मंदसौर। कोरोना वायरस के मद्देनजर ऑरेंज जोन में आए मंदसौर जिले में जिला प्रशासन ने अब लॉकडाउन के मामले में धीरे-धीरे छूट देने की कवायद शुरू की है. शहर में भी घरेलू सामानों की जरूरत पूर्ति के लिए नगर पालिका परिषद ने फल और सब्जी विक्रय के लिए 300 लोगों को नए पास जारी कर दिए हैं.

गुरुवार से तमाम वेंडरों ने शहर में अब बिक्री का काम भी शुरू कर दिया है. लेकिन शहर की हर गली और वार्ड में भ्रमण कर रहे इन वेंडरो से भी शांत पड़े जिले में कोरोना वायरस का ख़तरा बढ़ गया है.
महज पौने दो लाख की आबादी और 40 वार्डों की पूर्ति के लिए इतनी संख्या में फल और सब्जी विक्रय के नए लाइसेंस जारी करना संक्रमण के खतरे का कारण बन सकता है. हर घर के सामने सब्जियां और फल के ठेले और वाहन लेकर पहुंच रहे इन वेंडरों से लोग धड़ल्ले से खरीदारी भी कर रहे हैं.
खास बात यह है कि प्रशासन ने अभी तक इन वेंडरों के रोजाना स्वास्थ्य परीक्षण की कोई व्यवस्था नहीं की है. हालांकि नगर पालिका अध्यक्ष राम कोटवानी ने लाइसेंस जारी करने से पहले वेंडरों के स्वास्थ्य परीक्षण करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि तमाम वेंडरों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद ही उन्हें लाइसेंस जारी किए गए हैं.
ऑरेंज जोन में आने वाले मंदसौर जिले में 17 लाख की आबादी की तुलना में फिलहाल संक्रमित मरीजों की संख्या केवल 6 ही है. इनमें से भी एक मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. ऐसे सुरक्षित हालातों में जिले में अब दोबारा संक्रमण ना बढ़े, इस लिहाज से प्रशासन को भी सोच समझकर कदम उठाने की जरूरत है.