मुरैना। जिले में हजारों की संख्या में मजदूर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक सहित महाराष्ट्र में अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए काम कर रहे थे. लेकिन कोरोना संक्रमण काल में सरकार द्वारा घोषित किए गए लॉकडाउन के बाद इनके रोजगार पर संकट आ गया.
साथ ही लॉकडाउन के लगातार बढ़ते चरणों से और कोरोना संक्रमण के बढ़ते दायरे से निराश होते मजदूरों ने आखिर में घर वापसी का रास्ता चुन लिया और किसी भी कीमत पर घर के लिए निकल पड़े.
जिसके तहत मुरैना जिले में लगभग 5000 के आसपास मजदूर पिछले 3 दिनों में वापस आ चुके हैं. मजदूर ट्रकों में बैठकर या अपने निजी संसाधनों से वापस आ रहे हैं, ऐसे में इनके स्वास्थ्य परीक्षण की विभाग के पास बड़ी जिम्मेदारी है.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग तो की जा रही है, लेकिन ये मजदूर संक्रमित हैं या नहीं यह फिलहाल पता नहीं लग पाएगा. इसलिए मुरैना जिले में कोरोना को फैलने से रोकना स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है. क्योंकि अभी तक जितने मरीज सामने आए हैं, वह सभी अन्य राज्यों से वापस आने वाले लोग ही हैं.