मुरैना। विधानसभा चुनावों को लेकर कई तरह के मिथक इस चुनाव में सामने आए और अब भी और मिथकों को आधार मानकर बीजेपी की उम्मीदें बरकरार बनी हुई है. मुरैना विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी रघुराज कंसाना का चुनाव संचालन कार्यालय जिस भवन में संचालित हो रहा है, उस भवन से अभी तक जितने चुनाव संचालित किए गए सभी को बीजेपी ने जीता है, इसलिए इस बार भी पार्टी की उम्मीद , उपचुनाव में विजय हासिल करने को लेकर बनी हुई है.
इस भवन को संचालन कार्यालय बना कर कौन, कब जीता चुनाव
- 2009 में भारतीय जनता पार्टी से लोकसभा के उम्मीदवार नरेंद्र सिंह तोमर ने इस भवन को सबसे पहले अपना चुनाव कार्यालय बनाया. उस समय नरेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर में राजनीति करते थे और वहीं से चुनाव भी लड़ते थे. पहली बार वह मुरैना जिले में चुनाव लड़ने के लिए आए इसलिए उनकी जीतने की उम्मीद यहां कम थी लेकिन वह अच्छे मतों से चुनाव जीते.
- 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अटल बिहारी वाजपेई के भांजे और पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा मुरैना चुनाव लड़ने आए और उन्होंने भी इसी भवन में अपना चुनाव कार्यालय बनाया, अनूप मिश्रा भी एक लाख मतों से चुनाव जीते.
- 2015 में मुरैना और भिंड से सांसद रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक अर्गल ने नगर निगम मुरैना के महापौर पद के लिए चुनाव के दौरान इस भवन में अपना कार्यालय संचालित किया और अशोक अर्गल को भी महापौर के चुनाव में बड़ी जीत दर्ज हुई.
- 2019 में नरेंद्र सिंह तोमर मुरैना लोकसभा से दूसरा चुनाव लड़ा और इस भवन में अपना चुनाव कार्यालय बनाया. इस बार नरेंद्र सिंह तोमर क्षेत्र के लोग खासा नाराज थे इसके पीछे 2009 से 14 के बीच के कार्यकाल के दौरान उन पर सजातीय लोगों को प्राथमिकता देने के आरोप लगे और उसी भय से उन्होंने सीट छोड़कर ग्वालियर से चुनाव लड़ा, लेकिन जब ग्वालियर में भी उन्हें संतोषजनक माहौल नजर नहीं आया तो वे मुरैना फिर चुनाव लड़ने आए और इस बार लोगों में उनके प्रसिद्ध खासा आक्रोश था, बावजूद इसके वह एक लाख से अधिक मतों से चुनाव जीते.
इस कालखंड के दौरान भारतीय जनता पार्टी रुस्तम सिंह ने मुरैना विधानसभा से तीन चुनाव लड़े और उन्होंने भी इस बिल्डिंग में अपना कार्यालय बनाने की कोशिश की लेकिन उन्हें यह जगह उपलब्ध नहीं हो सकी परिणाम स्वरूप वह 2008 और 2018 के चुनाव हार गए.
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गौरतलब है कि इस बार 2020 के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रघुराज सिंह कंसाना ने इसी भवन में अपना चुनाव कार्यालय बनाया है, अब देखना यह है कि क्या रघुराज कंसाना को भी इस चुनाव में विजय मिलती है या नहीं, या ये बात एक मिथक साबित होती है.
भारतीय जनता पार्टी के लिए यह भवन वास्तविक रुप से सुबह है, इसके कुछ ग्रह नक्षत्र और वास्तु जोड़ों के सहयोग से यह भारतीय जनता पार्टी के लिए विजयश्री दिलाने वाला सिद्ध होता है या नहीं यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन, यह सहयोग जरूर रहा कि जब-जब भारतीय जनता पार्टी ने इस भवन में कार्यालय बनाया उसकी जीत निश्चित हुई इस बार के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को यहां सफलता मिलेगी या नहीं यह भी चल सामने आ जाएगा.