकी है.

गौरतलब है कि, सुदामा नगर में रहने वाले किराना व्यापारी सत्यदेव शर्मा ने 31 मार्च और एक अप्रैल की रात को बेटा अश्वनी, बेटी मोहनी और पत्नी ऊषा शर्मा की धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी थी. उसके बाद व्यापारी ने खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी.

मुरैना: बीवी-बेटे-बेटी की हत्या करने के बाद फांसी पर झूला पति

सिविल लाइन थाना पुलिस मृतक के परिजनों और ससुराल पक्ष से भी पूछताछ कर रही है. पुलिस का दावा है कि सत्यदेव शर्मा सट्टे के दलदल में पूरी तरह से डूबा हुआ था. वो सट्टा भी खेला करता था. इसकी वजह से काफी रुपए फंस गए थे. 13 लाख रुपए का कर्ज भी हो गया था. हालांकि कर्ज की वजह से चार मौतों की बात लोगों के गले नहीं उतर रही है. लोगों का कहना है कि अगर कर्ज में फंसे थे, तो पूरे परिवार की जान लेने की क्या जरूरत थी.

राजेन्द्र रघुवंशी, सीएसपी
पुलिस चार लोगों की मौत के कारणों तक नहीं पहुंच पाईजांच के दौरान पुलिस ने सत्यदेव शर्मा के मोबाइल की सीडीआर रिपोर्ट भी निकाली, तो उसमें कई सटोरियों के नंबर निकले. पुलिस ने सटोरियों से जब पड़ताल की, तो ये बात सामने आई कि वह सट्टा खेला करता था. इस पर पुलिस ने दो सटोरियों रामेश्वर कुशवाह और दिलीप प्रजापति को थाने में बुलाकर पूछताछ की उन्होंने स्वीकार किया कि सत्यदेव उनसे प्रतिदिन सट्टे का नंबर लगाता था. मृतक के पिता और भाइयों से पूछताछ के दौरान पता चला कि वो पत्ती सिस्टम चलाते थे, जिसमें कुछ लोगों का एक समूह रहता था. वो लोग अपना पैसा उसमें लगाते थे. इसमें शामिल लोगों के बीच में जो व्यक्ति कर्जा लेता था, उससे ब्याज सहित वसूलते थे. इस सिस्टम की वजह से उन पर 13 लाख रुपए का कर्जा हो गया था, लेकिन पुलिस की जांच से ये साफ नहीं हो पा रहा कि सत्यदेव शर्मा ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया. हालांकि पुलिस अधिकारी इस मामले की जांच में लगे हुए है.
Last Updated : Apr 16, 2021, 11:51 AM IST
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