मंदसौर। किसान ऋण मुक्ति योजना के मामले में प्रशासनिक लापरवाही के चलते, पात्रता वाले किसान भी अब खासे परेशान हैं. योजना के मुताबिक दायरे में आने वाले किसानों को सरकार ने दो चरणों में फिर से लोन आवंटित करने के आदेश जारी किए हैं. लेकिन मंदसौर में फिलहाल 50 हजार से कम ऋण लेने वाले किसानों को ही ऋण माफी योजना में शामिल किया गया है. इन हालातों में ज्यादा कर्ज लेने वाले किसानों को दोबारा लोन नहीं मिल रहा है, जिससे वे खाद और बीज नहीं खरीद पा रहे हैं. यहीं वजह है कि चिंता की लकीरें किसान के माथे पर देखी जा रही हैं.
इसलिये बढ़ी परेशानी
देश में मानसून आ चुका है और प्रदेश में 20 और 22 जून तक कई हिस्सों में भी मानसून आने की संभावना जताई जा रही है. प्रदेश के किसान इन दिनों सोयाबीन, मक्का और उड़द की फसल बोवनी की तैयारी में जुट गए हैं. लेकिन मंदसौर के हजारों किसान के कृषि लोन वाले खातों में ऋण मुक्ति योजना का पैसा जमा ना होने से अब उन्हें दोबारा ऋण नहीं मिल रहा है. इन हालातों में अगले सीजन के दौरान बोई जाने वाली फसल के लिये खाद भी नहीं मिल पा रही है.
क्यों नहीं मिल पा रहा लोन
तमाम सहकारी सोसायटियों में खाद का भरपूर भंडारण है, लेकिन किसान ऋण माफी की योजना में फिलहाल 50 हजार रुपये से नीचे की राशियों वाले लघुत्तम किसानों को ही शामिल किया गया है. इन हालातों में बड़े किसान योजना से वंचित हो रहे हैं. हालांकि जिले में आधिकारिक तौर पर उन्हें भी योजना में शामिल करने का दावा किया जा रहा है. लेकिन खाद न मिलने से बड़े किसानों में भारी आक्रोश का माहौल है. उधर मानसून के आने के संकेत के बाद किसानों को अब अगली फसल की तैयारी के लिए नगद भुगतान कर ही रासायनिक खाद खरीदना पड़ रहा है.
इसलिये परेशान हो रहा अन्नदाता
ऋण माफी की योजना में सरकारी कवायद के चलते हो रही देरी से जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और कृषि विभाग के आला अधिकारी भी किसानों की परेशानी से वाकिफ हैं. लेकिन बड़े किसानों के कर्ज माफ और दोबारा ऋण की सरकारी कार्रवाई के आदेश ना होने से वे फिलहाल इन किसानों को ऋण मंजूर नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि अधिकारियों ने इस प्रक्रिया में जल्द ही वंचित हो रहे किसानों को भी राहत देने की बात की है. बरहाल किसानों को मानसून के ठीक पहले खाद बीज ना मिलने से वह बड़े परेशान है.