मंदसौर। मध्य प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होने वाले हैं. सुवासरा विधानसभा सीट की सुगबुगाहट के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने अपनी-अपनी दावेदारियां शुरू कर दी हैं. कांग्रेस छोड़कर हाल ही में भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक हरदीप सिंह डंग इस सीट पर भाजपा के सबसे बड़े दावेदार हैं. विधायक का पद छोड़कर कांग्रेस की सरकार को गिराने में हरदीप सिंह डंग का सबसे बड़ा रोल रहा है. लिहाजा पार्टी भी उन्हें सबसे पहले उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट कर रही है. हालांकि पार्टी संगठन और संघ के नेताओं ने अभी उन्हें हरी झंडी नहीं दी है.
22 सीटों पर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए पूर्व विधायकों को ही इस बार टिकट दिया जाना है. लेकिन दूसरी तरफ बीजेपी के दूसरी लाइन के नेताओं ने भी अपनी दावेदारियां शुरू कर दी है. लिहाजा उपचुनाव से पहले ही बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं.
बीजेपी से सुनील मॉदलिया भी हैं दावेदार
भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष सुनील माँदलिया भी इस सीट से बड़े दावेदार माने जा रहे हैं. सुनील मांदलिया पोरवाल और जैन के अलावा व्यापारी वर्ग के वोटों के आधार पर टिकट की डिमांड कर रहे हैं. वहीं किसानों में भी अच्छी पकड़ होने से उन्होंने यहां क्षेत्र में सिंचाई और विकास के मुद्दे पर भी टिकट का दावा शुरू कर दिया है.
पूर्व विधायक भी कर रहे टिकट की मांग
पूर्व विधायक राधेश्याम पाटीदार ने हालांकि खुलकर अपनी दावेदारी पेश नहीं की है, लेकिन संघ खेमे के बड़े नेता और पूर्व विधायक होने के नाते उनकी दावेदारी भी प्रबल मानी जा रही है. राधेश्याम पाटीदार, पाटीदार समाज के पूर्व जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं. इस लिहाज से पाटीदार वोटरों का भी उनके साथ होना माना जा रहा है. वहीं किसान नेता होने से वह पार्टी के बड़े नेताओं के सामने बतौर,अपनी दावेदारी भी पेश कर रहे हैं. ऐसे में बीजेपी के लिए अंतरकलह की संभावना बढ़ गई है.
कांग्रेस में भी कई दावेदार
हरदीप सिंह डंक के कांग्रेस छोड़ने के बाद अब कांग्रेस में भी अब कई दावेदार खड़े हो गए हैं. पिछले चुनाव में हरदीप सिंह डंग का चुनावी मैनेजमेंट देखने वाले वरिष्ठ नेता पीरुलाल डपकारा और युवा नेता महेश फरकिया के अलावा राकेश पाटीदार और मनोज मुजावदिया के साथ ही ओम सिंह भाटी भी इस सीट से बड़े दावेदार हैं.
पीरुलाल डपकरा कांग्रेस से दावेदार
पूर्व सांसद बालकवि बैरागी और पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा खेमे के वरिष्ठ नेता पीरुलाल इस बार पोरवाल और जैन वोटों के अलावा व्यापारी वर्ग के सहयोग के दम पर जोरदार दावेदारी कर रहे हैं. पीरुलाल डपकरा पोरवाल समाज के जिला अध्यक्ष भी हैं. इस सीट पर इस विधानसभा क्षेत्र में करीब 55,000 जैन और पोरवाल वोटर हैं. वहीं ग्रामीण इलाके में किसान वर्ग में भी उनकी पकड़ मजबूत मानी जा रही है, जबकि दूसरी तरफ एनएसयूआई के पूर्व जिला अध्यक्ष और ब्लॉक सचिव महेश फरकिया ने भी अपनी दावेदारी की है. वे युवा और जैन वोटों के समीकरणों के आधार पर टिकट की मांग कर रहे हैं.
राकेश पाटीदार कांग्रेस से दूसरे दावेदार
किसान आंदोलन के दौरान सुर्खियों में रहे युवा नेता राकेश पाटीदार भी इस सीट से पाटीदारों और किसानों के साथ होने के आधार पर टिकट की मांग कर रहे हैं, सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में गरीब 45000 वोट पाटीदारों के भी हैं इस लिहाज से उन्होंने जातिगत समीकरणों के आधार पर अपना दावा पेश किया है. फिलहाल जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष भी है.
पूर्व जनपद अध्यक्ष ओम सिंह भाटी ने भी मांगा टिकट
उधर, सीतामऊ के पूर्व जनपद अध्यक्ष ओम सिंह भाटी ने भी टिकट की मांग की है. उन्होंने जातिगत समीकरणों और किसानों के साथ होने के आधार पर अपना दावा पेश किया है. इस विधानसभा क्षेत्र में सोंधिया राजपूत समाज के भी करीब 40,000 वोटर हैं . लिहाजा कांग्रेस में उनकी दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है.
बहरहाल जातिगत और राजनीतिक समीकरणों के आधार पर यहां कांग्रेस की तरफ से 5 और भाजपा की तरफ से 3 बड़े नेता अपनी दावेदारियां कर रहे हैं. राजस्थान की सीमा से लगी सुवासरा विधानसभा सीट पर दो बार भाजपा और दो बार कांग्रेस के उम्मीदवारों का कब्जा रहा है, लेकिन पिछले दो चुनावों में यहां से कांग्रेस के युवा नेता हरदीप सिंह डंग ने लगातार दो बार जीत हासिल की है. इन हालातों में अब बीजेपी ने उन्हें तोड़कर अपने खेमे में शामिल तो कर लिया है, लेकिन इस बार उनकी प्रबल दावेदारी से भाजपा के कई नेता और उनके गुट के लोग खासे नाराज नजर आ रहे हैं. ऐसे में इस सीट पर अगला चुनाव काफी रोचक होने की संभावना नजर आ रही है.