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'भैया जी का अड्डा': इस विधानसभा क्षेत्र में लोगों को विकास और रोजगार की दरकार, जानिए क्या है मतदाताओं की राय? - मंदसौर की सुवासरा विधानसभा सीट

मंदसौर के सुवासरा विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. इस क्षेत्र के लोगों की मांग पानी, विकास और रोजगार की है. ईटीवी भारत के खास प्रोग्राम 'भैया जी का अड्डा' के जरिए जानिए मतदाताओं के मन की बात.

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Published : Oct 19, 2020, 4:38 PM IST

मंदसौर। मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर 3 नवंबर को उपचुनाव होना है. मंदसौर के सुवासरा विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को उपचुनाव होना है. इस सीट पर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हरदीप सिंह डंग को चुनावी मैदान में उतारा गया है. वहीं कांग्रेस से युवा और किसान नेता राकेश पाटीदार को अपना प्रत्याशी बनाया है. दोनों ही पार्टी ने उम्मीदवार चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. प्रत्याशी विधानसभा क्षेत्र के एक-एक गांव के हर एक वार्ड में मतदाताओं से मिलने जा रहे हैं. लेकिन 2 साल के भीतर दोबारा होने वाले इस उपचुनाव को लेकर अधिकतर मतदाता अब खामोश है.

जानिए मतदाताओं के 'मन की बात'

राजस्थान की सीमा से सटी मंदसौर की सुवासरा विधानसभा सीट में 3 तहसील और करीब 110 गांव शामिल हैं. इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 60 हजार 251 है. पूरे विधानसभा क्षेत्र में करीब पौने दो लाख मतदाता खेती किसानी और उसके कारोबार से संबंधित धंधों से जुड़े हुए हैं. बाकी मतदाताओं में से अधिकतर वोटर भी कृषि और व्यापारिक गतिविधियों में शामिल है. जाहिर है ऐसे में यहां इस बार के उपचुनाव में किसानों और उनके कारोबार से जुड़े मुद्दे ज्यादा प्रभावी नजर आ रहे हैं. विधानसभा के किसान मतदाताओं ने सबसे पहले खेती को फायदे का धंधा बनाने और उसमें लगने वाली बुनियादी सुविधाएं, पानी की उपलब्धता, बिजली और खाद बीज के अलावा मशीनों पर सब्सिडी की मांग उठाई है. इलाके में पानी की कमी के कारण लोग विधानसभा क्षेत्र में 60 साल पहले बने गांधी सागर डैम के पानी को हर खेत तक पहुंचाने की मांग कर रहे हैं.

इस इलाके से दिल्ली-मुंबई रेलवे लाइन भी गुजर रही है. लिहाजा बेरोजगार युवाओं ने रेलवे कॉरिडोर में उद्योग धंधे खोलने की भी डिमांड की है. ग्रामीण क्षेत्रों में एक तबके के पास अभी भी रहने को आवास और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधा के अलावा पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं है. लिहाजा महिलाओं और मजदूर वर्ग के लोगों ने इस बार उम्मीदवारों का ध्यान इन्हीं मुद्दों पर खींचा है. ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे और पटरी कारोबारियों को रोजगार में आर्थिक सहायता और शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से ऐसे कारोबारी और पटरी व्यवसायियों ने विधानसभा क्षेत्र में नियत स्थान पर बैठकर रोजगार देने की मांग की है.

आमतौर पर होने वाले विधानसभा चुनावों से हटकर उप चुनाव में स्थानीय मुद्दों के प्रभावी होने से इस चुनाव को जीतने के लिए दोनों ही पार्टी के उम्मीदवारों को अब तगड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. उधर मतदाताओं की मांग के चलते बीजेपी उम्मीदवार हरदीप सिंह डंग ने वोटरों से अब चुनाव जीतने के बाद सबसे पहले पूरी विधानसभा क्षेत्र में गांधी सागर बांध का पानी पहुंचाने और बेरोजगार युवाओं के लिए रेलवे कॉरिडोर में उद्योग धंधों के खुलवाने का वादा किया है. उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद सबसे पहले इलाके में यही दो सौगाते देंगे. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी राकेश पाटीदार ने एक बार फिर किसानों के बकाया कर्ज माफी, बिजली बिल आधा करने और इलाके में उद्योग धंधों को स्थापित करने के मुद्दों पर जनता से वादे करना शुरू कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि जीतने के बाद सबसे पहले किसानों के बकाया कर्ज की रकम माफ कराएंगे. और बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर दिए जाएंगे.

मंदसौर। मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर 3 नवंबर को उपचुनाव होना है. मंदसौर के सुवासरा विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को उपचुनाव होना है. इस सीट पर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हरदीप सिंह डंग को चुनावी मैदान में उतारा गया है. वहीं कांग्रेस से युवा और किसान नेता राकेश पाटीदार को अपना प्रत्याशी बनाया है. दोनों ही पार्टी ने उम्मीदवार चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. प्रत्याशी विधानसभा क्षेत्र के एक-एक गांव के हर एक वार्ड में मतदाताओं से मिलने जा रहे हैं. लेकिन 2 साल के भीतर दोबारा होने वाले इस उपचुनाव को लेकर अधिकतर मतदाता अब खामोश है.

जानिए मतदाताओं के 'मन की बात'

राजस्थान की सीमा से सटी मंदसौर की सुवासरा विधानसभा सीट में 3 तहसील और करीब 110 गांव शामिल हैं. इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 60 हजार 251 है. पूरे विधानसभा क्षेत्र में करीब पौने दो लाख मतदाता खेती किसानी और उसके कारोबार से संबंधित धंधों से जुड़े हुए हैं. बाकी मतदाताओं में से अधिकतर वोटर भी कृषि और व्यापारिक गतिविधियों में शामिल है. जाहिर है ऐसे में यहां इस बार के उपचुनाव में किसानों और उनके कारोबार से जुड़े मुद्दे ज्यादा प्रभावी नजर आ रहे हैं. विधानसभा के किसान मतदाताओं ने सबसे पहले खेती को फायदे का धंधा बनाने और उसमें लगने वाली बुनियादी सुविधाएं, पानी की उपलब्धता, बिजली और खाद बीज के अलावा मशीनों पर सब्सिडी की मांग उठाई है. इलाके में पानी की कमी के कारण लोग विधानसभा क्षेत्र में 60 साल पहले बने गांधी सागर डैम के पानी को हर खेत तक पहुंचाने की मांग कर रहे हैं.

इस इलाके से दिल्ली-मुंबई रेलवे लाइन भी गुजर रही है. लिहाजा बेरोजगार युवाओं ने रेलवे कॉरिडोर में उद्योग धंधे खोलने की भी डिमांड की है. ग्रामीण क्षेत्रों में एक तबके के पास अभी भी रहने को आवास और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधा के अलावा पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं है. लिहाजा महिलाओं और मजदूर वर्ग के लोगों ने इस बार उम्मीदवारों का ध्यान इन्हीं मुद्दों पर खींचा है. ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे और पटरी कारोबारियों को रोजगार में आर्थिक सहायता और शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से ऐसे कारोबारी और पटरी व्यवसायियों ने विधानसभा क्षेत्र में नियत स्थान पर बैठकर रोजगार देने की मांग की है.

आमतौर पर होने वाले विधानसभा चुनावों से हटकर उप चुनाव में स्थानीय मुद्दों के प्रभावी होने से इस चुनाव को जीतने के लिए दोनों ही पार्टी के उम्मीदवारों को अब तगड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. उधर मतदाताओं की मांग के चलते बीजेपी उम्मीदवार हरदीप सिंह डंग ने वोटरों से अब चुनाव जीतने के बाद सबसे पहले पूरी विधानसभा क्षेत्र में गांधी सागर बांध का पानी पहुंचाने और बेरोजगार युवाओं के लिए रेलवे कॉरिडोर में उद्योग धंधों के खुलवाने का वादा किया है. उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद सबसे पहले इलाके में यही दो सौगाते देंगे. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी राकेश पाटीदार ने एक बार फिर किसानों के बकाया कर्ज माफी, बिजली बिल आधा करने और इलाके में उद्योग धंधों को स्थापित करने के मुद्दों पर जनता से वादे करना शुरू कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि जीतने के बाद सबसे पहले किसानों के बकाया कर्ज की रकम माफ कराएंगे. और बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर दिए जाएंगे.

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