मंदसौर। जिला मुख्यालय में पिछले 22 सालों से चल रहा होम्योपैथी जिला चिकित्सालय प्रशासनिक तानाशाही के चलते बंद कर दिया गया है. घरेलू चिकित्सा की पद्धति से इस इलाज के जरिए हजारों मरीजों को सर्दी, खांसी और बुखार के अलावा पाइल्स, ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी बीमारियों से भी निजात मिल रही थी. लेकिन विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान जिला प्रशासन के आदेश के बाद इस अस्पताल पर अब ताले लटक गए हैं. इस कारण पिछले 4 महीने से उपचार के अभाव में यहां कई मरीज परेशान हैं.
क्या है मामला-
- 3 जनवरी 1996 को तत्कालीन कलेक्टर मनोज श्रीवास्तव ने मंदसौर जिले के मरीजों को होम्योपैथी जिला चिकित्सालय खोलकर एक बड़ी सौगात दी थी.
- तब से नवंबर 2018 तक इस अस्पताल में 2 डॉक्टर और 2 कर्मचारी न्यूनतम वेतन पर हजारों मरीजों का रोजाना निशुल्क उपचार कर रहे थे.
- ये अस्पताल पिछले 22 सालों से रेडक्रास सोसायटी के माध्यम से ही संचालित हो रहा था.
- इस संस्था के सचिव अनिल भट्ट और पूर्व कलेक्टर धनराजु एस के इशारे पर 10 नवंबर 2018 को इसे तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया.
- इस अस्पताल के बंद होने से यहां रेगुलर उपचार लेने वाले मरीज अब खासे परेशान हैं.
- इस संबंध में स्थानीय नागरिकों और मरीजों ने कलेक्टर और स्वास्थ्य मंत्री के नाम कई आवेदन देकर इसे फिर चालू करने की मांग भी उठाई है.
- लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद एक बार फिर यहां इलाज लेने वाले मरीजों ने चिकित्सालय को दोबारा चालू करने की मांग की है. वहीं नवागत कलेक्टर मनोज पुष्प ने इस मामले में जांच कर पुनः विचार करने की बात कही है.