मंदसौर। करीब तीन महीने तक चले लॉकडाउन के बाद अनलॉक में शासन ने सभी धार्मिक स्थलों को भी खोलने की इजाजत दे दी है. जिसके बाद कई दिनों से अपने आराध्य के दर्शन को तरस रहे श्रद्धालु अपने-अपने धार्मिक स्थल भी पहुंचे. लेकिन अनलॉक होते ही अचानक कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा देख एक बार फिर धार्मिक स्थलों में भीड़ गायब नजर आने लगी है. वहीं मंदसौर में क्रिश्चियन समाज ने फिलहाल चर्च में होने वाली सभी आराधनाओं को भक्तों के लिए बंद कर दिया है.
मंदसौर में क्रिश्चियन समाज के दो चर्च हैं, इनमें से एक चर्च शहर के बीचों बीच स्थित है. लेकिन कोरोना संक्रमण की दशहत के कारण यहां भी श्रद्धालुओं ने आना-जाना बंद कर दिया है. तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के कारण इस रोग के एक-दूसरे में फैलने के खतरे से लोग अब चर्च में नहीं आ रहे हैं. वहीं सब लोग अब अपने-अपने घरों में ही आराधना कर प्रभु से दुनिया को जल्द से जल्द कोरोना से मुक्त कराने की प्रार्थना कर रहे हैं.
25 मार्च से शुरू हुआ लॉकडाउन 8 जून तक पूरी तरह लागू रहा और इसके बाद जिला प्रशासन ने बड़े धार्मिक स्थलों पर दर्शन व्यवस्थाएं शुरू करने की इजाजत दी. मंदिर, मस्जिद के अलावा गुरुद्वारा और चर्च भी खोल दिए गए. जिसके बाद करीब डेढ़ महीने तक लगातार चर्च पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए क्रिश्चियन समाज के लोगों ने सुबह शाम-प्रार्थना की. लेकिन एक बार फिर कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलने के कारण समाज के लोगों ने फादर विनोद मईड़ा की मौजूदगी में चर्च पर तालाबंदी करने का फैसला लिया.
समाज और फादर द्वारा लिए गए फैसले के बाद पिछले 10 दिनों से चर्च में आम लोगों के दर्शन करने की व्यवस्थाएं बंद हो गई हैं. हालांकि चर्च में प्रार्थनाओं का दौर जारी है. लेकिन ये प्रार्थनाएं सिर्फ फादर और सेवादार ही सुबह आकर कर रहे हैं. फादर ने समाज के लोगों से अपने घरों पर सुरक्षित रह कर वहीं से मानसिक आराधना करने की अपील की है. वहीं चर्च में आने वाले सेवादार भी अब महज 5 मिनट तक ही आराधना कर रहे हैं.
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मंदसौर में क्रिश्चियन समाज के सिर्फ 100 परिवार हैं और शहर में दो चर्च. क्रिश्चियन समाज के सभी परिवार के लोग दोनों धार्मिक स्थलों पर शनिवार और रविवार को पहुंचकर अपनी-अपनी आराधना करते हैं . लेकिन कोरोना महामारी के मद्देनजर चर्च पर अब लोगों ने आना जाना बंद कर दिया है और तमाम लोग अपने घर पर बैठकर ही प्रभु यीशु मसीह की आराधना कर रहे हैं.