मुरैना। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम रविवार को मुरैना पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि "हम जो देख रहे हैं विधानसभा हो या लोकसभा, उसे हम शांति का टापू नहीं कह सकते, लेकिन उसे हम बाजार भी नहीं बनने देंगे, जिसमें सिर्फ हो हल्ला हो. विधानसभा सत्र जनता की अपेक्षाओं और उनकी बात रखने के लिए चलाए जाते हैं. मैं हर बार यही प्रयास करता हूं कि सबको अपनी बात रखने का अवसर मिले. ऐसा पहली बार हुआ है कि विधानसभा में 16 घंटे तक बहस कराई गई हो और सभी को बोलने का अवसर दिया गया है."
पहली बार 16 घंटे तक चली बहस: मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम रविवार को एक दिवसीय प्रवास पर मुरैना पहुंचे. यहां अधिवक्ता संघ के कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद वे पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक एवं वित्तीय विकास निगम के अध्यक्ष रघुराज कंसाना के घर पहुंचे. उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि "ऐसा पहली बार हुआ है कि विधानसभा में चौथी बार 16 घंटे तक बहस कराई गई और सभी को बोलने का अवसर दिया गया. सालों पहले इसी सत्र के अंदर 18 घंटे बहस हुई थी, इसमें किसी भी विधायक को नहीं छोड़ा गया थे, जो नया था उसको भी अवसर दिया गया. इसमें उल्टा यह हुआ कि 1:00 बजे के बाद विपक्ष के लोग जो आरोप लगा रहे थे, वे खुद ही चले गए."
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मूल्यांकन जनता करे: जीतू पटवारी के निलंबन को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि "सिर्फ एक ही व्यक्ति का निलंबन किया है. विधानसभा में नारेबाजी करना यह सब तो उनके अधिकार में है. उसे तो हम रोक नहीं सकते, लेकिन उसकी मर्यादा बनाए रखने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. अगर पटवारी और उनके शब्द इतने ही अच्छे होते तो उनके पार्टी ने उनका साथ क्यों नहीं दिया. विधानसभा में नरोत्तम मिश्रा के द्वारा नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह की तरफ फेकी गई फाइल के सवालों पर कहा कि उसमें संविधान के विपरीत क्या है जो सज्जन सिंह ने फाड़ा था. वह भी विश्लेषण के लिए विधानसभा कमेटी के लिए भेज दिया है, कमेटी उस पर विश्लेषण करेगी. आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर गिरीश गौतम ने कहा कि पार्टी के सदस्य होने के नाते हम आंकलन करेंगे तो यह भी ठीक नहीं है, मूल्यांकन जनता को करना चाहिए. हमने अपना काम कर दिया है."