मुरैना। पांच नर्सों को जिला अस्पताल के एक छोटे से कमरे में क्वारंटाइन किया किया गया है. अस्पताल प्रबंधन से नर्सों ने जब विरोध जताया तो उन्हें धमकी देकर चुप करवा दिया गया, उन्हें सस्पेंड करने के साथ- साथ केस दर्ज किए जाने की भी धमकी दी गई.
हद तो तब हुई जब आइसोलेशन वार्ड में काम करने वाली नर्सों ने कलेक्टर प्रियंका दास से मिलकर अपनी बात रखनी चाही, कोलेक्टर ने नर्सों की बात सुनने की बजाए उन्हें धमाकाते हुए वापस भेज दिया. इन पांच नर्सों को जिला अस्पताल में रेडक्रॉस के एक छोटे से कमरे में क्वारंटाइन किया गया है. जिनसे से दो नर्सों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिसकी वजह से मकान मालिक भी उन्हें घर में घुसने नहीं दे रहे हैं.
बता दे कि, कोरोना पॉजिटिव नर्स के संपर्क में रहने वाली नर्सों ने कलेक्टर प्रियंका दास के पास जाकर गुहार लगाई कि, उनसे सुरक्षित संसाधनों के बिना काम लिया जा रहा है एवं उनके अलग से रुकने की व्यवस्था नहीं की गई है. इस पर कलेक्टर ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया, बल्कि उन को फटकार लगाकर आइसोलेशन वार्ड में जाने का आदेश दिया. साथ में केस करने की धमकी दी.
वहीं इस मामले में कलेक्टर प्रियंका दास का कहना है कि, नर्सों के रहने के लिए शहर के एक स्कूल में व्यवस्था की गई है. 5 नर्सों को एक छोटे से कमरे में क्वारंटाइन किये गए सवाल पर कहा कि, सीएमएचओ से स्पष्टीकरण लिया जा रहा है. हालत इतने खराब है कि, कलेक्टर मीडिया के सवालों पर भी भड़कने लगी हैं इससे साफ है कि नर्सों के साथ क्या बर्ताव किया होगा.