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हथियार जमा नहीं करने पर प्रशासन सख्त, कलेक्टर ने 14 लाइसेंस किए निरस्त - MP News

लोकसभा चुनाव से पहले लगभग 2 हजार लाइसेंसी हथियार थानों तक नहीं पहुंचे हैं. अब कलेक्टर ने 14 शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं.

लोकसभा चुनाव से पहले शस्त्र लाइंसेंस निरस्त
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Published : Mar 28, 2019, 3:02 PM IST

मुरैना। लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर बड़ी संख्या में लाइसेंसी हथियार थानों तक नहीं पहुंचे हैं. विधानसभा चुनाव के समय भी ये हथियार लापता थे. इसके बावजूद पुलिस जमा नहीं होने वाले हथियारों और इनके मालिकों को लेकर लापरवाही बरत रही है. ऐसे में लोकसभा चुनाव में यह हथियार परेशानी खड़ी कर सकते हैं.

लोकसभा चुनाव से पहले शस्त्र लाइंसेंस निरस्त

पंचायत चुनावों में हुई हिंसा में सबसे ज्यादा उपयोग लाइसेंसी हथियार का हुआ था. जिले में करीब 27 हजार 500 लाइसेंसी हथियार हैं. इन हथियारों को जमा कराने के लिए 25 मार्च अंतिम तिथि घोषित की गई थी, लेकिन आखिरी तारीख तक करीब 25 हजार 500 हथियार ही थानों में जमा हुए हैं. वहीं 2 हजार लाइसेंसी हथियार अब भी जमा होने बाकी हैं. विधानसभा चुनाव में इस तरह की कार्रवाई नहीं होने का ही नतीजा है कि लोग हथियार जमा करने के लिए थानों तक नहीं पहुंचे हैं.

कलेक्टर प्रियंका दास ने कहा है कि इन हथियारों के लाइसेंस निलंबित हैं. हथियार धारकों का पता लगाकर हथियार जब्त करने की कार्रवाई जरूरी हो गई है. कलेक्टर ने 14 हथियारों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं और 50 लोगों के लाइसेंस निरस्त करने के नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं.

मुरैना। लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर बड़ी संख्या में लाइसेंसी हथियार थानों तक नहीं पहुंचे हैं. विधानसभा चुनाव के समय भी ये हथियार लापता थे. इसके बावजूद पुलिस जमा नहीं होने वाले हथियारों और इनके मालिकों को लेकर लापरवाही बरत रही है. ऐसे में लोकसभा चुनाव में यह हथियार परेशानी खड़ी कर सकते हैं.

लोकसभा चुनाव से पहले शस्त्र लाइंसेंस निरस्त

पंचायत चुनावों में हुई हिंसा में सबसे ज्यादा उपयोग लाइसेंसी हथियार का हुआ था. जिले में करीब 27 हजार 500 लाइसेंसी हथियार हैं. इन हथियारों को जमा कराने के लिए 25 मार्च अंतिम तिथि घोषित की गई थी, लेकिन आखिरी तारीख तक करीब 25 हजार 500 हथियार ही थानों में जमा हुए हैं. वहीं 2 हजार लाइसेंसी हथियार अब भी जमा होने बाकी हैं. विधानसभा चुनाव में इस तरह की कार्रवाई नहीं होने का ही नतीजा है कि लोग हथियार जमा करने के लिए थानों तक नहीं पहुंचे हैं.

कलेक्टर प्रियंका दास ने कहा है कि इन हथियारों के लाइसेंस निलंबित हैं. हथियार धारकों का पता लगाकर हथियार जब्त करने की कार्रवाई जरूरी हो गई है. कलेक्टर ने 14 हथियारों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं और 50 लोगों के लाइसेंस निरस्त करने के नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं.

Intro:एंकर - लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर बड़ी संख्या में लाइसेंसी हथियार थानों तक नहीं पहुंचे हैं। 6 महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों में भी यह हथियार लापता थे।इसके बाद भी पुलिस ने जमा ना होने वाले हथियारों और हथियार धारियों की धरपकड़ नहीं की, ऐसे में लोकसभा चुनाव में यह शेष हथियार परेशानी खड़ी कर सकते हैं। इससे पहले यह पंचायत चुनावों में हुई हिंसा में सबसे ज्यादा उपयोग लाइसेंसी हथियार का हुआ था। जिले में करीब 27 हजार 500 लाइसेंसी हथियार है। इन हथियारों को जमा कराने के लिए 25 मार्च अंतिम तिथि घोषित की गई थी। लेकिन आखिरी तारीख तक करीब 25 हजार 500 थानों में जमा हुए हैं। अभी भी गरीब 2 हजार बाकी है। हालांकि प्रशासन ने अपने आदेश में कहा है कि इन हथियारों के लाइसेंस निलंबित हैं। लेकिन हथियार धारकों और हथियारों का पता लगाकर हथियार जब्त करने की कार्रवाई आवश्यक हो गई है। विधानसभा चुनाव में इस तरह की कार्रवाई ना होने का ही नतीजा है कि लोग हथियार जमा करने के लिए थानों तक नहीं पहुंचे हैं।कलेक्टर प्रियंका दास के मुताबिक अभी तक 14 शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए गए है। कलेक्टर ने 50 लोगों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने के नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। जिन लोगों के लाइसेंस निरस्त करने के नोटिस जारी किए गए हैं उनमें बागचीनी,सराह छौला,दिमनी और सिहोनिया इलाके के है।


Body:बाईट - प्रियंका दास - कलेक्टर मुरैना।


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