मंडला। रमजान के कुछ दिन पहले से ही बाजारों की रौनक देखते ही बनती थी. लेकिन कोविड-19 और लॉकडाउन की वजह से सब सुनसान हो गया है. सहरी और इफ्तार के सामानों से जो बाजार भरे रहते थे अब वो वीरान हैं. ऐसे हालात में रोजेदार सरकार के दिशा-निर्देशों पर रमजान के महीने में नमाज और इबादत अपने-अपने घरों पर रहकर कर रहे हैं और इन सभी की दुआओं में है सिर्फ देश की सलामती है.
रमजान में रोजा रखने वाली जोया फातिमा ने कहा कि वो दुआ में देश की खुशहाली और सलामती मांगती हैं. जोया अल्लाह ताला से दुआ करती है कि कोरोना वायरस बीमारी जल्द से जल्द खत्म हो जाए और उसकी वैक्सीन बन जाए. ताकि लोग सामान्य जीवन जीना शुरू कर दें.
रमजान का पाक महीना रहमतों और बरकतों का माना जाता है. ये मुबारक महीना है जिसे अल्लाह ने अपना महीना करार दिया है. वैसे तो अल्लाह ने हर इबादत में सबाब रखा है और बंदा ए मोमिन पांच वक्त की नमाज अदा करके अपने रब का शुक्र अदा करता है, लेकिन माहे रमजान की इबादत को अल्लाह ने और दिनों की इबादत से 70 गुना ज्यादा महत्व दिया है. रमजान के पाक महीने में लॉकडाउन के मद्देनजर लोगों को घर पर ही रहकर इबादत करनी चाहिए. मंडला जिले में बच्चे हों या बड़े, सभी ने इस माह-ए-पाक में खास मकसद रोजे से रखे हैं और सब की दुआ में देश की सलामती है. रोजेदार जावेद असलम खान ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से वह घर में ही रहकर खुदा की इबादत कर रहे हैं. वो कहते है कि कोविड-19 की वैक्सीन बनने के लिए वे दुआ मांगते हैं.
रोजेदारों के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से घरों में रहकर ही अल्लाह की इबादत कर रहे है. क्योंकि बाहर जाने की मनाही है और मस्जिद में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है. मंडला के नैनपुर की मस्जिद में 500 नमाजी नमाज अदा करते और तस्बीह करते थे लेकिन कोरोना के चलते अब यह सुनसान हैं. क्योंकि यहां महज 5 लोगों को नमाज अदा करने की इजाज़त है. मस्जिद सदर ने बताया कि सारे लोगों को घर पर ही इबादत करने और रोजे खोलने की सलाह दी गई है. जिससे लॉकडाउन का पालन हो सके और कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सके.
मोहम्मद कलाम रशबी कहते है कि मस्जिदों में केवल पांच लोग ही नमाज पढ़ते हैं. ताकि कोरोना का संक्रमण फैल न जाए.
इस बार का रमजान बीते सालों के मुकाबले कोरोना वायरस के कारण जुदा है. रमजान के महीने में लोग मस्जिदों में न जाकर नमाजी घरों में रहकर नमाज अदा कर रहे है. लेकिन हर इबादत में सिर्फही दुआ है कि कोरोना देश से भागे और मुल्क में फिर से अमन चैन आए जिसके लिए ये देश जाना जाता है.