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शहर की प्यास बुझाने वाली अमृत पेयजल योजना की थमी रफ्तार, बीजेपी ने जताया एतराज - भाजपा

शहर की प्यास बुझाने वाली अमृत पेयजल योजना, नगर पालिका के अधिकारियों की वजह से लालफीताशाही में कैद हो गई है.

अमृत पेयजल योजना
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Published : Feb 12, 2019, 11:06 PM IST

मंदसौर। शहर की प्यास बुझाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 3 साल पहले मंजूर की गई अमृत पेयजल योजना अब लालफीताशाही की भेंट चढ़ गई है. चंबल नदी से मंदसौर तक पानी पहुंचाने के लिए बनी 52 करोड़ रुपए की लागत वाली ये योजना नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष की मौत के बाद ठंडी हो गई, जिस पर बीजेपी नेताओं ने नाराजगी जताई है.

अमृत पेयजल योजना
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शहर के करीब 2 लाख लोगों के लिए पेयजल संकट को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत अमृत पेयजल योजना पर चल रहा काम पिछले एक महीने से बंद है. इस योजना के तहत चंबल नदी के एलबी महादेव मुहाने से पाइप लाइन के जरिए मंदसौर तक पानी पहुंचाने की योजना है. वहां स्थित फिल्टर प्लांट से ये पानी रोजाना शहर में सप्लाई की जाएगी. इस योजना के लिए डाली जा रही पाइप लाइन का निर्माण कार्य कई जगह अभी भी अधूरा पड़ा है.
खास बात ये है कि योजना का काम पूरा होने की तारीख 31 मार्च भी अब नजदीक है, लेकिन इस चाल से इसका काम इस महीने पूरा होने की उम्मीद कम नजर आ रही है. हालात ये हैं कि पाइप मंदसौर सीतामऊ मार्ग के दोनों तरफ खराब हो चुके हैं और उन पर जगह-जगह झाड़ियां उग आई है. नगर पालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की हत्या के बाद ठंडी पड़ी इस योजना से शहर के बीजेपी नेताओं ने खासी नाराजगी जताई है.

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गौरतलब है कि शिवना नदी के किनारे बसे मंदसौर शहर की प्यास बुझाने के लिए इस नदी पर चार डैम बने हैं, लेकिन इनमें भरा पानी भी शहर के लिए पर्याप्त नहीं है. लिहाजा नगर पालिका परिषद के फिल्टर प्लांट से शहर वासियों को नल के जरिये तीसरे दिन केवल 20 मिनट का पानी सप्लाई किया जा रहा है. इसी लिहाज से केंद्र सरकार ने अमृत पेयजल स्कीम में चम्बल का पानी मंदसौर लाने की योजना को मंजूरी दी है.

मंदसौर। शहर की प्यास बुझाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 3 साल पहले मंजूर की गई अमृत पेयजल योजना अब लालफीताशाही की भेंट चढ़ गई है. चंबल नदी से मंदसौर तक पानी पहुंचाने के लिए बनी 52 करोड़ रुपए की लागत वाली ये योजना नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष की मौत के बाद ठंडी हो गई, जिस पर बीजेपी नेताओं ने नाराजगी जताई है.

अमृत पेयजल योजना
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शहर के करीब 2 लाख लोगों के लिए पेयजल संकट को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत अमृत पेयजल योजना पर चल रहा काम पिछले एक महीने से बंद है. इस योजना के तहत चंबल नदी के एलबी महादेव मुहाने से पाइप लाइन के जरिए मंदसौर तक पानी पहुंचाने की योजना है. वहां स्थित फिल्टर प्लांट से ये पानी रोजाना शहर में सप्लाई की जाएगी. इस योजना के लिए डाली जा रही पाइप लाइन का निर्माण कार्य कई जगह अभी भी अधूरा पड़ा है.
खास बात ये है कि योजना का काम पूरा होने की तारीख 31 मार्च भी अब नजदीक है, लेकिन इस चाल से इसका काम इस महीने पूरा होने की उम्मीद कम नजर आ रही है. हालात ये हैं कि पाइप मंदसौर सीतामऊ मार्ग के दोनों तरफ खराब हो चुके हैं और उन पर जगह-जगह झाड़ियां उग आई है. नगर पालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की हत्या के बाद ठंडी पड़ी इस योजना से शहर के बीजेपी नेताओं ने खासी नाराजगी जताई है.

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गौरतलब है कि शिवना नदी के किनारे बसे मंदसौर शहर की प्यास बुझाने के लिए इस नदी पर चार डैम बने हैं, लेकिन इनमें भरा पानी भी शहर के लिए पर्याप्त नहीं है. लिहाजा नगर पालिका परिषद के फिल्टर प्लांट से शहर वासियों को नल के जरिये तीसरे दिन केवल 20 मिनट का पानी सप्लाई किया जा रहा है. इसी लिहाज से केंद्र सरकार ने अमृत पेयजल स्कीम में चम्बल का पानी मंदसौर लाने की योजना को मंजूरी दी है.

Intro:मंदसौर। शहर की प्यास बुझाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 3 साल पहले मंजूर की गई अमृत पेयजल योजना अब लालफीताशाही की भेंट चढ़ गई है ।चंबल नदी से मंदसौर तक पानी लाने के लिए बनी 52 करोड रुपए की लागत वाली यह योजना कई दिनों से ठंडे बस्ते में पड़ी है। नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष की मृत्यु के बाद ठंडी हुई इस योजना से भाजपा नेताओं ने खासी नाराजगी जताई है।


Body:मंदसौर शहर के करीब 2 लाख लोगों के लिए पेयजल संकट को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत अमृत पेयजल योजना पर चल रहा काम पिछले एक महीने से बंद हो गया है ।इस योजना में चंबल नदी के एल्बी महादेव मुहाने से पाइप लाइन के जरिए मंदसौर तक पानी पहुंचाने की स्कीम है ।52 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के जरिए चंबल का पानी मंदसौर की शिवना नदी पर बने रामघाट बैराज पर छोड़ा जाएगा, और यहां स्थित फिल्टर प्लांट से यह पानी रोजाना शहर में सप्लाई होगा। इस योजना के लिए डाली जा रही पाइप लाइन का निर्माण काम कई जगह अभी भी अधूरा पड़ा है। खास बात यह है कि योजना के काम पूरा होने की तारीख 31 मार्च भी अब नजदीक है।लेकिन इस चाल से इसका काम इस महीने पूरा होने की उम्मीद कम नजर आ रही है। हालात यह है कि योजना के पाइप मंदसौर सीतामऊ मार्ग के दोनों तरफ तीतर बीतर पड़े हैं और उन पर जगह-जगह झाड़ियां उग आई है ।जबकि इनकी सुध लेने वाला अब कोई नहीं है ।नगर पालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की हत्या के बाद ठंडी पड़ी इस योजना से शहर के भाजपा नेताओं ने खासी नाराजगी जताई है। भाजपा नेताओं ने इस योजना के काम को जल्द पूरा करके शहर को रोजाना पानी सप्लाई करने की भी मांग उठाई है । गौरतलब है कि शिवना नदी के किनारे बसे मंदसौर शहर की प्यास बुझाने के लिए इस नदी पर चार डैम बने हुए हैं ।लेकिन इनमें भरा पानी भी शहर के लिए पर्याप्त नहीं है। लिहाजा नगर पालिका परिषद के फिल्टर प्लांट से शहर वासियों को नल के जरिये तीसरे दिन केवल 20 मिनट का पानी सप्लाई किया जा रहा है ।और इसी लिहाज से केंद्र सरकार ने अमृत पेयजल स्किम में चम्बल का पानी मंदसौर लाने के लिए योजना की मंजूरी दी है।हालांकि नगर पालिका सीएमओ सविता प्रधान ने जल्द ही इस योजना पर काम पूरा करने का दावा किया है।
byte 1: प्रसून मंडलोई ,जिला अध्यक्ष भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ मंदसौर
byte 2: सविता प्रधान ,सीएमओ नगर पालिका मंदसौर



विनोद गौड़ ,मंदसौर


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