मंदसौर। मध्य प्रदेश के सभी वर्गों को खुश करने के लिये 3 लाख 84 हजार 25 करोड़ के अपने बजट में जगदीश देवड़ा ने वैसे तो महिलाओं और बेरोजगारों के लिए कई अवसरों की घोषणा की. लेकिन प्रदेश के सबसे बड़े तबके किसानों की लंबे समय से चली आ रही कर्ज माफी की मांग के मामले में उनकी केवल ब्याज माफी की घोषणा की. जिसके बाद किसानों का रवैया अब सरकार से खासा नाराज नजर आ रहा है. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने अपने बजट में किसानों के 5 साल से चले आ रहे हैं कर्ज के केवल ब्याज माफी की घोषणा कर यह साफ कर दिया कि सरकार उनके लंबित कर्जो को माफ नहीं करेगी.
किसानों से बजट से थी उम्मीद: वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के बजट भाषण में इस घोषणा के बाद उनके गृह जिले मंदसौर के किसानों में भी खासा आक्रोश नजर आ रहा है. किसानों ने कहा कि ''दोनों सरकारों ने कर्ज माफी के मुद्दे को लेकर उन्हें गुमराह किया और उनके कर्ज ब्याज समेत दोगुने से भी ज्यादा हो गए हैं. इन हालातों में वे अब वह मौजूदा सरकार से खासे नाराज हैं''. किसानों ने अब अगले विधानसभा चुनाव में तख्तापलट कर देने के संकेत दिए हैं. किसान लंबे समय से कर्ज माफी की मांग करते चले आ रहे हैं. हालांकि कमलनाथ सरकार ने किसानों के 50000 तक के मुद्दे पर विचार कर उन्हें माफ किया, लेकिन उनकी सरकार भी पूरी तरह किसानों के कर्ज माफ नहीं कर पाई. इसी दौरान सत्ता परिवर्तन के बाद सरकार की कमान संभालने वाले शिवराज की सरकार ने भी अब तक इस मुद्दे पर किसानों की कोई सुनवाई नहीं की.
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किसानों ने दिए तख्तापलट के संकेत: चुनावी साल होने से किसान इस बार कर्ज माफी की घोषणा से काफी उम्मीद लगाए हुए बैठे थे. लेकिन करीब डेढ़ घंटे के लंबे भाषण के दौरान वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने जब कर्ज माफी के मुद्दे पर केवल ब्याज रकम माफ कर बकाया मूल रकम किसानों द्वारा बैंकों में भरने की घोषणा की. जिसके बाद अब मालवा समेत पूरे प्रदेश के किसानों में खासा आक्रोश है. बजट भाषण के बाद किसानों ने अब अगले चुनाव में तख्तापलट करने के संकेत दिए हैं.