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आस्था का बड़ा केंद्र है पशुपतिनाथ मंदिर, अष्टमुखी प्रतिमा के जरिए चार अवस्थाओं में दर्शन दे रहे भोलेनाथ

दुनिया की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा वाले मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर को पर्यटन के नक्शे पर लाने की सरकारी कवायद जोरों पर हैं. यह मंदिर लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है.

pasupathinath tample of mandsaur
आस्था का बड़ा केंद्र है पशुपतिनाथ मंदिर
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Published : Dec 26, 2019, 12:34 PM IST

मंदसौर। देश का दिल कहे जाने वाला मध्यप्रदेश आस्था का बड़ा केंद्र है. मंदसौर में मौजूद भगवान भोलेनाथ का पशुपतिनाथ मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध है. यहां भगवान शिव की सबसे बड़ी अष्टमुखी प्रतिमा मौजूद है, जिसके दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं. 80 साल पहले मंदसौर की शिवना नदी में मिली यह मूर्ति दो हजार साल पुरानी बताई गई है. 7 फीट ऊंजी और ढाई मीटर गोलाकार मूर्ति मंदसौर के अलावा पूरे विश्व में कहीं नहीं है.

आस्था का बड़ा केंद्र है पशुपतिनाथ मंदिर


सावन के महीने में मिलता है खास मौका
इस धरोहर को राज्य सरकार के पर्यटन विकास निगम ने अपने अधीन कर मंदसौर शहर को पवित्र नगरी घोषित किया है. 3 साल पहले पुरातत्व विभाग के निर्देश के बाद मंदिर की प्रबंध समिति ने प्रतिमा पर सार्वजनिक जलाभिषेक और केमिकल युक्त पूजा सामग्री चढ़ाने पर रोक लगा दी है. हालांकि सावन महीने में यहां श्रद्धालुओं को जलाभिषेक करने की विशेष अनुमति दी जाती है. हर साल कार्तिक माह की पूर्णिमा पर दीपदान भी होता है. इस मौके पर देश और दुनिया भर के श्रद्धालु हर यहां पहुंचते हैं. कार्तिक माह की पूर्णिमा पर यहां15 दिवसीय मेले आयोजन भी होता, जिसमें श्रद्धालु उत्साह के साथ शामिल होते हैं.

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शिव की अनोखी प्रतिमा


8 मुख वाली प्रतिमा है अद्भुत
8 मुख वाली यह प्रतिमा दो भागों में बंटी है. प्रतिमा के मुख जीवन की चारों अवस्थाओं को दर्शाते हैं. जिसे अब पुरातत्व विभाग में संरक्षित धरोहर की श्रेणी में लिया है. हालांकि स्थानीय विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया का आरोप है कि जब से कमलनाथ सरकार आई है तब से मंदिर परिसर के होने वाले विकास कार्य ठप्प हो चुके हैं.

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आस्था का बड़ा केंद्र है पशुपतिनाथ मंदिर


दूसरी प्रतिमा के लिए मंदिर हो रहा तैयार
राज्य सरकार के धर्मस्व विभाग द्वारा इस मंदिर को पवित्र स्थान और शहर को पवित्र नगरी घोषित किया है. इस नदी से एक और शहस्त्र शिवलिंग की प्रतिमा भी मिली थी, लिहाजा यहां एक और भव्य मंदिर तैयार किया जा रहा है.

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भगवान भोलेनाथ की अष्टमुखी प्रतिमा


श्रद्धालुओं की सुविधाओं को किया जा रहा दुरुस्त
भगवान भोलेनाथ का पशुपतिनाथ मंदिर का धार्मिक महत्व होने के साथ यह लोगों की आस्था का केंद्र भी बना हुआ है. पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को और बेहतर बनाने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं.

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मंदिर में भक्तों की भीड़

मंदसौर। देश का दिल कहे जाने वाला मध्यप्रदेश आस्था का बड़ा केंद्र है. मंदसौर में मौजूद भगवान भोलेनाथ का पशुपतिनाथ मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध है. यहां भगवान शिव की सबसे बड़ी अष्टमुखी प्रतिमा मौजूद है, जिसके दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं. 80 साल पहले मंदसौर की शिवना नदी में मिली यह मूर्ति दो हजार साल पुरानी बताई गई है. 7 फीट ऊंजी और ढाई मीटर गोलाकार मूर्ति मंदसौर के अलावा पूरे विश्व में कहीं नहीं है.

आस्था का बड़ा केंद्र है पशुपतिनाथ मंदिर


सावन के महीने में मिलता है खास मौका
इस धरोहर को राज्य सरकार के पर्यटन विकास निगम ने अपने अधीन कर मंदसौर शहर को पवित्र नगरी घोषित किया है. 3 साल पहले पुरातत्व विभाग के निर्देश के बाद मंदिर की प्रबंध समिति ने प्रतिमा पर सार्वजनिक जलाभिषेक और केमिकल युक्त पूजा सामग्री चढ़ाने पर रोक लगा दी है. हालांकि सावन महीने में यहां श्रद्धालुओं को जलाभिषेक करने की विशेष अनुमति दी जाती है. हर साल कार्तिक माह की पूर्णिमा पर दीपदान भी होता है. इस मौके पर देश और दुनिया भर के श्रद्धालु हर यहां पहुंचते हैं. कार्तिक माह की पूर्णिमा पर यहां15 दिवसीय मेले आयोजन भी होता, जिसमें श्रद्धालु उत्साह के साथ शामिल होते हैं.

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शिव की अनोखी प्रतिमा


8 मुख वाली प्रतिमा है अद्भुत
8 मुख वाली यह प्रतिमा दो भागों में बंटी है. प्रतिमा के मुख जीवन की चारों अवस्थाओं को दर्शाते हैं. जिसे अब पुरातत्व विभाग में संरक्षित धरोहर की श्रेणी में लिया है. हालांकि स्थानीय विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया का आरोप है कि जब से कमलनाथ सरकार आई है तब से मंदिर परिसर के होने वाले विकास कार्य ठप्प हो चुके हैं.

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आस्था का बड़ा केंद्र है पशुपतिनाथ मंदिर


दूसरी प्रतिमा के लिए मंदिर हो रहा तैयार
राज्य सरकार के धर्मस्व विभाग द्वारा इस मंदिर को पवित्र स्थान और शहर को पवित्र नगरी घोषित किया है. इस नदी से एक और शहस्त्र शिवलिंग की प्रतिमा भी मिली थी, लिहाजा यहां एक और भव्य मंदिर तैयार किया जा रहा है.

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भगवान भोलेनाथ की अष्टमुखी प्रतिमा


श्रद्धालुओं की सुविधाओं को किया जा रहा दुरुस्त
भगवान भोलेनाथ का पशुपतिनाथ मंदिर का धार्मिक महत्व होने के साथ यह लोगों की आस्था का केंद्र भी बना हुआ है. पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को और बेहतर बनाने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं.

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मंदिर में भक्तों की भीड़
Intro:मंदसौर। मंदसौर के भगवान पशुपतिनाथ मंदिर स्थित भगवान पशुपतिनाथ की प्रतिमा दुनिया की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा है ।एक ही पत्थर से बनी अष्ट मुखी प्रतिमा करीब साढे 7 फीट ऊंची और ढाई मीटर गोलाकार वाली यह मूर्ति भगवान शिव की दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति है। 80 साल पहले मंदसौर की शिवना नदी से मिली यह प्रतिमा 2000 साल से भी ज्यादा पुरानी बताई जा रही है ।धार्मिक और पुरातात्विक महत्व की इस धरोहर को अब राज्य सरकार के पर्यटन विकास निगम ने अपने अधीन कर , शहर को पवित्र नगरी घोषित किया है।


Body:शिवना नदी में कपड़े धोते वक्त सन 1940 में शहर के उदाजी धोबी नामक व्यक्ति ने इस प्रतिमा को सबसे पहले देखा था ।इसके बाद रेत में दबी इस प्रतिमा को तत्कालीन रियासत के नरेश जीवाजी राव सिंधिया ने नदी से बाहर निकलवाया था। नदी से बाहर निकली इस प्रतिमा के 8 मुख हैं ।दो भागों में बटी इस प्रतिमा के चार ऊपर और चार नीचे के मुख जीवन की चारों अवस्थाओं को दर्शाते हैं। सभी मुख के अलग-अलग दर्शन वाली इस प्रतिमा को अब पुरातत्व विभाग में संरक्षित धरोहर की श्रेणी में लिया है। 3 साल पहले ही पुरातत्व विभाग के निर्देश के बाद प्रबंध समिति ने प्रतिमा पर सार्वजनिक जलाभिषेक और केमिकल युक्त पूजा सामग्री चढ़ाने से रोक लगा दि हैं। 1960 में शिवना नदी के किनारे बने भगवान पशुपतिनाथ मंदिर पर अब हर साल कार्तिक माह की पूर्णिमा पर दीपदान भी होता है ।नदी में दीपदान करने के लिए यहां देश और दुनिया के श्रद्धालु हर साल आते हैं ।इस अवसर पर यहां नगर पालिका परिषद, 15 दिवसीय मेला आयोजन भी करती है। सावन महीने में प्रशासन यहां श्रद्धालुओं को जलाभिषेक करने की विशेष अनुमति भी जारी करता है ।राज्य सरकार के धर्मस्व विभाग द्वारा इस मंदिर को पवित्र स्थान और शहर को पवित्र नगरी घोषित किया है ।इस नदी से एक और शहस्त्र शिवलिंग की प्रतिमा भी मिली थी। लिहाजा शासन अब यहां एक और भव्य मंदिर का निर्माण करवा रहा है। पुरातात्विक और धार्मिक महत्व की इस धरोहर वाले मंदिर के जीर्णोद्धार का काम भी जारी है।


Conclusion:श्रद्धालुओं की मांग के मुताबिक राज्य सरकार ने यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के ठहरने और खाने-पीने की विशेष सुविधाएं भी की है। सरकार मंदिर परिसर के आसपास विकास काम भी करवा रही है ।
1.पंडित कैलाश चंद्र भट्ट, प्रधान पुजारी, पशुपतिनाथ मंदिर मंदसौर
2.नितिन नवलखा, श्रद्धालु, निंबाहेड़ा, राजस्थान
3. पूजा शर्मा, श्रद्धालु ,नीमच
4.यशपाल सिंह सिसोदिया, विधायक ,मंदसौर
5. राहुल रुनवाल, प्रबंधक ,पशुपतिनाथ प्रबंध समिति, मंदसौर

विनोद गौड़, रिपोर्ट,र मंदसौर

नोट: यह खबर विशेष खबर है .अतः इस समाचार में वॉइस ओवर नहीं किया गया है .कृपया यथोचित लगाएं.
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