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लोगों की जुबानी, मंदसौर में 'जलजले' की कहानी - flood in mandsaur

मंदसौर में 'जलजला' आया हुआ है. बाढ़ से कई मवेशी बह गईं, जबकि घर के घर तबाह हो गए. फसलों का भी नुकसान हुआ है.

मंदसौर में 'जलजले' की कहानी
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Published : Sep 16, 2019, 2:17 PM IST

मंसदौर। मंदसौर में बारिश का 'जलजला' आया हुआ है. तेज बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त है. गांधी सागर डैम का पानी उस वक्त मंदसौर और नीमच जिले के 63 गांवों में पानी घुस गया, जब लोग घरों में सोए हुए थे. जिसके बाद क्षेत्र में बाढ़ से दहशत फैल गई. आननफानन में गांवों को नावों के जरिए खाली कराया गया. बाढ़ से लोगों के घर धराशायी हो गए और फसलें भी चौपट हो गई हैं.

मंदसौर में 'जलजले' की कहानी

स्थानीय लोगों ने मुआवजे की मांग की है. लोगों का कहना है कि बिना किसी सूची के उन्हें पीएम आवास योजना के तहत तुरंत घर उपलब्ध कराया जाए. स्थानीय रहवासियों ने बताया कि हजारों क्विंटल अनाज सड़ गया है. जिससे करोडो़ं रुपये का नुकसान हुआ है.बाढ़ से प्रभावित गांव में फंसे लोगों को रस्सियों की मदद से बाहर निकाला गया है, जबकि कई मवेशियां बाढ़ में बह गईं.

स्थानीय लोगों ने बताया कि बाढ़ से जिस तरह केदारनाथ में हालात बने थे, उसी तरह का सैलाब मंदसौर में देखने मिला. बाढ़ से प्रभावित लोगों ने बताया कि दूसरे लोगों ने उनकी न सिर्फ मदद की जबकि खाने की भी व्यवस्था की गई. लोगों ने बताया कि गर्दन तक पानी होने के बाद भी लोगों को बचाया गया.

मंसदौर। मंदसौर में बारिश का 'जलजला' आया हुआ है. तेज बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त है. गांधी सागर डैम का पानी उस वक्त मंदसौर और नीमच जिले के 63 गांवों में पानी घुस गया, जब लोग घरों में सोए हुए थे. जिसके बाद क्षेत्र में बाढ़ से दहशत फैल गई. आननफानन में गांवों को नावों के जरिए खाली कराया गया. बाढ़ से लोगों के घर धराशायी हो गए और फसलें भी चौपट हो गई हैं.

मंदसौर में 'जलजले' की कहानी

स्थानीय लोगों ने मुआवजे की मांग की है. लोगों का कहना है कि बिना किसी सूची के उन्हें पीएम आवास योजना के तहत तुरंत घर उपलब्ध कराया जाए. स्थानीय रहवासियों ने बताया कि हजारों क्विंटल अनाज सड़ गया है. जिससे करोडो़ं रुपये का नुकसान हुआ है.बाढ़ से प्रभावित गांव में फंसे लोगों को रस्सियों की मदद से बाहर निकाला गया है, जबकि कई मवेशियां बाढ़ में बह गईं.

स्थानीय लोगों ने बताया कि बाढ़ से जिस तरह केदारनाथ में हालात बने थे, उसी तरह का सैलाब मंदसौर में देखने मिला. बाढ़ से प्रभावित लोगों ने बताया कि दूसरे लोगों ने उनकी न सिर्फ मदद की जबकि खाने की भी व्यवस्था की गई. लोगों ने बताया कि गर्दन तक पानी होने के बाद भी लोगों को बचाया गया.

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