मुरैना। लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर बड़ी संख्या में लाइसेंसी हथियार थानों तक नहीं पहुंचे हैं. विधानसभा चुनाव के समय भी ये हथियार लापता थे. इसके बावजूद पुलिस जमा नहीं होने वाले हथियारों और इनके मालिकों को लेकर लापरवाही बरत रही है. ऐसे में लोकसभा चुनाव में यह हथियार परेशानी खड़ी कर सकते हैं.
पंचायत चुनावों में हुई हिंसा में सबसे ज्यादा उपयोग लाइसेंसी हथियार का हुआ था. जिले में करीब 27 हजार 500 लाइसेंसी हथियार हैं. इन हथियारों को जमा कराने के लिए 25 मार्च अंतिम तिथि घोषित की गई थी, लेकिन आखिरी तारीख तक करीब 25 हजार 500 हथियार ही थानों में जमा हुए हैं. वहीं 2 हजार लाइसेंसी हथियार अब भी जमा होने बाकी हैं. विधानसभा चुनाव में इस तरह की कार्रवाई नहीं होने का ही नतीजा है कि लोग हथियार जमा करने के लिए थानों तक नहीं पहुंचे हैं.
कलेक्टर प्रियंका दास ने कहा है कि इन हथियारों के लाइसेंस निलंबित हैं. हथियार धारकों का पता लगाकर हथियार जब्त करने की कार्रवाई जरूरी हो गई है. कलेक्टर ने 14 हथियारों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं और 50 लोगों के लाइसेंस निरस्त करने के नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं.