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केंद्र सरकार की नई अफीम नीति को लेकर असमंजस में किसान, बुवाई के लिए खाली छोड़ दिए खेत

नारकोटिक्स विभाग ने इस साल औसत वजन के बजाय औसत मार्फिन की अफीम सौंपने वाले किसानों को ही फसल पैदा करने के लाइसेंस जारी किए हैं.

Farmers confused about  new opium policy
नई अफीम नीति को लेकर असमंजस में किसान
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Published : Dec 4, 2019, 9:05 AM IST

Updated : Dec 4, 2019, 12:03 PM IST

मंदसौर। केंद्र सरकार की नई अफीम नीति के बाद मंदसौर के किसानों के लिए नई समस्या खड़ी हो गई है. नई नीति के मुताबिक नारकोटिक्स विभाग ने इस साल औसत वजन के बजाय औसत मार्फिन की अफीम सौंपने वाले किसानों को ही फसल पैदा करने के लाइसेंस जारी किए हैं. हालांकि प्रदेश के जनप्रतिनिधियों ने इस नीति पर दोबारा से विचार करने की बात नारकोटिक्स डिपार्टमेंट से की है. जिसके चलते मंदसौर के सैकड़ों किसानों ने अभी भी लाइसेंस मिलने की आस में अपने खेत खाली ही छोड़ रखे हैं.

नई अफीम नीति को लेकर असमंजस में किसान

नारकोटिक्स विभाग की नई नीति के मुताबिक इस साल फसल की पैदावार करने के लिए केवल उन किसानों को ही लाइसेंस जारी किए गए हैं. जिन्होंने पिछले सीजन में 4 किलो 500 ग्राम गाढ़ता की मार्फिन वाली अफीम विभाग को तुलवाई थी. देश में अफीम की पैदावार के मामले में सरकार अब तक औसत वजन के आधार पर ही किसानों को अफीम के लाइसेंस जारी करती रही है. लेकिन नई नीति में अचानक हुए परिवर्तन से कई किसान लाइसेंस से वंचित हो गए है

किसानों की तरफ से जनप्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से एक और मौका देने की मांग की है. दूसरी ओर सरकार की तरफ से अभी तक इस मामले में किसी भी प्रकार का कोई जवाब नहीं आया है.

बुवाई के लिए छोड़ दिए खाली खेत
मंदसौर के किसानों ने अफीम की बुवाई के लिए खेत खाली छोड़े हुए हैं. किसानों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार अपनी नई अफीम नीति पर दोबारा से विचार करेगी.

मंदसौर। केंद्र सरकार की नई अफीम नीति के बाद मंदसौर के किसानों के लिए नई समस्या खड़ी हो गई है. नई नीति के मुताबिक नारकोटिक्स विभाग ने इस साल औसत वजन के बजाय औसत मार्फिन की अफीम सौंपने वाले किसानों को ही फसल पैदा करने के लाइसेंस जारी किए हैं. हालांकि प्रदेश के जनप्रतिनिधियों ने इस नीति पर दोबारा से विचार करने की बात नारकोटिक्स डिपार्टमेंट से की है. जिसके चलते मंदसौर के सैकड़ों किसानों ने अभी भी लाइसेंस मिलने की आस में अपने खेत खाली ही छोड़ रखे हैं.

नई अफीम नीति को लेकर असमंजस में किसान

नारकोटिक्स विभाग की नई नीति के मुताबिक इस साल फसल की पैदावार करने के लिए केवल उन किसानों को ही लाइसेंस जारी किए गए हैं. जिन्होंने पिछले सीजन में 4 किलो 500 ग्राम गाढ़ता की मार्फिन वाली अफीम विभाग को तुलवाई थी. देश में अफीम की पैदावार के मामले में सरकार अब तक औसत वजन के आधार पर ही किसानों को अफीम के लाइसेंस जारी करती रही है. लेकिन नई नीति में अचानक हुए परिवर्तन से कई किसान लाइसेंस से वंचित हो गए है

किसानों की तरफ से जनप्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से एक और मौका देने की मांग की है. दूसरी ओर सरकार की तरफ से अभी तक इस मामले में किसी भी प्रकार का कोई जवाब नहीं आया है.

बुवाई के लिए छोड़ दिए खाली खेत
मंदसौर के किसानों ने अफीम की बुवाई के लिए खेत खाली छोड़े हुए हैं. किसानों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार अपनी नई अफीम नीति पर दोबारा से विचार करेगी.

Intro:मंदसौर ।केंद्र सरकार द्वारा चालू सीजन की अफीम नीति तय करने के बाद ,जिले के सैकड़ों किसान अब असमंजस के हालात में है ।नई नीति के मुताबिक केंद्र सरकार के नारकोटिक्स विभाग ने इस साल औसत वजन के बजाय ओसत मार्फिन की गाढ़ता वाली अफीम सौंपने वाले किसानों को ही फसल पैदा करने के लाइसेंस जारी किए हैं। लेकिन हाल ही में दिल्ली में मध्यप्रदेश और राजस्थान के जनप्रतिनिधियों द्वारा इस नीति पर दोबारा विचार करने के प्रस्ताव रखने के बाद वह किसान अभी भी असमंजस में है,जो इस साल लाइसेंस मिलने से वंचित हो गए थे। जिले के सैकड़ों किसानों ने अभी भी लाइसेंस मिलने की आस में अपने खेत खाली ही छोड़ रखे हैं.


Body:नारकोटिक्स विभाग ने नई नीति के मुताबिक इस साल फसल पैदावार करने के लिए केवल उन किसानों को ही लाइसेंस दिए हैं जिन्होंने गई सीजन में 4 किलो 500 ग्राम गाढ़ता कि मार्फिन वाली अफीम विभाग को तूलवाई थी ।देश में अफीम की पैदावार के मामले में सरकार अब तक औसत वजन के आधार पर ही किसानों को अफीम के लाइसेंस जारी करती रही है। इस साल नीति में अचानक हुए परिवर्तन से कई किसान लाइसेंस से वंचित हो गए जो सरकारी पैमाने पर खरे नहीं उतरे थे.


Conclusion:इस मामले में किसानों की तरफ से जनप्रतिनिधियों ने सरकार से एक और मौका देने की मांग की है। दूसरी तरफ सरकार की तरफ से अभी तक भी कोई जवाब न आने से हजारों किसान अभी भी असमंजस में पड़े हुए हैं। उन्होंने फसल की बुवाई के लिए अभी तक अपने खेत खाली छोड़े हुए हैं। 1.भेरूलाल धाकड़ ,किसान, मंदसौर 2.अनिल कुमार शर्मा ,जिला अफीम अधिकारी ,मंदसौर विनोद गौड़, रिपोर्टर ,मंदसौर
Last Updated : Dec 4, 2019, 12:03 PM IST
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