मंदसौर। जिले के शामगढ़ तहसील के मौला खेड़ी गांव में बाढ़ के चलते पीड़ितों को मूलभूत सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं. चम्बल नदी का पानी तो उतर गया, लेकिन इससे कई घर धराशायी हो गए, जिसके बाद लोग अपने घरों से बेघर हो गए. इस दौरान गरोठ एस.डी.एम कैलाश चंद ठाकुर हुए नुकसान का सर्वे करने पहुंचे.
बाढ़ पीड़ितों को राहत कार्य से नहीं मिल रही राहत, लोग हो रहे परेशान - घर तबाह
जिले में बाढ़ के चलते लोगों के कई घर तबाह हो गए हैं, जिसके बाद उन्हें बुनियादी सेवाएं भी नहीं मिल पा रही है.
लोग हो रहे परेशान
मंदसौर। जिले के शामगढ़ तहसील के मौला खेड़ी गांव में बाढ़ के चलते पीड़ितों को मूलभूत सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं. चम्बल नदी का पानी तो उतर गया, लेकिन इससे कई घर धराशायी हो गए, जिसके बाद लोग अपने घरों से बेघर हो गए. इस दौरान गरोठ एस.डी.एम कैलाश चंद ठाकुर हुए नुकसान का सर्वे करने पहुंचे.
Intro:मंदसौर जिले में बाढ़ के बाद से राहत मिली है । लेकिन बाढ़ पीड़ितों के शासन की ग्राहक योजना व समाजसेवियों द्वारा मूलभूत सेवाएं नाकाफी साबित हो रही है हालात अभी पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पा रहे हैं महामारी का खतरा क्षेत्र में बन रहा है मौला खेड़ी गांव पहुंचे गरोठ एस. डी.एम . किया नुकसानी का सर्वेBody:
मन्दसौर जिले शामगढ़ तहसील में आई बाढ़ से बाढ़ का पानी तो उतर गया, लेकिन पीछे छोड़ गया बर्बादी की दास्तां मानव निर्मित कई वर्षों पुरानी झील की चम्बल नदी ने 3 दिन पहले जो विकराल रूप दिखाया था जिसके चलते शामगढ तहसील के गांव मोलाखेड़ी खुर्द और मोरडी में कई घर तबाह हो गए
, कई मवेशी मारे गए सैकड़ो घर पानी मे बह गए, करोड़ो की फसलों का नुक्सान हुआ,
आज पानी उतर जाने के बाद गांव वाले अपने टूटे हुए आशियानों को सँजोने में जुड़ गए, राहत के लिये कई समाजसेवी लोग आगे आये और गांवों में खाने पीने से लेकर कई जरूरी चीजें बांट रहै है
वही इन्सान तो इंसान एक जानवर साँप भी इस भयावह दृश्य को देखकर पेड पर चढ़ गया और अपनी जान बचाने का प्रयास करता नजर आया। वही सर्वे कार्य में गरोठ s.d.m. कैलाश चंद ठाकुर नुकसानी का सर्वे करने पहुंचे।
बाईट - के सी ठाकुर - एस .डी. एम.
बाईट 2 -- पिडित ग्रामीण
संवाददाता जीवन साँकलाConclusion:मंदसौर जिले में आई बाढ़ से हालात सामान्य होने का नाम नहीं वही किसानों की कई हेक्टर फसलें बर्बाद हो गई । जहां गांधी सागर डैम का पानी पहुंचा वहां सैकड़ों की संख्या में मकान धराशाई हो गए लोग बेघर हो गए इन्हें राहत के लिए सब लोग आगे आए प्रशासन के लोग भी आगे आये ग है लेकिन राहत नाकाफी साबित हो रही है।
मन्दसौर जिले शामगढ़ तहसील में आई बाढ़ से बाढ़ का पानी तो उतर गया, लेकिन पीछे छोड़ गया बर्बादी की दास्तां मानव निर्मित कई वर्षों पुरानी झील की चम्बल नदी ने 3 दिन पहले जो विकराल रूप दिखाया था जिसके चलते शामगढ तहसील के गांव मोलाखेड़ी खुर्द और मोरडी में कई घर तबाह हो गए
, कई मवेशी मारे गए सैकड़ो घर पानी मे बह गए, करोड़ो की फसलों का नुक्सान हुआ,
आज पानी उतर जाने के बाद गांव वाले अपने टूटे हुए आशियानों को सँजोने में जुड़ गए, राहत के लिये कई समाजसेवी लोग आगे आये और गांवों में खाने पीने से लेकर कई जरूरी चीजें बांट रहै है
वही इन्सान तो इंसान एक जानवर साँप भी इस भयावह दृश्य को देखकर पेड पर चढ़ गया और अपनी जान बचाने का प्रयास करता नजर आया। वही सर्वे कार्य में गरोठ s.d.m. कैलाश चंद ठाकुर नुकसानी का सर्वे करने पहुंचे।
बाईट - के सी ठाकुर - एस .डी. एम.
बाईट 2 -- पिडित ग्रामीण
संवाददाता जीवन साँकलाConclusion:मंदसौर जिले में आई बाढ़ से हालात सामान्य होने का नाम नहीं वही किसानों की कई हेक्टर फसलें बर्बाद हो गई । जहां गांधी सागर डैम का पानी पहुंचा वहां सैकड़ों की संख्या में मकान धराशाई हो गए लोग बेघर हो गए इन्हें राहत के लिए सब लोग आगे आए प्रशासन के लोग भी आगे आये ग है लेकिन राहत नाकाफी साबित हो रही है।