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पेट की खातिर जान हथेली पर रखकर नदी पार कर रहे ग्रामीण, बेसुध हैं जिम्मेदार - सोमली नदी

मंदसौर तहसील के दमदम गांव के लोग जान जोखिम में डालकर सोमली नदी पार करते हैं. वे नदी पर पुल बनाने की मांग पिछले कई सालों से कर रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन का झुनझुना पकड़ा दिया जाता है.

people cross shomli river
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Published : Jul 25, 2019, 3:27 PM IST

मंदसौर। ये जद्दोजहद दो जून की रोटी के लिए है. जान हथेली पर लेकर लोग नदी पार करने के लिए मजबूर हैं. मंदसौर तहसील के दमदम गांव के लोग देशी जुगाड़ लगाकर नदी पार कर रहे हैं. यही देशी जुगाड़ उन्हें सोमली नदी के पार ले जाता है. इसके बाद ही वे अपने खेत पहुंच पाते हैं. ये समस्या आज से नहीं बल्कि आजादी के बाद से बनी हुई है. कई बार शिकायत के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी कुंभकर्णीय नींद में सो रहे हैं.

पुलिया नहीं होने जोखिम में जान डालकर नदी पार करते ग्रामीण

कहते हैं कि जिस गांव या बस्ती के किनारे जलाशय होता है, वहां के लोग हमेशा आबाद रहते हैं, लेकिन अफसोस कि दमदम गांव के बाशिंदे पिछले 60 सालों से इसी तरह जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं. ये हाल तब है जब सरकारें देश के हर गांव की सूरत बदलने का दावा कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत को दमदम गांव की ये तस्वीर बयां करने के लिए काफी है.

People crossing the somli river
नदी पार करते वक्त बनी रहती है अनहोनी की आशंका

635 फीट चौड़ी सेमली नदी में 6 महीने से ज्यादा तक इसी तरह पानी भरा रहता है. ऐसे में देशी जुगाड़ से बनाया गया चप्पू लोगों को इस ओर से नदी के उस तरफ ले जाने का काम करता है. इसकी कोई गारंटी नहीं कि चप्पू सकुशल नदी पार करा देगा. तस्वीरों को देखकर तो यही लगता है कि ग्रामीणों के साथ कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है. सोमली नदी पर पुल बनाने की मांग गांव के सरपंच विष्णु बाई राठौड़ ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर आला अधिकारियों से की है, बावजूद इसके हालात जस के तस हैं.

People crossing the somli river
रोज इसी तरह पार करते हैं नदी

जब ईटीवी भारत ने ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर अधिकारियों से बात की, तो जिम्मेदारों ने ग्रामीणों की समस्या हल कराने का आश्वासन दे दिया. कलेक्टर ने ग्रामीणों की परेशानी को दूर करने की बात तो कही है, लेकिन ये कब तक दूर होगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

People crossing the somli river with risking life
जोखिम के साथ नदी पार कर रहे ग्रामीण

मंदसौर। ये जद्दोजहद दो जून की रोटी के लिए है. जान हथेली पर लेकर लोग नदी पार करने के लिए मजबूर हैं. मंदसौर तहसील के दमदम गांव के लोग देशी जुगाड़ लगाकर नदी पार कर रहे हैं. यही देशी जुगाड़ उन्हें सोमली नदी के पार ले जाता है. इसके बाद ही वे अपने खेत पहुंच पाते हैं. ये समस्या आज से नहीं बल्कि आजादी के बाद से बनी हुई है. कई बार शिकायत के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी कुंभकर्णीय नींद में सो रहे हैं.

पुलिया नहीं होने जोखिम में जान डालकर नदी पार करते ग्रामीण

कहते हैं कि जिस गांव या बस्ती के किनारे जलाशय होता है, वहां के लोग हमेशा आबाद रहते हैं, लेकिन अफसोस कि दमदम गांव के बाशिंदे पिछले 60 सालों से इसी तरह जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं. ये हाल तब है जब सरकारें देश के हर गांव की सूरत बदलने का दावा कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत को दमदम गांव की ये तस्वीर बयां करने के लिए काफी है.

People crossing the somli river
नदी पार करते वक्त बनी रहती है अनहोनी की आशंका

635 फीट चौड़ी सेमली नदी में 6 महीने से ज्यादा तक इसी तरह पानी भरा रहता है. ऐसे में देशी जुगाड़ से बनाया गया चप्पू लोगों को इस ओर से नदी के उस तरफ ले जाने का काम करता है. इसकी कोई गारंटी नहीं कि चप्पू सकुशल नदी पार करा देगा. तस्वीरों को देखकर तो यही लगता है कि ग्रामीणों के साथ कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है. सोमली नदी पर पुल बनाने की मांग गांव के सरपंच विष्णु बाई राठौड़ ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर आला अधिकारियों से की है, बावजूद इसके हालात जस के तस हैं.

People crossing the somli river
रोज इसी तरह पार करते हैं नदी

जब ईटीवी भारत ने ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर अधिकारियों से बात की, तो जिम्मेदारों ने ग्रामीणों की समस्या हल कराने का आश्वासन दे दिया. कलेक्टर ने ग्रामीणों की परेशानी को दूर करने की बात तो कही है, लेकिन ये कब तक दूर होगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

People crossing the somli river with risking life
जोखिम के साथ नदी पार कर रहे ग्रामीण
Intro:कहते हैं जिस बस्ती के किनारे जलाशय हैं वहां के लोग हमेशा आबाद रहते हैं। लेकिन मंदसौर तहसील के ग्राम दमदम निवासी लोग इस गांव के किनारे बहने वाली सोमली नदी के कारण भारी परेशान है ।इस गांव के तमाम लोग खेती किसानी के कारोबार से जुड़े हुए हैं और कई लोगों के खेत नदी के उस पार स्थित है। जबकि इस नदी पर आज तक पुल का निर्माण नहीं हुआ है। लिहाजा तमाम लोग दो जून की रोटी कमाने के लिए नदी में तैरने वाले ड्रम से बने जुगाड़ के लिए नदी पार कर रहे हैं ।सैकड़ों लोग सुबह से ही नदी के किनारे जाकर खड़े हो जाते हैं और प्लास्टिक के चार ड्रमों से बनाए गए चप्पू वाले जुगाड़ पर सवार होकर नदी पार करते हैं ।इस जुगाड़ के चप्पू को इस पार से उस पार ले जाने में माहिर लोग दिनभर लोगों को लाने ले जाने में ही अपना समय बर्बाद कर रहे हैं ।635 फीट चौड़ी इस नदी में 6 महीने से ज्यादा तक लबालब पानी भरा रहता है। वहीँ इसे पार करने में महिलाओं और बुजुर्गों के अलावा बच्चे भी भारी परेशानी के शिकार हैं। गांव के लोगों ने बताया कि वह पिछले 70 सालों से लगातार इस नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं है।
byte 1: बाबूलाल, किसान
byte 2: सुगना बाई, ग्रामीण महिला


Body:सोमली नदी पर पुल बनाने के लिए ग्राम सरपंच विष्णु बाई राठौड़ ने पिछले साल क्षेत्र के विधायक ,कलेक्टर और जनपद के अलावा जिला पंचायत के अध्यक्ष को समस्या से अवगत करवाया ।लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा ।लिहाजा ग्रामीणों ने हमेशा की तरह अब हर घर से थोड़े थोड़े पैसे इकट्ठे कर एक बार फिर जुगाड़ का सामान खरीद लिया है और इसके बनने के बाद वे इसी से नदी पार कर रहे हैं ।ग्रामीणों का आरोप है कि वे पिछले 18 सालों से इसी तरह जुगाड़ के जरिये नदी पार कर रहे हैं।
byte3: गोपाल राठौर ,सरपंच प्रतिनिधि ,ग्राम दमदम


Conclusion:ग्राम दमदम के लोगों की इस समस्या के मामले में कलेक्टर मनोज पुष्प से बातचीत करने पर उन्होंने जिला पंचायत सीईओ को जल्दी समस्या का निदान करने के आदेश जारी कर दिए हैं.
byte 4:मनोज पुष्प,कलेक्टर, मंदसौर
ptc: विनोद गौड़ ,रिपोर्टर ,मंदसौर
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