मंदसौर। मादक पदार्थों की तस्करी का अड्डा बन चुके प्रदेश के सीमावर्ती जिले मंदसौर में अब सरकारी स्कूलों के टीचर भी इस गोरखधंधे में उतर आए हैं. अफीम, हेरोइन, ब्राउन शुगर और स्मैक की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तस्करी करने वाले, इस जिले के तस्करों ने अब यहां के सरकारी कर्मचारियों को भी इस धंधे से जोड़ना शुरू कर दिया है. दलोदा थाना पुलिस ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर सीमा पार करवाते समय स्मैक की एक खेप के साथ सरकारी स्कूल के 2 टीचर को गिरफ्तार किया है(Mandsaur smack smuggling). पुलिस इस रैकेट का भंडाफोड़ करने के लिए अब दोनों टीचरों से कड़ी पूछताछ कर रही है.
सरकारी स्कूल के टीचर बने पैडलर: मुखबिर की सूचना पर दलोदा थाना पुलिस ने राजस्थान की सीमा से लगे ग्राम नंदावता और अमलावद के बीच राजस्थान की तरफ से आ रही एक कार को रोककर जब इसकी तलाशी ली, तो कार के अगले हिस्से में लगे कांच के अंदर कवर में छुपाई गई 60 ग्राम स्मैक की थैली बरामद हुई. कार चालक अयूब खान पठान और उसके साथी याकूब पठान से पूछताछ के दौरान दोनों ने इस मादक पदार्थ को राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले से खरीदना बताया है.
पुलिस ने 2 लाख रूपए की स्मैक की बरामद, आरोपी गिरफ्तार
जब्त स्मैक की कीमत लाखों में : खुफिया तरीके से पैकिंग कर कार के जरिए इस माल की तस्करी करने वाले दोनों व्यक्ति मंदसौर जिले के ग्राम खेजड़िया के सरकारी स्कूल में पदस्थ टीचर हैं. इन टीचरों में अयूब खान पठान यहां के शासकीय माध्यमिक विद्यालय में वर्ग 3 शिक्षक और याकूब पठान प्राथमिक विद्यालय के जन शिक्षक हैं. दोनों से पूछताछ के दौरान राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले से किसी तस्कर से माल खरीदना बताया है, जिससे वह अपने ही गांव खेजड़िया के किसी तस्कर को देने वाले थे. इस कार्रवाई के दौरान जब्त हुई स्मैक की कीमत करीब 10 लाख रुपए बताई जा रही है(Mandsaur 60 grams illegal drug smack recovered). पुलिस दोनों आरोपियों से इस रैकेट का भंडाफोड़ करने के लिए कड़ी पूछताछ कर उनको रिमांड पर ले रही है, ताकि इस अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया जा सके.