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मंदसौर: संतरे के खेत में घुसे मगरमच्छ, घंटों की मशक्कत के बाद फॉरेस्ट विभाग ने किया रेस्क्यू

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Published : Apr 20, 2019, 6:00 PM IST

मंदसौर के गरोठ वन परिक्षेत्र के बंजारी गांव में उस समय सनसनी फैल गई. जब संतरे के खेत में मगरमच्छ घुस आया. वन विभाग की एक टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू कर मगरमच्छ को पकड़ा कर अपने कब्जे में लिया.

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मंदसौर। गरोठ वन परिक्षेत्र के बंजारी गांव में उस समय सनसनी फैल गई. जब संतरे के खेत में मगरमच्छ घुस आया. मगरमच्छ को देखकर गांव वाले दहशत में आ गए. ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की एक टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू कर मगरमच्छ को पकड़ा कर अपने कब्जे में लिया.

वन विभाग ने मगरमच्छ का किया रेस्क्यू

मंदसौर में एशिया की क्रामिक झील गांधी सागर है. जो कि मन्दसौर और नीमच के निवासियों की प्यास बुझाती है. इस झील में छोटे बड़े जीव जन्तु पनाह लेते है. लेकिन गर्मी के मौसम में पानी की कमी के चलते झील के जानवर ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ रुक कर रहे हैं.

फॉरेस्ट रेंजर अशोक कुमार तिवारी ने बताया कि 2018 से लेकर अप्रैल 2019 तक मगरमच्छ के कुल आठ रेस्क्यू हुए थे. उन्होंने कहा की जब हम मगरमच्छ का रेस्क्यू करते हैं तो हमारी पहली प्राथमिकता यह होती है, कि हम मगरमच्छ जिस वातावरण में रहता है उसका रेस्क्यू कर उसे उसी वातावरण में छोड़ा जाए.

मंदसौर। गरोठ वन परिक्षेत्र के बंजारी गांव में उस समय सनसनी फैल गई. जब संतरे के खेत में मगरमच्छ घुस आया. मगरमच्छ को देखकर गांव वाले दहशत में आ गए. ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की एक टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू कर मगरमच्छ को पकड़ा कर अपने कब्जे में लिया.

वन विभाग ने मगरमच्छ का किया रेस्क्यू

मंदसौर में एशिया की क्रामिक झील गांधी सागर है. जो कि मन्दसौर और नीमच के निवासियों की प्यास बुझाती है. इस झील में छोटे बड़े जीव जन्तु पनाह लेते है. लेकिन गर्मी के मौसम में पानी की कमी के चलते झील के जानवर ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ रुक कर रहे हैं.

फॉरेस्ट रेंजर अशोक कुमार तिवारी ने बताया कि 2018 से लेकर अप्रैल 2019 तक मगरमच्छ के कुल आठ रेस्क्यू हुए थे. उन्होंने कहा की जब हम मगरमच्छ का रेस्क्यू करते हैं तो हमारी पहली प्राथमिकता यह होती है, कि हम मगरमच्छ जिस वातावरण में रहता है उसका रेस्क्यू कर उसे उसी वातावरण में छोड़ा जाए.

Intro: मगरमच्छ का रेस्क्यू कर फॉरेस्ट के कर्मचारियों ने मगरमच्छ को लिए अपना अधीनBody:M.P. गरोठ (मंदसोर)गरोठ वन परिक्षेत्र मे ग्राम बंजारी में राकेश पिता तेजुलाल बंजारा के संतरे के खेत मे पहुचा मगर,गरोठ 100 मोके पर, ग्रामीणों में दहशर का माहौल, (गरोठ सांवाददाता जीवन साँकला)
सूचना के बाद फारेस्ट मोके पहुचा ओर रेस्क्यू कर मगर को पकड़ा कर अपने कब्जे में लिया।
हम आप को बता दे की एशिया की मानव निर्मित झील गांधी सागर है । जो कि मन्दसौर ,नीमच जिले में है ये नदी बहुत बड़ी होने के कारण इन मे कई प्रकार के जल जीव अपना जीवन यापन करते है । लेकिन इस वर्ष अल्प वर्षा से पानी की कमी या बोले की चम्बल नहर योजना, ओर राजस्थान को पानी देने आदि कारणों से नदी में पानी का स्तर कम हो गया है । इन ही कारणों से नदी में रहने वाले मगर अपना रुक ग्रामीण क्षेत्र की तरफ कर रहे हैं या यूं कहें की अपना रुख करदिया है। जिसके कारण नदी से लगे ग्राम कस्बा के ग्रामीण सदमे में भी है । और परेशान भी हो रहे हैं कि कही कोई बड़ी घटना ना घट जाए । पूर्व में भी इसी गांव बंजारी में अपनी भैंस को पानी पिलाने गए किसान राजू बंजारा को मगरमच्छ ने अपनी चपेट में लेकर मार दिया था । हम आप को बताते है कि 2018 मैं कुल आठ मगर के रेस्क्यू हुए थे । 2019 अप्रेल तक के आंकड़े 4 माह में ही पूरे हो गए और अभी पूरा वर्ष बाकी है।
किस प्रकार करना पड़ता है रेस्क्यू देखे, एक खतरनाक मगरमच्छ का रेस्क्यू करना और उसे जीवित पकड़ कर स्वच्छ वातावरण में छोड़ना बड़ा ही खतरनाक मंजर होता है जो हमने अपने कैमरे में कैद किया है।
बाईट :- रूपलाल खेत मालिक
बाइट :-- ग्रामीण। व्हाइट अशोक कुमार तिवारी रेंजरConclusion: मगरमच्छ का रेस्क्यू करते हुए कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है क्योंकि मगरमच्छ को जीवित अवस्था में पकड़ सुरक्षित जगह छोड़ना भी होता है लगातार बढ़ रहे मगरमच्छ के ग्रामीण अंचलों में आने से चंबल नदी के क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण दहशत में है
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