मुरैना । जिले के बस ऑपरेटर सरकार को पंजीयन और स्थाई परमिट शुल्क जमा कराने के बाद बसों को सरेंडर करने जा रहे हैं. यूनियन के अधिकारी कलेक्टर और RTO को ज्ञापन दे चुके हैं. प्राइवेट बस ऑपरेटर यूनियन का संचालन अटल मैत्री बस सेवा समिति के नाम से किया जा रहा है. ज्ञापन देने के बाद भी इस दिशा में सरकार की ओर से कोई फैसला नहीं होने पर बस ऑपरेटरों में आक्रोश है. जिला मुख्यालय से ही करीब 500 बसों का संचालन होता है.
इसके अलावा कैलारस, सबलगढ़, जौरा, अम्बाह, पोरसा, पहाड़गढ़, और अन्य जगहों से भी यात्री बसों का संचालन होता है. यूनियन के अध्यक्ष हरिसिंह सिकरवार का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान बसों का संचालन नहीं हुआ. जिसके चलते रोड टैक्स में छूट मिलनी चाहिए. बीमा की अवधि नहीं बढ़ाई जा रही है और किश्त जमा करने में भी छूट भी मिलनी चाहिए. शासन की गाइडलाइन के अनुसार बसों में संचालन करने में परेशानी आ रही है.
बस संचालन से फायदा नही बल्कि बस ऑपरेटरों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि गुजरात, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और हिमाचल प्रदेश की सरकार ने टैक्स माफ कर दिया तो मध्यप्रदेश सरकार क्यों नहीं कर रही है. 500 बसों के पहिए थमने से करीब 1500 कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. वहीं परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बस ऑपरेटरों की मांग को ऊपर तक पहुंचा दिया गया है.