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10 जुलाई को भनोत के पिटारे से निकलेगी किसानों की दशा सुधारने की दवा?

मंदसौर के किसानों ने 10 जुलाई को आने वाले कमनलाथ सरकार के बजट से बड़ी उम्मीदें लगाये बैठे हैं. किसानों का कहना है कि बजट में खेती के लिए योजनाएं चलाई जाएं, जबकि किसानों के लिए बनाई गई हितग्राही मूलक योजनाओं को वाजिब व्यक्ति तक पहुंचाने की व्यवस्था करने की भी उम्मीद जताई है.

कमलनाथ सरकार के पहले बजट से मंदसौर किसानों की उम्मीदें
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Published : Jul 8, 2019, 7:51 PM IST

Updated : Jul 8, 2019, 8:00 PM IST

मंदसौर। केंद्र सरकार के बाद अब प्रदेश की कमलनाथ सरकार 10 जुलाई को अपना पहला पूर्ण बजट पेश करेगी. इस बजट से किसानों की बड़ी उम्मीदें जुड़ी हैं. मंदसौर के किसानों ने कमलनाथ सरकार से मांग की है कि वह बजट में किसानों पर विशेष ध्यान दें, जबकि किसानों के लिए बनाई गई हितग्राही मूलक योजनाओं को वाजिब व्यक्ति तक पहुंचाने की व्यवस्था भी की जाए.

कमलनाथ सरकार के पहले बजट से मंदसौर किसानों की उम्मीदें

मंदसौर के किसानों ने सस्ते दर पर दिए जाने वाले राशन की तरह ही खेती के लिए पेट्रोल-डीजल पर भी सब्सिडी देने की मांग की है. किसानों ने बताया कि अब वे गुणवत्तापूर्ण फसल की पैदावार कर रहे हैं, लेकिन इस माल को आम उपभोक्ता तक पहुंचाने में उन्हें कोई सरकारी मदद नहीं मिल रही है, लिहाजा वे अभी भी मंडियों में व्यापारियों को अपना अनाज बेचने को मजबूर हैं. ऐसे में किसानों ने ऐसी योजना तैयार करने की बात कही है, ताकि बिचौलियों को बाहर किया जा सके.

किसानों ने खेत पहुंच मार्ग, मेड़ बंधान और कूप खनन जैसी स्कीमों को भी जमीनी किसानों तक पहुंचाने संबंधी व्यवस्था की मांग की है, जबकि डेयरी व्यवसाय से जुड़े किसानों और बेरोजगारों ने हर जिलों में सरकारी योजनाओं के टारगेट 10 गुना बढ़ाने की भी मांग कमलनाथ सरकार से की है.

किसानों की इन मांगों से जाहिर है कि इस बार के बजट से किसान खासी उम्मीदें पाल कर बैठे हैं. अब देखना होगा कि 10 जुलाई को कमलनाथ के वित्त मंत्री तरुण भनोत अपने पिटारे से किसानों की कितनी उम्मीदों को पूरा कर पाते हैं.

मंदसौर। केंद्र सरकार के बाद अब प्रदेश की कमलनाथ सरकार 10 जुलाई को अपना पहला पूर्ण बजट पेश करेगी. इस बजट से किसानों की बड़ी उम्मीदें जुड़ी हैं. मंदसौर के किसानों ने कमलनाथ सरकार से मांग की है कि वह बजट में किसानों पर विशेष ध्यान दें, जबकि किसानों के लिए बनाई गई हितग्राही मूलक योजनाओं को वाजिब व्यक्ति तक पहुंचाने की व्यवस्था भी की जाए.

कमलनाथ सरकार के पहले बजट से मंदसौर किसानों की उम्मीदें

मंदसौर के किसानों ने सस्ते दर पर दिए जाने वाले राशन की तरह ही खेती के लिए पेट्रोल-डीजल पर भी सब्सिडी देने की मांग की है. किसानों ने बताया कि अब वे गुणवत्तापूर्ण फसल की पैदावार कर रहे हैं, लेकिन इस माल को आम उपभोक्ता तक पहुंचाने में उन्हें कोई सरकारी मदद नहीं मिल रही है, लिहाजा वे अभी भी मंडियों में व्यापारियों को अपना अनाज बेचने को मजबूर हैं. ऐसे में किसानों ने ऐसी योजना तैयार करने की बात कही है, ताकि बिचौलियों को बाहर किया जा सके.

किसानों ने खेत पहुंच मार्ग, मेड़ बंधान और कूप खनन जैसी स्कीमों को भी जमीनी किसानों तक पहुंचाने संबंधी व्यवस्था की मांग की है, जबकि डेयरी व्यवसाय से जुड़े किसानों और बेरोजगारों ने हर जिलों में सरकारी योजनाओं के टारगेट 10 गुना बढ़ाने की भी मांग कमलनाथ सरकार से की है.

किसानों की इन मांगों से जाहिर है कि इस बार के बजट से किसान खासी उम्मीदें पाल कर बैठे हैं. अब देखना होगा कि 10 जुलाई को कमलनाथ के वित्त मंत्री तरुण भनोत अपने पिटारे से किसानों की कितनी उम्मीदों को पूरा कर पाते हैं.

Intro:मन्दसौर।केंद्र सरकार के बाद राज्य सरकार द्वारा पारित किए जाने वाले बजट को लेकर मंदसौर के किसानों और बेरोजगार युवाओं ने सरकार से कई तरह की मांगे की है ।इस बजट में किसानों ने, उनके लिए बनाई गई हितग्राही मूलक योजनाओं को वाजिब व्यक्ति तक पहुंचाने की व्यवस्था की मांग की है। यहां के किसानों ने सस्ते दर पर दिए जाने वाले राशन की ही तरह खेती की जमीन के आधार पर डीजल पेट्रोल पर भी सब्सिडी देने की मांग की है। किसानों ने साफ तौर पर कहा कि अब उनके द्वारा क्वालिटी बंद माल की पैदावार की जा रही है ।लेकिन इस माल को आम उपभोक्ता तक पहुंचाने में उन्हें कोई सरकारी मदद नहीं मिल रही है ,लिहाजा वे अभी भी मंडियों में व्यापारियों को अपना माल बेचने पर मजबूर है ।उन्होंने किसानों के लिए लागू की गई योजनाओं में भी आनलाइन व्यवस्था में घुसे बिचौलियों को बाहर करने की मांग की है। किसानों ने खेत पहुंच मार्ग ,मेड बंधान और कूप खनन जैसी स्कीमों को भी जमीनी किसानों तक पहुंचाने संबंधी व्यवस्था की मांग की है ।डेयरी व्यवसाय से जुड़े किसानों और बेरोजगारों ने हर जिलों में सरकारी योजनाओं के टारगेट 10 गुना बढ़ाने की भी मांग की है।


Body:byte1:मुकेश परा, किसान
byte2 :बद्री लाल धाकड़, किसान
byte 3: श्याम लाल पाटीदार, किसान
byte 4:उमाशंकर पटेल, बेरोजगार युवक
byte 5: सुरेश मालवीय, बेरोजगार युवक
byte 6: कमलेश पटेल, पशुपालक किसान



विनोद गौड़, रिपोर्टर, मंदसौर


Conclusion:.
Last Updated : Jul 8, 2019, 8:00 PM IST
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