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भगवान पशुपति नाथ मंदिर में लगा भक्तों का तांता, थर्मल स्क्रीनिंग के बाद किए दर्शन - sawan second monday 2020

श्रावण के दूसरे सोमवार को भगवान पशुपतिनाथ मंदिर पर भक्तों का तांता लगा रहा. लॉकडाउन के नियमों के बीच श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए.

pashupatinath mandir
पशुपति नाथ
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Published : Jul 13, 2020, 1:49 PM IST

मंदसौर। श्रावण के दूसरे सोमवार को मंदसौर के भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में सुबह से ही दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा. 36 घंटे के लॉकडाउन के बाद आज सुबह 6 बजे प्रशासन ने ढील दी थी. श्रावण माह में सोमवार का विशेष महत्व होने के कारण लोग सुबह से ही दर्शन के लिए भगवान पशुपतिनाथ मंदिर पहुंच गए थे, कोरोना संक्रमण के मद्देनजर जिला प्रशासन ने यहां श्रद्धालुओं के लिए महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की है.

पशुपति नाथ

कोरोना काल में श्रद्धालु भगवान शिव की सबसे बड़ी प्रतिमा के दर्शन कर सकें, इसलिए जिला प्रशासन ने पशुपतिनाथ मंदिर पर विशेष इंतजाम किए हैं. मंदिर के मेन गेट को ही प्रशासन ने दो हिस्सों में बांटकर महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग लाइनों की व्यवस्था कर दी है. यहां दर्शन के लिए आने वाले तमाम श्रद्धालुओं की गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग भी की जा रही है, जबकि मेन गेट पर तमाम श्रद्धालुओं के नाम भी दर्ज किए जा रहे हैं. भगवान के दर्शन के लिए प्रशासन ने गर्भ गृह से 20 फीट दूर पाइप के दो रास्ते बनाए हैं, जिनमें महिलाओं और पुरुषों के लिए अभिषेक की अलग-अलग व्यवस्था की गई है.

thermal screening of devotees
भक्तों की थर्मल स्क्रीनिंग

तीन शिफ्ट का समय तय

प्रशासन ने दर्शन के लिए मंदिर में दिन भर में तीन शिफ्ट तय किया

  • सुबह 7:30 से 10:30 बजे तक.
  • सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक.
  • दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक दर्शन की व्यवस्था की गई है.

कोरोना संक्रमण के चलते भगवान की प्रतिमा पर पूजन सामग्री के उपयोग के अलावा जलाभिषेक पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है. मंदिर के पुजारी कैलाश भट्ट ने बताया कि श्रावण सोमवार पर भगवान पशुपतिनाथ का सुबह रुद्राभिषेक किया गया. इसके बाद प्रतिमा पर दूध, दही, शहद और घी के पंचामृत से अभिषेक किया गया. साथ ही भांग, बिल्व पत्र, धतूरा, दुर्वा और फूल चढ़ाकर भगवान की पूजा अर्चना की गई.

मंदसौर। श्रावण के दूसरे सोमवार को मंदसौर के भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में सुबह से ही दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा. 36 घंटे के लॉकडाउन के बाद आज सुबह 6 बजे प्रशासन ने ढील दी थी. श्रावण माह में सोमवार का विशेष महत्व होने के कारण लोग सुबह से ही दर्शन के लिए भगवान पशुपतिनाथ मंदिर पहुंच गए थे, कोरोना संक्रमण के मद्देनजर जिला प्रशासन ने यहां श्रद्धालुओं के लिए महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की है.

पशुपति नाथ

कोरोना काल में श्रद्धालु भगवान शिव की सबसे बड़ी प्रतिमा के दर्शन कर सकें, इसलिए जिला प्रशासन ने पशुपतिनाथ मंदिर पर विशेष इंतजाम किए हैं. मंदिर के मेन गेट को ही प्रशासन ने दो हिस्सों में बांटकर महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग लाइनों की व्यवस्था कर दी है. यहां दर्शन के लिए आने वाले तमाम श्रद्धालुओं की गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग भी की जा रही है, जबकि मेन गेट पर तमाम श्रद्धालुओं के नाम भी दर्ज किए जा रहे हैं. भगवान के दर्शन के लिए प्रशासन ने गर्भ गृह से 20 फीट दूर पाइप के दो रास्ते बनाए हैं, जिनमें महिलाओं और पुरुषों के लिए अभिषेक की अलग-अलग व्यवस्था की गई है.

thermal screening of devotees
भक्तों की थर्मल स्क्रीनिंग

तीन शिफ्ट का समय तय

प्रशासन ने दर्शन के लिए मंदिर में दिन भर में तीन शिफ्ट तय किया

  • सुबह 7:30 से 10:30 बजे तक.
  • सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक.
  • दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक दर्शन की व्यवस्था की गई है.

कोरोना संक्रमण के चलते भगवान की प्रतिमा पर पूजन सामग्री के उपयोग के अलावा जलाभिषेक पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है. मंदिर के पुजारी कैलाश भट्ट ने बताया कि श्रावण सोमवार पर भगवान पशुपतिनाथ का सुबह रुद्राभिषेक किया गया. इसके बाद प्रतिमा पर दूध, दही, शहद और घी के पंचामृत से अभिषेक किया गया. साथ ही भांग, बिल्व पत्र, धतूरा, दुर्वा और फूल चढ़ाकर भगवान की पूजा अर्चना की गई.

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