मुरैना। देश के कृषि मंत्री और मुरैना-श्योपुर सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने मंगलवार को मुरैना के नवीन कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में ग्रामीण विकास विभाग (Rural Development Department Madhya Pradesh) के अधिकारियों को संबोधित किया. इस दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि आज ग्राम पंचायतों के पास पैसों की कमी नहीं है, लेकिन एक अच्छे गवर्नेंस के लिए आज भी पंचायतें जूज रही हैं. ग्राम पंचायतों में गवर्नेंस को सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं. कृषि मंत्री ने ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों से आगे कहा कि गवर्नेंस को सुधारने के लिए जब तक कोई रिस्क नहीं लिया जाएगा, कोई कदम नहीं उठाए जाएंगे तब तक गवर्नेंस नहीं आएगी. अगर अच्छी सेवाएं हमें अपने कार्यकाल में देनी हैं तो कुछ नए नवाचार करने होंगे. जिससे सुधार शीघ्र हो जाएगा और आगे आने वाली पीढ़ी को फायदा होगा.
- अगले 3 वर्षों का रोडमैप तैयार करना होगा: कृषि मंत्री
कृषि मंत्री ने कहा कि हमें आने वाले दिनों के लिए अगले 3 वर्षों का रोडमैप तैयार करना होगा क्योंकि ग्रामीण विकास और पंचायत दोनों मंत्रालय देश की बुनियाद हैं और यह मेरे पास हैं. जितना विकास संभव हो सके, उसे करना ही उचित होगा. कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की इस बैठक में कलेक्टर बी. कार्तिकेयन, पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार, सीईओ जिला पंचायत रोशन कुमार सिंह, ग्रामीण विकास से जुड़े संबंधित विभाग के अधिकारी, जनपद सीईओ समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.
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- 15वें वित्त आयोग से 2 लाख 36 हजार रुपए ग्राम पंचायतों को मिलेंगे: तोमर
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारे पास दो विकल्प हैं. एक आने वाले कल को संभालना और दूसरा वर्तमान में प्रशंसा प्राप्त करना. जब तक विपरीत धारा नहीं बहेगी, तब तक कुछ नहीं सुधरेगा. ग्रामीण विकास और पंचायत ये दोनों मंत्रालय देश की बुनियाद हैं. आज हम कितनी भी बड़ी बात कह लें, करोड़ों रूपए खर्च कर दें, लेकिन जब तक गांव की बुनियाद ठीक नहीं होगी तब तक देश आत्मनिर्भर नहीं बनेगा. उन्होंने बताया कि 2014 में 2 लाख 292 करोड़ रूपए पंचायतों को दिया गया है. इस बार 15वें वित्त आयोग से 2 लाख 36 हजार रुपए ग्राम पंचायतों को मिलेगा.
- अधिकारी पंचायतों और सरपंचों के बीच सामंजस्य कायम करें: तोमर
कृषि मंत्री ने कहा कि अधिकारी पंचायतों और सरपंचों के बीच सामंजस्य कायम करें. उनके साथ बैठकर उनको समझाएं और ग्रामीण विकास के अगले तीन वर्ष का खाका तैयार करें. ओडीएस प्लस के तहत नए नवाचार कराएं जिसमें पानी, सोखते गड्डे, नाली निर्माण, डोर-टू-डोर जैसे काम शुरु करवाएं. मंत्री तोमर ने कहा कि जिले में 196 कालीन बुनकर है, उनको बिचौलियों के माध्यम से नहीं डायरेक्ट डील करें क्योंकि बीच में ठेकेदार के माध्यम से उन्हें कच्चा माल प्रदान किया जाता है. कालीन बुनकर को मात्र उसकी मजदूरी ही मिलती है.