मंदसौर। क्या आपने कभी सुना है कि किसी जानवर के मरने पर इंसानों जैसा क्रिया कर्म किया जाता हो, लेकिन मंदसौर जिले के मकड़ावन गांव के किसान उमराव सिंह ने ऐसा ही किया है. उन्होंने अपने बैल के मर जाने बाद पूरे रीति-रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया और उसकी तेरहवीं भी की, जिसमें पूरे गांव को भोज भी कराया.
उमराव अपने बैल रेंडा को अपने परिवार के सदस्य की तरह ही मानते थे. इसलिए बैल का अंतिम संस्कार भी परिवार के एक सदस्य की तरह ही किया. यही नहीं उमराव ने अंतिम संस्कार के बाद पूरे तेरह दिनों तक पंडितों से पूजा-पाठ भी कराया
उमराव सिंह ने बताया कि उन्होंने 18 साल पहले बैल को बजार से खरीदा था. जब से वह उनके घर आया था, तभी से उनकी तरक्की दिनों-दिन बढ़ती गई. रेंडा बैल उनके घर का एक जानवर ही नहीं था, बल्कि उनके घर का अहम सदस्य था. उसकी मौत के बाद ऐसा लगा कि मानों परिवार का कोई सदस्य बिछड़ गया है.
अपने बैल के प्रति उमराव सिंह का ये प्यार देख सब उनकी तारीफ कर रहे हैं क्योंकि जानवरों के साथ अन्याय की खबरें तो खूब सुनी जाती हैं, लेकिन उनके साथ इंसानी व्यवहार का ये नजारा सभी को एक नई सीख देता है.