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लहसुन की बंपर पैदावार से खिले किसानों के चेहरे, 6500 रूपये प्रति क्विंटल तक मिल रही कीमत

तीन साल बाद लौटे फसल के आसमानी दामों से किसानों में खुशी का माहौल है. बुधवार के दिन मंदसौर की कृषि उपज मंडी में आठ हजार क्विंटल नई लहसुन की आवक हुई, जिसका कीमत चार हजार से 6500 रूपये प्रति क्विंटल मिली. करीब तीन सालों से किसान इसी लहसुन को केवल दो से तीन रूपये किलो के भाव में बेच रहे थे.

मंडी में बिखरी लहसुन की फसल
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Published : Feb 14, 2019, 12:06 AM IST

मंदसौर। लंबे इंतजार के बाद मालवा क्षेत्र के किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौटी है. इसकी वजह है क्षेत्र में अच्छी गुणवत्ता वाली लहसुन की बंपर पैदावार होना. नीमच, मंदसौर और रतलाम जिले की कृषि मंडियों पर इन दिनों लहसुन की नई फसल अधिक मात्रा में आ रही है, जिसकी कीमत से किसानों के चेहरों पर रौनक दिख रही है.

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तीन साल बाद लौटे फसल के आसमानी दामों से किसानों में खुशी का माहौल है. बुधवार के दिन मंदसौर की कृषि उपज मंडी में आठ हजार क्विंटल नई लहसुन की आवक हुई, जिसका कीमत चार हजार से 6500 रूपये प्रति क्विंटल मिली. करीब तीन सालों से किसान इसी लहसुन को केवल दो से तीन रूपये किलो के भाव में बेच रहे थे. जिससे उनकी लागत भी नहीं निकल रही थी और वह पूरी तरह परेशान हो चुके थे.

मंडी में बिखरी लहसुन की फसल
मंडी में बिखरी लहसुन की फसल
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खास बात ये है कि नया साल उन्हें अच्छी फसल के रूप में खुशियां लेकर आया है. इसकी एक वजह और है कि इस बार देश के कई हिस्सों में बारिश नहीं हुई, जिससे लहसुन की फसल का उत्पादन काफी कमजोर है. ऐसी स्थिति लहसुन के भाव और तेज हो सकते हैं. किसानों का कहना है कि उनको ऐसे ही दाम मिलते रहें जिससे वह परेशान न हों.

मंदसौर। लंबे इंतजार के बाद मालवा क्षेत्र के किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौटी है. इसकी वजह है क्षेत्र में अच्छी गुणवत्ता वाली लहसुन की बंपर पैदावार होना. नीमच, मंदसौर और रतलाम जिले की कृषि मंडियों पर इन दिनों लहसुन की नई फसल अधिक मात्रा में आ रही है, जिसकी कीमत से किसानों के चेहरों पर रौनक दिख रही है.

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तीन साल बाद लौटे फसल के आसमानी दामों से किसानों में खुशी का माहौल है. बुधवार के दिन मंदसौर की कृषि उपज मंडी में आठ हजार क्विंटल नई लहसुन की आवक हुई, जिसका कीमत चार हजार से 6500 रूपये प्रति क्विंटल मिली. करीब तीन सालों से किसान इसी लहसुन को केवल दो से तीन रूपये किलो के भाव में बेच रहे थे. जिससे उनकी लागत भी नहीं निकल रही थी और वह पूरी तरह परेशान हो चुके थे.

मंडी में बिखरी लहसुन की फसल
मंडी में बिखरी लहसुन की फसल
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खास बात ये है कि नया साल उन्हें अच्छी फसल के रूप में खुशियां लेकर आया है. इसकी एक वजह और है कि इस बार देश के कई हिस्सों में बारिश नहीं हुई, जिससे लहसुन की फसल का उत्पादन काफी कमजोर है. ऐसी स्थिति लहसुन के भाव और तेज हो सकते हैं. किसानों का कहना है कि उनको ऐसे ही दाम मिलते रहें जिससे वह परेशान न हों.

Intro:मंदसौर। लंबे इंतजार के बाद मालवा इलाके किसानों के चेहरे पर रौनक लौटी है ।मंदसौर, नीमच और रतलाम जिले की कृषि मंडियों में इन दिनों की उंटी वैरायटी की लहसुन वाली नई फसल की बंपर आवके हो रही है ।3 साल बाद लौटे इस फसल के आसमानी दामों से इलाके का किसान वर्ग खुश नजर आ रहा है।


Body:बुधवार के दिन मंदसौर की कृषि उपज मंडी में 8000 क्विंटल नई लहसुन की आवक हुई और किसानों को इस फसल के 4000 से लगा कर 6500 रुपये प्रति क्विंटल तक के दाम मिलने से उनके चेहरे पर रौनक लौट गई है। इलाके के किसान पिछले 3 सालों से रुपए दो रुपए किलो के भाव में ही अपनी लहसुन फसल बेच रहे थे। इन हालातों से उन्हें खेती में लगाई हुई लागत भी नहीं मिल रही थी ।लेकिन इस बार सीजन के शुरुआती दौर में ही उन्हें 4 महीने पहले खरीदे हुए बीज के दाम के बराबर अपनी उपज के दाम मिल रहे हैं ।इससे वह काफी खुश नजर आ रहे हैं ।बताया जा रहा है कि देश के कई हिस्सों में इस बार बारिश नहीं होने से लहसुन फसल का उत्पादन काफी कमजोर है ।ऐसी स्थिति में व्यापारिक धारणा भविष्य में और तेजी की बताई जा रही है ।बहर हाल 3 साल बाद सीजन की शुरूआत में बने फसल में तेजी के माहौल से किसानों में खुशी साफ नजर आ रही है।
byte 1: कृष्ण लाल पाटीदार, किसान
byte 2:डालूराम धाकड़, किसान
byte 3: रौनक अग्रवाल ,लहसुन व्यापारी ,मंदसौर




विनोद गौड़, मंदसौर


Conclusion:
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