मंदसौर। कांग्रेस सरकार की किसान कर्जमाफी योजना किसानों के लिए सिरदर्द बनती जा रही है. लंबे इंतजार के बावजूद भी मंदसौर जिले के दो तिहाई किसानों के कर्ज माफ नहीं हुई हैं. जिससे न तो किसानों को दोबारा ऋण मिल पा रहा है, दूसरी तरफ बैंक की तरफ से ब्याज की रकम तत्काल जमा करवाने के नोटिस मिलने लगे हैं. पिछले आठ महीनों से चल रही इस सरकारी रस्साकशी में जिले के कई किसान सरकारी बीमा योजना के लाभ से भी वंचित हो गए हैं.
सरकार ने पिछले साल 31 मार्च की तारीख तक किसानों के ऋण को 2 लाख वाले कर्ज माफी के दायरे में लिया हैं. सरकार ने कर्ज माफी की स्कीम को दो भागों में बांटकर पहले फेस के किसानों को तो राहत दे दी है. लेकिन 50 हजार से 2 लाख की लिमिट वाले किसानों की ऋण माफी को अभी तक भी बैंक रिकॉर्ड पर नहीं लिया है. जिससे केवल मंदसौर जिले के ही नहीं बल्कि प्रदेशभर के किसान परेशान हो रहे हैं.
सरकार की इस लेटलतीफी से बैंकों ने किसानों को अब बकाया रकम और उसके ब्याज की वसूली वाले नोटिस भेजना शुरू कर दिए हैं. खास बात यह है कि किसान कर्ज माफी की रकम जमा होने और उसके बाद दोबारा मिलने वाली ऋण की राशि का अभी भी इंतजार कर रहे हैं. जबकि बीमा योजना की तारीख निकलने से किसान खरीफ फसल की सरकारी बीमा पालिसी की योजना से भी बाहर हो गये है.
किसानों का अभी तक कर्ज माफ न होने और दोबारा ऋण न मिलने से वे खासे नाराज हैं. मामले में कृषि विभाग के अधिकारी भी दो तिहाई किसानों के कर्ज माफ न होने की बात मान रहे हैं. मंदसौर कृषि विभाग के उपसंचालक डॉक्टर अजीत सिंह राठौर ने बताया कि अब सरकार की तरफ से आदेश मिले हैं और कंप्यूटर पोर्टल पर रिकार्ड दर्ज होने के बाद ही किसानों को ऋण माफी योजना का लाभ मिलेगा.