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मंदसौर में यूरिया खाद का बढ़ा संकट, उत्पादन प्रभावित होने के आसार - government warehouse too vacant

मंदसौर जिले में भी यूरिया खाद का भारी संकट देखने को मिल रहा है. जहां डिमांड के मुताबिक 5 फीसदी भी यूरिया की सप्लाई नहीं हो रही है, जिससे किसान भारी परेशान है.

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मंदसौर में भी यूरिया का संकट
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Published : Dec 6, 2019, 11:45 PM IST

मंदसौर। पूरे प्रदेश के साथ ही मंदसौर जिले में भी यूरिया खाद का भारी संकट बना हुआ है. डिमांड के मुताबिक 5 फीसदी सप्लाई भी नहीं होने से किसान भारी परेशान है. यूरिया खाद की कमी के चलते इसकी कालाबाजारी भी बढ़ गई है. हालात ये हैं कि बाजारों में दोगुनी कीमत में भी खाद नहीं मिल रहा है, वहीं जिले के तमाम सरकारी गोदाम भी खाली पड़े है.

मंदसौर में भी यूरिया का संकट

किसान काट रहे गोदाम के चक्कर
यूरिया की एक बोरी की सरकारी कीमत 267 रुपए है, लेकिन बाजारों में ये खाद 400-500 रुपए की कीमत में भी नहीं मिल रहा है. सरकारी सेंटर भी पिछले 2 हफ्ते से खाली पड़े हुए है, ऐसे में किसान रोजाना सहकारी समितियों और उनके गोदामों के चक्कर काट रहे है, लेकिन सप्लाई नहीं होने के चलते किसानों ने अब फसलों की सिंचाई करना भी रोक दिया है. लंबे समय से फसल में पानी नहीं देने से खेतों में दरारे आ गई है, और उत्पादन पर विपरित असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. किसानों ने तत्काल यूरिया खाद की सप्लाई देने की मांग की है.

मांग ज्यादा, सप्लाई कम
इस मामले में कृषि विभाग के उप-संचालक ने भी कहा कि मांग की तुलना में सप्लाई कम हो रहा है. उपसंचालक डॉक्टर अजीत सिंह राठौर ने कहा कि जल्द ही एक रेक भरकर खाद मिलने वाला है, जिससे जिले में तत्काल खाद की पूर्ति की जा सकेगी.

मंदसौर। पूरे प्रदेश के साथ ही मंदसौर जिले में भी यूरिया खाद का भारी संकट बना हुआ है. डिमांड के मुताबिक 5 फीसदी सप्लाई भी नहीं होने से किसान भारी परेशान है. यूरिया खाद की कमी के चलते इसकी कालाबाजारी भी बढ़ गई है. हालात ये हैं कि बाजारों में दोगुनी कीमत में भी खाद नहीं मिल रहा है, वहीं जिले के तमाम सरकारी गोदाम भी खाली पड़े है.

मंदसौर में भी यूरिया का संकट

किसान काट रहे गोदाम के चक्कर
यूरिया की एक बोरी की सरकारी कीमत 267 रुपए है, लेकिन बाजारों में ये खाद 400-500 रुपए की कीमत में भी नहीं मिल रहा है. सरकारी सेंटर भी पिछले 2 हफ्ते से खाली पड़े हुए है, ऐसे में किसान रोजाना सहकारी समितियों और उनके गोदामों के चक्कर काट रहे है, लेकिन सप्लाई नहीं होने के चलते किसानों ने अब फसलों की सिंचाई करना भी रोक दिया है. लंबे समय से फसल में पानी नहीं देने से खेतों में दरारे आ गई है, और उत्पादन पर विपरित असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. किसानों ने तत्काल यूरिया खाद की सप्लाई देने की मांग की है.

मांग ज्यादा, सप्लाई कम
इस मामले में कृषि विभाग के उप-संचालक ने भी कहा कि मांग की तुलना में सप्लाई कम हो रहा है. उपसंचालक डॉक्टर अजीत सिंह राठौर ने कहा कि जल्द ही एक रेक भरकर खाद मिलने वाला है, जिससे जिले में तत्काल खाद की पूर्ति की जा सकेगी.

Intro:मंदसौर :पूरे प्रदेश के साथ ही जिले में भी यूरिया खाद का भारी संकट बना हुआ है ।डिमांड के मुताबिक 5 फ़ीसदी सप्लाई भी ना होने से आम किसान भारी परेशान है। यूरिया खाद की कमी की वजह से इसकी कालाबाजारी भी बढ़ गई है। हालात यह है कि बाजारों में दुगनी कीमत में भी खाद नहीं मिल रहा है, और इधर जिले के तमाम सरकारी गोदाम भी खाली पड़े हैं।


Body:यूरिया की एक बोरी की सरकारी कीमत 267 रुपये है ।लेकिन बाजारों में यह खाद 400 ओर 500 रुपए की कीमत में भी नहीं मिल रहा है ।सरकारी सेंटर भी पिछले 2 हफ्ते से खाली पड़े हैं। किसान रोजाना सहकारी समितियों और उनके गोदामों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन सप्लाई ना होने से उन्होंने अब फसल की सिंचाई करना भी रोक दी है। लंबे समय से फसल में पानी न देने से खेतों में दरारें आ गई है ,और फसल के उत्पादन पर भी विपरीत असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है ।किसानों ने तत्काल यूरिया खाद की सप्लाई देने की मांग की है।


Conclusion:इस मामले में कृषि विभाग के उपसंचालक ने भी मांग की तुलना में सप्लाई काफी कम होने की बात मानी है। उप संचालक डॉ अजीत सिंह राठौर ने कहा कि जल्द ही एक रेक भरकर खाद मिलने वाला है। जिससे जिले में तत्काल खाद की पूर्ति की जा सकेगी।
1. भगवान लाल ,किसान
2. शंकर लाल पटेल, किसान
3.डॉ अजीत सिंह राठौर, डीडीए, मंदसौर


विनोद गौड़, रिपोर्टर ,मंदसौर
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