मुरैना। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता केदार सिंह यादव ने बीजेपी के देशव्यापी आंदोलन के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ को अलीबाबा की उपाधि दे डाली, साथ ही प्रदेश के मंत्रियों को अलीबाबा के चालीस चोर बता दिया, उन्होंने बीजेपी सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी को नसीहत देने वाले उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी को भी पंसारी कहकर बुलाया.
वहीं, बीजेपी कार्यकर्ता पर हाथ उठाने वाली राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता को भी कड़े शब्दों में चैलेंज करते हुए कहा कि 'अगर हिम्मत है तो मुरैना में नौकरी कर के दिखाओ, फिर हम बताएंगे कि हाथ उठाने पर क्या हश्र होता है', उन्होंने आक्रामक तेवर में अधिकारियों को भी लताड़ा और बीजेपी के 15 साल के शासन को याद दिलाते हुए अधिकारियों को उनकी औकात दिखाई.
इन सब दृश्यों से तो यही साफ होता है कि जो बीजेपी नेता, राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता के हाथ उठाने की घटना को अमर्यादित करार दे रहे थे और खुद को संवैधानिक ढंग से आंदोलन करने वाला बताते हैं. वे खुद न केवल प्रशासनिक अधिकारियों को बल्कि प्रदेश की संवैधानिक पदों पर बैठे सीएम और उनके मंत्रियों को बेखौफ होकर अमर्यादित शब्दों से पुकार रहे हैं.