मुरैना। जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ने से सरकारी अस्पतालों की हालत लगातार खराब हो रही है. ऐसे में मुरैना शहर के निजी अस्पताल संचालकों ने जो मानवता दिखाई है वह काबिले तारीफ है. कोरोना महामारी के प्रकोप और सरकारी व्यवस्थाओं की हालत देखकर शहर के सभी निजी अस्पताल संचालकों ने मिलकर प्रशासन की मदद से शहर के एक सरस्वती स्कूल में 40 बेड का कोरोना अस्पताल बनाया है. जिसमें बहुत कम खर्च पर गरीब व्यक्ति को भी कोरोना का इलाज मिल सकेगा.
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- जिला कलेक्टर ने दिए थे सुझाव
जिला अस्पताल के कोरोना वार्ड और आईसीयू वार्ड मरीजों से भरने के बाद कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने मुरैना शहर के सभी निजी अस्पताल संचालकों के साथ पिछले दिनों बैठक की थी. इस बैठक में एक अस्थाई कोरोना अस्पताल बनाने पर सहमति बनी थी. जिसके बाद जिला प्रशासन ने सुझाव दिए थे कि इस अस्पताल में इलाज की इतनी राशि तय की जाए जिसमें हर आम आदमी भी अपना इलाज करा सके.
- 40 बेड का अस्पताल शुरु
अस्पताल को लेकर बनी सहमति के बाद बेड और अन्य संसाधन सरस्वती शिशु मंदिर में भेजे गए थे. जिसके बाद यहां 40 बेड का अस्थाई अस्पताल बनकर तैयार हो गया है. वहीं, इस अस्पताल में 20 बेड ऐसे है. जिनको ऑक्सीजन से जोड़ा गया है. बाकी 20 बेड सामान्य मरीजों के लिए रखे गए हैं.