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उपचुनाव: एक दूसरे के असंतुष्टों को साधने की कोशिश में जुटी बीजेपी और कांग्रेस - by-election

मध्यप्रदेश में 24 सीटों पर होने वाले अब तक सबसे बड़े उपचुनाव से पहले नेताओं के दल बदलने का सिलसिला जारी है. दोनों पार्टियां अपने आपकों मजबूत करने में लगी हैं. बीजेपी के दो नाराज विधायकों ने कांग्रेस का हाथ थामा है, तो वहीं बीजेपी भी कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है.

BJP-Congress face to face before the by-election
सत्ता के सिंहासन पर सवार होने की जंग
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Published : Jun 25, 2020, 3:26 PM IST

मुरैना। मध्यप्रदेश में एक बार फिर से सत्ता के सिंहासन पर सवार होने की जंग शुरू होने जा रही है. प्रदेश में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव का बिगुल किसी भी समय बज सकता है. यही वजह है कि, दोनों ही दलों ने अपनी- अपनी सेना को मजूबत करने की तैयारियां तेज कर दी हैं. बीजेपी जहां 22 विधायकों को कांग्रेस से अपने पाले में लाने में सफल हुई और सत्ता के सिंहासन पर काबिज हुई, तो वहीं अब कांग्रेस भी बीजेपी की राह पर चलती नजर आ रही है.

सत्ता के सिंहासन पर सवार होने की जंग

कांग्रेस, बीजेपी के असंतुष्टों को अपने खेमे में ला रही है. जिसमें पहले ग्वालियर के वरिष्ठ नेता बालेंद्र शुक्ला का है, जो बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए, वहीं अब मुरैना से 2018 में सुमावली से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अजब सिंह कुशवाहा का नाम शामिल हो गया है. कुशवाह 2018 में बसपा से बीजेपी में शामिल हुए थे.

अजब सिंह कांग्रेस के एंदल सिंह कंसाना से वो हार गए थे, अब जब दल सिंह बीजेपी में शामिल हो गए और उनका टिकट लगभग फाइनल माना जा रहा है. तो ऐसे में टिकट का रास्ता तलाशते हुए अजब सिंह ने कांग्रेस का दामन थाम लिया, हालांकि कांग्रेस नेता इस बात से इनकार कर रहे हैं की, अजब सिंह को टिकट दिया जाएगा.

जातिगत वोट बैंक हो सकते हैं कुशवाहा !

जानकारों की माने तो अजब सिंह कुशवाहा के जाने से कांग्रेस को जातिगत वोट बैंक से सेंध लगाने का अवसर तो मिलेगा, लेकिन बीजेपी के टिकट पर लड़ते हुए उन्हें जो वोट मिले थे, वो पूरे वोट कांग्रेस को नहीं मिलेंगे. उपचुनाव तो कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशी के बीच में ही होगा, पार्टी छोड़ने के लिए न तो एदल सिंह ने अपने लोगों से पूछा और ना ही अजब सिंह ने, अब तो आने वाला समय बताएगा की कौन चुनाव जीतेगा.

मुरैना। मध्यप्रदेश में एक बार फिर से सत्ता के सिंहासन पर सवार होने की जंग शुरू होने जा रही है. प्रदेश में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव का बिगुल किसी भी समय बज सकता है. यही वजह है कि, दोनों ही दलों ने अपनी- अपनी सेना को मजूबत करने की तैयारियां तेज कर दी हैं. बीजेपी जहां 22 विधायकों को कांग्रेस से अपने पाले में लाने में सफल हुई और सत्ता के सिंहासन पर काबिज हुई, तो वहीं अब कांग्रेस भी बीजेपी की राह पर चलती नजर आ रही है.

सत्ता के सिंहासन पर सवार होने की जंग

कांग्रेस, बीजेपी के असंतुष्टों को अपने खेमे में ला रही है. जिसमें पहले ग्वालियर के वरिष्ठ नेता बालेंद्र शुक्ला का है, जो बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए, वहीं अब मुरैना से 2018 में सुमावली से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अजब सिंह कुशवाहा का नाम शामिल हो गया है. कुशवाह 2018 में बसपा से बीजेपी में शामिल हुए थे.

अजब सिंह कांग्रेस के एंदल सिंह कंसाना से वो हार गए थे, अब जब दल सिंह बीजेपी में शामिल हो गए और उनका टिकट लगभग फाइनल माना जा रहा है. तो ऐसे में टिकट का रास्ता तलाशते हुए अजब सिंह ने कांग्रेस का दामन थाम लिया, हालांकि कांग्रेस नेता इस बात से इनकार कर रहे हैं की, अजब सिंह को टिकट दिया जाएगा.

जातिगत वोट बैंक हो सकते हैं कुशवाहा !

जानकारों की माने तो अजब सिंह कुशवाहा के जाने से कांग्रेस को जातिगत वोट बैंक से सेंध लगाने का अवसर तो मिलेगा, लेकिन बीजेपी के टिकट पर लड़ते हुए उन्हें जो वोट मिले थे, वो पूरे वोट कांग्रेस को नहीं मिलेंगे. उपचुनाव तो कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशी के बीच में ही होगा, पार्टी छोड़ने के लिए न तो एदल सिंह ने अपने लोगों से पूछा और ना ही अजब सिंह ने, अब तो आने वाला समय बताएगा की कौन चुनाव जीतेगा.

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