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मुरैना: हाथी पांव और हाइड्रोसील के मिले 23 मरीज, मलेरिया विभाग में मचा हड़कंप - मलेरिया विभाग

मुरैना जिले में अभी तक हाथी पांव बीमारी के 23 मरीज मिले है. माइक्रो फाइलेरिया ( हाथी पांव बीमारी ) के जिले में 11 मरीज और हाइड्रोसील (अण्डकोष में पानी भरना ) बीमारी में 12 मरीज मिले है. ये दोनों बीमारी क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती है.

मच्छर काटने से होती है फाइलेरिया और हाइड्रोसील बीमारी
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Published : Sep 23, 2019, 9:35 PM IST

मुरैना। जिले में माइक्रो फाइलेरिया यानी हाथी पांव और हाइड्रोसील की बीमारी अपने मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, 23 मरीज मिलने से मलेरिया विभाग में हड़कंप मच गया है. मलेरिया विभाग द्वारा की गई पड़ताल में दो माइक्रो फाइलेरिया और 21 हाइड्रोसील के केस सामने आए है. यह दोनों बीमारी एक ही मच्छर क्यूलेक्स के काटने पर होती है. खास बता ये है कि यह मच्छर रात 8 बजे के बाद ही काटता है. इसके लिए टीमें रात के समय जांच पड़ताल में लगी हुई है.

मच्छर काटने से होती है फाइलेरिया और हाइड्रोसील बीमारी

हाथी पांव बीमारी के तीन मरीज शहर की सिग्नल बस्ती और दूसरा हिंगोना की गुट्टीपुरा में मिला है. मलेरिया विभाग की टीम ने रात के समय बस्ती में पहुंचकर लोगों के ब्लड सैंपल लिए. अभी तक 300 लोगों के ब्लड की स्लाइड बनाई जा चुकी हैं, अभी 200 लोगों की और बनाई जाएगी.

अब भोपाल से टीम आएगी और जांच करेगी. इसकी जांच और रोकथाम के लिए मुरैना में भोपाल से एक्सपर्ट का दल भी आ रहा है, जो कि इस बीमारी को रोकथाम के लिए काम करेगा.
मलेरिया विभाग की टीम ने रात के समय सिग्नल बस्ती पहुंचकर वहां लोगों के ब्लड के सैम्पल ले रही है. इस बीमारी से अभी तक दतिया, सागर, टीकमगढ़, दमोह, कटनी, रीवा, सतना, उमरिया जिले ज्यादा प्रभावित थे, लेकिन अब मुरैना में इस बीमारी के मामले सामने आने से विभाग अलर्ट हो गया है. जिला मलेरिया अधिकारी हरिओम सिंह ने बताया अभी तक माइक्रो फाइलेरिया और हाइड्रोसील बीमारी से लोग डरे नहीं, इस बीमारी का इलाज संभव है.

ये है मरीजों का आंकड़ा
मुरैना - 5 मरीज, नूराबाद - 2 मरीज,पहाडग़ढ़ - 1 मरीज, पोरसा - 8 मरीज, खड़ियार - 5 मरीज, सबलगढ़ - 2 मरीज मिले है.

मुरैना। जिले में माइक्रो फाइलेरिया यानी हाथी पांव और हाइड्रोसील की बीमारी अपने मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, 23 मरीज मिलने से मलेरिया विभाग में हड़कंप मच गया है. मलेरिया विभाग द्वारा की गई पड़ताल में दो माइक्रो फाइलेरिया और 21 हाइड्रोसील के केस सामने आए है. यह दोनों बीमारी एक ही मच्छर क्यूलेक्स के काटने पर होती है. खास बता ये है कि यह मच्छर रात 8 बजे के बाद ही काटता है. इसके लिए टीमें रात के समय जांच पड़ताल में लगी हुई है.

मच्छर काटने से होती है फाइलेरिया और हाइड्रोसील बीमारी

हाथी पांव बीमारी के तीन मरीज शहर की सिग्नल बस्ती और दूसरा हिंगोना की गुट्टीपुरा में मिला है. मलेरिया विभाग की टीम ने रात के समय बस्ती में पहुंचकर लोगों के ब्लड सैंपल लिए. अभी तक 300 लोगों के ब्लड की स्लाइड बनाई जा चुकी हैं, अभी 200 लोगों की और बनाई जाएगी.

अब भोपाल से टीम आएगी और जांच करेगी. इसकी जांच और रोकथाम के लिए मुरैना में भोपाल से एक्सपर्ट का दल भी आ रहा है, जो कि इस बीमारी को रोकथाम के लिए काम करेगा.
मलेरिया विभाग की टीम ने रात के समय सिग्नल बस्ती पहुंचकर वहां लोगों के ब्लड के सैम्पल ले रही है. इस बीमारी से अभी तक दतिया, सागर, टीकमगढ़, दमोह, कटनी, रीवा, सतना, उमरिया जिले ज्यादा प्रभावित थे, लेकिन अब मुरैना में इस बीमारी के मामले सामने आने से विभाग अलर्ट हो गया है. जिला मलेरिया अधिकारी हरिओम सिंह ने बताया अभी तक माइक्रो फाइलेरिया और हाइड्रोसील बीमारी से लोग डरे नहीं, इस बीमारी का इलाज संभव है.

ये है मरीजों का आंकड़ा
मुरैना - 5 मरीज, नूराबाद - 2 मरीज,पहाडग़ढ़ - 1 मरीज, पोरसा - 8 मरीज, खड़ियार - 5 मरीज, सबलगढ़ - 2 मरीज मिले है.

Intro:एंकर - मुरैना जिले में माइक्रो फायलेरिया (हाथी पांव ) व हाइड्रोसील बीमारी के जिले में 23 मरीज मिलने से मलेरिया विभाग में हड़कंप मच गया है। मुरैना जिले की मलेरिया विभाग द्वारा की गई पड़ताल में दो माइक्रो फायलेरिया व 21 हाइड्रोसील के केस सामने आए है। यह दोनों बीमारी एक ही मच्छर क्यूलेक्स के काटने पर होती है, यह मच्छर रात 8 बजे के बाद ही काटता है। इसके लिए टीमें रात के समय जांच पड़ताल में लगी हुई है। हाथी पांव बीमारी के तीन मरीज शहर की सिग्नल बस्ती और दूसरा हिंगोना की गुट्टीपुरा में मिला है। यह मच्छर रात के 8 बजे के बाद ही सक्रिय होता है और उसके काटने से हाथीपांव जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। मुरैना में हाथी पांव के 23 मरीज मिले तो स्वास्थ्य विभाग व मलेरिया विभाग में हड़कंप मच गया। मलेरिया विभाग की टीम ने रात के समय बस्ती में पहुंचकर लोगों के ब्लड सैंपल लिए,अब भोपाल से टीम आएगी और जांच करेगी। जिले में माइक्रो फाइलेरिया ( हाथी पाव ) व हाइड्रोसील (अण्डकोष में पानी भरना ) बीमारी के जिले में 23 मरीज मिले हैं। इसकी जांच और रोकथाम के लिए मुरैना में भोपाल से एक्सपर्ट का दल भी आ रहा है जो कि उक्त बीमारी को रोकथाम के लिए काम करेगा।


Body:वीओ - मलेरिया विभाग की टीम रात के समय सिग्नल बस्ती पहुंचकर वहां लोगों के ब्लड के सैम्पल ले रही है। अभी तक 300 लोगों के ब्लड की स्लाइड बनाई जा चुकी है अभी 200 लोगों की और बनाई जाएगी। इस बीमारी से अभी तक दतिया, सागर, टीकमगढ़, दमोह, कटनी, रीवा, सतना, उमरिया जिले मैं ज्यादा प्रभावित थे। लेकिन अब मुरैना में इस बीमारी के मामले सामने आने से विभाग अलर्ट हो गया है। जिला मलेरिया अधिकारी हरिओम सिंह ने बताया अभी तक माइक्रो फाइलेरिया व हाइड्रोसील बीमारी से लोग डरे नहीं, इस बीमारी का इलाज संभव है ब्लड की स्लाइड बनवा रहे हैं और जांच के लिए भोपाल से भी एक्सपर्ट का दल भी आ रहा है।

बाइट1 - हरिओम सिंह - जिला मलेरिया अधिकारी।
बाइट2 - प्रियंका दास - कलेक्टर मुरैना।


Conclusion:वीओ - मुरैना जिले में अभी तक हाथी पाव बीमारी के 23 मरीज मिले है।

माइक्रो फाइलेरिया ( हाथी पाव बीमारी ) - मुरैना जिले में 11 मरीज मिले है।

हाइड्रोसील (अण्डकोष में पानी भरना ) - मुरैना जिले में 12 मरीज मिले है।

ये दोनों बीमारी क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती है।

जिले में मिले मरीजों की टेबल -

मुरैना - 5 मरीज
नूराबाद - 2 मरीज
पहाडग़ढ़ - 1 मरीज
पोरसा - 8 मरीज
खड़ियार - 5 मरीज
सबलगढ़ - 2 मरीज मिले है जो जिले में कुल 23 मरीज है।
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