मंदसौर। जिले की सीमा से लगे प्रतापगढ़ निवासी सोहेल को नारकोटिक्स विंग मंदसौर ने 90 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ पकड़ा था. परिजनों का आरोप है कि सोहेल को पकड़ने के बाद नारकोटिक्स विंग ने उनसे संपर्क किया था. 50 लाख रुपए देकर मामला रफा-दफा करने की बात कही थी.
परिजनों के मुताबिक, उनके पास पैसों की कोई व्यवस्था नहीं थी. अगले दिन यानी आज मिलने को कहा गया था, लेकिन सुबह ही नारकोटिक्स विंग की ओर से सोहेल के भाई के पास फोन आया कि तुम्हारा भाई सांस नहीं ले पा रहा है, जिला अस्पताल आ जाओ. जैसे ही इसकी खबर सोहेल के परिजनों को लगी, बड़ी संख्या में लोग मंदसौर रवाना होने के लिए इकट्ठा हो गए. यहां पहुंचने पर पता चला कि उसकी मौत हो गई है.
मृतक सोहेल के परिजनों के मुताबिक, सोहेल कल शुक्रवार को जुम्मे की नमाज पढ़कर दोपहर 2 बजे निकला था. काफी समय हो जाने के बाद भी वह घर नहीं लौटा, तो फोन करने पर पता चला कि उसे मंदसौर नारकोटिक्स विंग पुलिस ने पकड़ लिया है. फोन पर सोहेल ने बताया था कि उसकी अधिकारी से बात हुई, तो उन्होंने कहा कि 50 लाख रुपये दें दो, तो छोड़ देंगे. परिजनों का आरोप है कि 50 लाख रुपये की व्यवस्था करने में वे असक्षम थे, तो रात में ही उन्होंने सोहेल को मार डाला. सुबह सोहेल के भाई के पास पुलिस का फोन आया. उन्होंने बताया कि तुम्हारा भाई सांस नहीं ले पा रहा है. अस्पताल में लाए हैं, तुम आ जाओ.
सोहेल के भाई का आरोप
सोहेल के भाई का आरोप है कि पुलिस ने मेरे भाई को लॉकअप के अंदर ही मार डाला. उसके हाथ पर गहरे निशान साफ दिख रहे हैं. मामले में मृतक के भाई ने नारकोटिक्स विंग में पदस्थ सब इस्पेक्टर राजमल दायमा पर पैसे मांगने ओर सोहेल को मारने का आरोप लगाया है.
नारकोटिक्स विंग: ब्राउन शुगर सहित दो आरोपी गिरफ्तार
एसपी ने क्या कहा ?
इस मामले में एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि सुबह कंट्रोल रूम में जिला अस्पताल से जानकारी मिली थी कि एक 21 वर्षीय युवक को मृत अवस्था में लाया गया है. नारकोटिक्स विंग द्वारा उसे 90 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया गया था. जब उसकी तबीयत बिगड़ी, तो उसे यहां लाया गया था, जिसके बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया. इस संबंध में नियमानुसार जांच होगी.
बता दें कि, जिला अफीम की पैदावार के लिए जाना जाता है. अफीम के अलावा यहां कई और मादक पदार्थ भी बनते रहते हैं. ऐसे में इन मादक पदार्थों को पकड़ने के लिए केंद्रीय नारकोटिक्स दल के अलावा मध्य प्रदेश पुलिस की नारकोटिक्स विंग भी काम करती हैं, जो ऐसे मामलों में एनडीपीएस की कार्रवाई करती है, लेकिन कहीं न कहीं नारकोटिक्स विंग पर लंबे समय से आरोप लगते आ रहे हैं कि मादक पदार्थों की तस्करी के नाम पर लोगों को झूठे केस में फंसाया जाता है. बड़े स्तर पर रुपयों की वसूली की जाती है.