मुरैना। जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर सिहोनियां रोड पर 300 से अधिक घरों की आबादी वाला बड़ागांव में पिछले लगभग 14 दिनों में 14 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा गांव मे कई लोग बीमार भी है, जिसकी वजह से गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है. हालांकि यहां सिर्फ 3-4 लोगों की कोरोना से मौत की पुष्टि हुई है.
- गांव को सेनेटाइज भी नहीं किया गया
पिछले 15 दिनों से बड़ा गांव में ग्रामीणों के अंदर दहशत का माहौल है. ग्रामीणों ने बताया कि हमने इसकी सूचना जिला मुख्यालय पर भी पहुंचाई, लेकिन आज तक गांव में स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम न तो मौत की वजह जानने आई, न ही ग्रामीणों का कोई चेकअप किया गया. यहां तक कि गांव को सेनेटाइज भी नहीं किया गया है.
डॉक्टरों ने चेताया! शरीर पर गाय के गोबर का लेप लगाने से mucormycosis होने का खतरा
दिमनी विधानसभा का बड़ागांव में मौतों का सिलसिला 26 अप्रैल से शुरू हुआ था. गांव मे रहने वाले नृपाल सिंह तोमर 14 अप्रैल को हरिद्वार कुंभ मेले से लौटकर अपने गांव आए थे. उसके बाद उनकी तबियत खराब हुई, जिसके बाद उनका बेटा संदीप तोमर उन्हें इलाज के लिए ग्वालियर के मिलिट्री अस्प्ताल ले गया और जांच के बाद नृपाल सिंह कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. जानकारी के मुताबिक, इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मृतक के बेटे संदीप तोमर ने बताया कि गांव मे एक के बाद एक करके 14 लोगों की मौत हो चुकी है और गांव मे आधा सैकड़ा से अधिक लोग बीमार हैं.
- लोग गांव से जाने को मजबूर
जानकारी के मुताबिक, बड़ा गांव में मौतों का सिलसिला शुरू होने के बाद डर के मारे गांव की सरपंच ऊषा तोमर सहित गांव के कई लोग मुरैना शहर में अपने परिवार के पास रहने चले गए हैं. बताया जा रहा है कि गांव मे कई वृद्ध लोगों को सांस लेने में तकलीफ हुई थी, जिसके बाद एक के बाद एक करके उनकी मौत हो गई है. अभी भी गांव मे हर घर मे किसी न किसी को सर्दी-जुकाम और बुखार की शिकायत है.