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कोरोना का कहर: ट्रांसपोर्ट और उनसे जुड़े कारोबारियों पर रोजी-रोटी का संकट

कोरोना वायरस के चलते घोषित हुए 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से कृषि उपज और माल ढुलाई करने वाले छोटे ट्रांसपोर्ट और उनके साथ जुड़े मजदूर पूरी तरह बेरोजगार हो गए हैं, जिसके चलते उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया हैं.

workers in relation with transport are facing financial crises due to lock down in mandsaur
मजदूरों पर आया रोजी-रोटी का संकट
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Published : Apr 7, 2020, 8:58 PM IST

मंदसौर। 21 दिनों तक चलने वाले लॉकडाउन के कारण अब कई लोगों पर रोजी रोटी का संकट मंडराने लगा है. सबसे ज्यादा मार उन लोगों पर पड़ी है जो दिहाड़ी मजदूरी या परिवहन के कारोबार के अलावा फेरी लगाकर माल की बिक्री और ढुलाई का काम करते हैं.

मजदूरों पर आया रोजी-रोटी का संकट

लॉकडाउन के कारण तमाम बाजार और कृषि मंडी अभी बंद है. ऐसे में कृषि उपज और माल की ढुलाई करने वाले छोटे ट्रांसपोर्ट और उनके साथ जुड़े मजदूर पूरी तरह बेगार हो गए हैं. कई लोगों के सामने अब दो वक्त की रोटी का भी संकट खड़ा होता नजर आ रहा है.

लॉकडाउन के कारण तमाम वाहनों के पहिए भी जाम हो गए हैं. हजार दो हजार रुपये की कमाई करके गुजारा करने वाले इन कारोबारियों से जुड़े ड्राइवर और हम्माल भी बेरोजगार हो गए हैं. इन लोगों का कहना है कि लंबे समय से काम बंद होने के कारण रोजाना होने वाली कमाई बंद हो गई है. इन हालातों में घर में खर्च के पैसे भी उनके पास नहीं बचे हैं. वहीं कई मिनी ट्रांसपोर्टरों ने कर्ज लेकर अपने वाहन खरीद रखे हैं ऐसे में उनके फाइनेंसर कंपनियों के लोग भी दबाव बना रहे हैं.

मंदसौर। 21 दिनों तक चलने वाले लॉकडाउन के कारण अब कई लोगों पर रोजी रोटी का संकट मंडराने लगा है. सबसे ज्यादा मार उन लोगों पर पड़ी है जो दिहाड़ी मजदूरी या परिवहन के कारोबार के अलावा फेरी लगाकर माल की बिक्री और ढुलाई का काम करते हैं.

मजदूरों पर आया रोजी-रोटी का संकट

लॉकडाउन के कारण तमाम बाजार और कृषि मंडी अभी बंद है. ऐसे में कृषि उपज और माल की ढुलाई करने वाले छोटे ट्रांसपोर्ट और उनके साथ जुड़े मजदूर पूरी तरह बेगार हो गए हैं. कई लोगों के सामने अब दो वक्त की रोटी का भी संकट खड़ा होता नजर आ रहा है.

लॉकडाउन के कारण तमाम वाहनों के पहिए भी जाम हो गए हैं. हजार दो हजार रुपये की कमाई करके गुजारा करने वाले इन कारोबारियों से जुड़े ड्राइवर और हम्माल भी बेरोजगार हो गए हैं. इन लोगों का कहना है कि लंबे समय से काम बंद होने के कारण रोजाना होने वाली कमाई बंद हो गई है. इन हालातों में घर में खर्च के पैसे भी उनके पास नहीं बचे हैं. वहीं कई मिनी ट्रांसपोर्टरों ने कर्ज लेकर अपने वाहन खरीद रखे हैं ऐसे में उनके फाइनेंसर कंपनियों के लोग भी दबाव बना रहे हैं.

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