मंदसौर। शहर की प्यास बुझाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 3 साल पहले मंजूर की गई अमृत पेयजल योजना अब लालफीताशाही की भेंट चढ़ गई है. चंबल नदी से मंदसौर तक पानी पहुंचाने के लिए बनी 52 करोड़ रुपए की लागत वाली ये योजना नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष की मौत के बाद ठंडी हो गई, जिस पर बीजेपी नेताओं ने नाराजगी जताई है.
शहर के करीब 2 लाख लोगों के लिए पेयजल संकट को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत अमृत पेयजल योजना पर चल रहा काम पिछले एक महीने से बंद है. इस योजना के तहत चंबल नदी के एलबी महादेव मुहाने से पाइप लाइन के जरिए मंदसौर तक पानी पहुंचाने की योजना है. वहां स्थित फिल्टर प्लांट से ये पानी रोजाना शहर में सप्लाई की जाएगी. इस योजना के लिए डाली जा रही पाइप लाइन का निर्माण कार्य कई जगह अभी भी अधूरा पड़ा है.
खास बात ये है कि योजना का काम पूरा होने की तारीख 31 मार्च भी अब नजदीक है, लेकिन इस चाल से इसका काम इस महीने पूरा होने की उम्मीद कम नजर आ रही है. हालात ये हैं कि पाइप मंदसौर सीतामऊ मार्ग के दोनों तरफ खराब हो चुके हैं और उन पर जगह-जगह झाड़ियां उग आई है. नगर पालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की हत्या के बाद ठंडी पड़ी इस योजना से शहर के बीजेपी नेताओं ने खासी नाराजगी जताई है.
गौरतलब है कि शिवना नदी के किनारे बसे मंदसौर शहर की प्यास बुझाने के लिए इस नदी पर चार डैम बने हैं, लेकिन इनमें भरा पानी भी शहर के लिए पर्याप्त नहीं है. लिहाजा नगर पालिका परिषद के फिल्टर प्लांट से शहर वासियों को नल के जरिये तीसरे दिन केवल 20 मिनट का पानी सप्लाई किया जा रहा है. इसी लिहाज से केंद्र सरकार ने अमृत पेयजल स्कीम में चम्बल का पानी मंदसौर लाने की योजना को मंजूरी दी है.