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दिल्ली में जुटेंगे देश के 90 किसान संगठन, कृषि अध्यादेशों के खिलाफ आंदोलन की तैयारी - मुरैना न्यूज अपडेट

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का जी द्वारा एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर बताया गया कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन नए अध्यादेश लाए गए हैं, इनके खिलाफ आंदोलन की तैयारी के लिए दिल्ली में होने वाले 3 नवंबर की बैठक के लिए किसान संगठनों और किसान नेताओं को दिल्ली आना है.

90 farmers associations of country will gather in Delhi
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का जी
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Published : Oct 23, 2020, 10:51 PM IST

मुरैना। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार कक्का जी ने दिल्ली में होने वाले 3 नवंबर की बैठक के लिए किसान संगठनों और किसान नेताओं को आमंत्रित करने के लिए संपर्क किया साथ ही केंद्र सरकार द्वारा किसानों से जुड़े लाए गए तीन अध्यादेश ओं के विरोध में किसानों को जागृत करने गांव-गांव जाकर चर्चा की गई.

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ की पत्रकार वार्ता

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का जी द्वारा एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर बताया गया कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन नए अध्यादेश लाए गए हैं. जो कि किसान और कृषि के विरोध में हैं इनसे आने वाले भविष्य में किसानों का आधिपत्य जमीन से खत्म हो जाएगा और वह बेरोजगार होकर मजदूर बन जाएंगे. इन अध्यादेशओं में किसानों के खेतों में कोई भी कानून नहीं है. यह सभी व्यापारियों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं. इसलिए राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ चाहता है कि सरकार इन आध्यादेशों में एक लाइन और जोड़े, जिसमें वह किसान की उपज को समर्थन मूल्य से कम पर न खरीदने की गारंटी दे.

पढ़ेंः रैलियों पर पाबंदी के हाई कोर्ट के फैसले को चुनाव आयोग और बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

सरकार ने व्यापारियों को लाइसेंस से मुक्त कर दिया और मंडी के बाहर व्यापार करने की छूट दे दी, इससे व्यापारी किसानों के साथ खुलेआम ठगी करेगा और उसकी शिकायत भी नहीं की जा सकेगी क्योंकि ना व्यापारी पंजीकृत होगा और ना ही उसका कोई निश्चित कारोबार का स्थान होगा, जिससे उसके विरुद्ध किसी तरह की कोई कार्रवाई की जा सके.

कृषि अध्यादेशों में सरकार ने व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह भी कानून बनाया है कि कोई भी किसान अथवा किसान संगठन इन अध्यादेशों के खिलाफ कोर्ट नहीं जा सकता, जबकि यह देश में किसी भी व्यक्ति संगठन का मूल अधिकार है कि वह अपने हक और अधिकार के लिए कोर्ट जाए, लेकिन सरकार ने इन सभी अधिकारों को इन आध्यादेशों के माध्यम से छीन लिया है. इसलिए पूरे देश के 90 किसान संगठन एकजुट होकर आंदोलन करेंगे. जिसकी रूपरेखा बनाने के लिए 3 नवंबर को सभी किसान नेता दिल्ली में एकत्रित होंगे.

मुरैना। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार कक्का जी ने दिल्ली में होने वाले 3 नवंबर की बैठक के लिए किसान संगठनों और किसान नेताओं को आमंत्रित करने के लिए संपर्क किया साथ ही केंद्र सरकार द्वारा किसानों से जुड़े लाए गए तीन अध्यादेश ओं के विरोध में किसानों को जागृत करने गांव-गांव जाकर चर्चा की गई.

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ की पत्रकार वार्ता

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का जी द्वारा एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर बताया गया कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन नए अध्यादेश लाए गए हैं. जो कि किसान और कृषि के विरोध में हैं इनसे आने वाले भविष्य में किसानों का आधिपत्य जमीन से खत्म हो जाएगा और वह बेरोजगार होकर मजदूर बन जाएंगे. इन अध्यादेशओं में किसानों के खेतों में कोई भी कानून नहीं है. यह सभी व्यापारियों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं. इसलिए राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ चाहता है कि सरकार इन आध्यादेशों में एक लाइन और जोड़े, जिसमें वह किसान की उपज को समर्थन मूल्य से कम पर न खरीदने की गारंटी दे.

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सरकार ने व्यापारियों को लाइसेंस से मुक्त कर दिया और मंडी के बाहर व्यापार करने की छूट दे दी, इससे व्यापारी किसानों के साथ खुलेआम ठगी करेगा और उसकी शिकायत भी नहीं की जा सकेगी क्योंकि ना व्यापारी पंजीकृत होगा और ना ही उसका कोई निश्चित कारोबार का स्थान होगा, जिससे उसके विरुद्ध किसी तरह की कोई कार्रवाई की जा सके.

कृषि अध्यादेशों में सरकार ने व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह भी कानून बनाया है कि कोई भी किसान अथवा किसान संगठन इन अध्यादेशों के खिलाफ कोर्ट नहीं जा सकता, जबकि यह देश में किसी भी व्यक्ति संगठन का मूल अधिकार है कि वह अपने हक और अधिकार के लिए कोर्ट जाए, लेकिन सरकार ने इन सभी अधिकारों को इन आध्यादेशों के माध्यम से छीन लिया है. इसलिए पूरे देश के 90 किसान संगठन एकजुट होकर आंदोलन करेंगे. जिसकी रूपरेखा बनाने के लिए 3 नवंबर को सभी किसान नेता दिल्ली में एकत्रित होंगे.

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