मंदसौर। पूरे देश में एक बार फिर कोरोनावायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है.मध्यप्रदेश में भी मौसम परिवर्तन के साथ इसके मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.8 महीने पहले देश में आई इस महामारी से कई लोग बे-मौत मर गए हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इस जानलेवा बीमारी से निपटने के लिए हर जिले में बड़े पैमाने पर व्यवस्था की है. इसी के चलते सीमावर्ती मंदसौर जिले में भी स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी से निपटने के लिए चार बड़े सेंटर बनाए हैं। जिन पर लगातार मरीजों का इलाज हो रहा है. पिछले 8 महीनों के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अमले ने करीब 65000 लोगों की कोरोना टेस्टिंग की है,इनमें से अब तक 2285 मरीज ही पॉजिटिव सामने आए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने इन तमाम मरीजों का इलाज सरकारी सेंटर पर करते हुए लगभग मरीजों को स्वस्थ कर वापस घर रवाना किया है.यहां अभी भी 74 मरीजों का इलाज सरकारी सेंटर पर जारी है.
ये है व्यवस्था
कोरोना महामारी से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने मंदसौर जिले में चार सेंटर बनाए हैं. इनमें 3 सरकारी और एक निजी संस्थान शामिल है. सरकारी सेंटरो में जीएनएम सिटी नामक संस्था पर एक साथ 500 मरीजों के इलाज की व्यवस्था की गई है. जबकि जिला अस्पताल स्थित सामान्य वार्ड और आईसीयू वार्ड में 200 मरीजों के एक साथ इलाज की व्यवस्था है.पिछले 8 महीनों से यहां 7 डॉक्टर और 47 स्वास्थ्य कर्मियों की एक बड़ी टीम संक्रमित लोगों का लगातार इलाज कर रही है. सरकारी सेंटर पर कोरोना जांच के बाद पॉजिटिव पाए गए मरीजों को इन्हीं सरकारी संस्थानों पर भर्ती कर इनका इलाज किया जा रहा है. जीएनएम सिटी के तीन मंजिला भवन में करीब 90 कमरे हैं. जिनमें जरूरत के मुताबिक दो दो मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. हालांकि अल्प संक्रमित मरीजों को यहां एक वार्ड में भर्ती कर एक साथ उनका इलाज किया जाता है. जिले के नोडल अधिकारी डॉ डीके शर्मा और चार डॉक्टरों की टीम तीनों सेंटर पर पहुंचकर दिन में दो बार हर एक मरीज की जांच कर रही है.
मरीजों को रखा जाता खास ध्यान
प्रशासन ने यहां मरीजों की सुविधा के लिए ब्लड जांच और एक्सरे की व्यवस्था सेंटर पर ही की ही की है.गंभीर रोगियों के इलाज के लिए भी यहां अब सरकारी अस्पताल में आईसीयू वार्ड बनाया गया हैं. इन वार्डों में ऑक्सीजन और मरीजों के लिए ईसीजी सुविधाएं भी जुटाई गई है. कोरोना संक्रमित मरीजों का और दूसरी गंभीर बीमारियों का इलाज करने के लिए भी यहां जिला अस्पताल में तमाम व्यवस्था की गई है. वही हर मरीजों को दवाइयां देना,उनका ऑक्सीजन लेवल चेक करना, शुगर और बीपी की जांच करने का काम सरकारी नर्स दिन में दो बार करती है.
मरीजों के खाने की भी व्यवस्था
सरकारी सेंटर पर भर्ती होने वाले मरीजों के लिए प्रशासन ने यहां खानपान की तमाम व्यवस्थाएं भी की है. मरीजों को चाय, दूध, नाश्ता और खाने के अलावा आयुर्वेदिक काढ़ा की भी यहां निशुल्क व्यवस्था की गई है.पिछले 8 महीनों के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने जिले में 64,694 मरीजों की कोरोना जांचें की है. इनमें से 2285 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं.हालांकि पूरे कोरोना काल मे 22 लोगों की इस महामारी से मौत की पुष्टि हुई है.लेकिन इन लोगों में से 19 की मौत बाद की गई जांच रिपोर्ट में उनके पॉजिटिव होने की बात सामने आई है.
रिकवर हो रहे मरीज
स्वास्थ्य विभाग का अमला यहां भर्ती मरीजों का विशेष इलाज कर रहा है.यही वजह है कि 2254 मरीज स्वस्थ होकर अब वापस घर लौट गए हैं. जिला नोडल अधिकारी डॉ डीके शर्मा ने बताया कि यहां मरीजों की जांच और उपचार संबंधी तमाम दवाइयां उपलब्ध है. संस्थान में मौजूद आधुनिक मशीनों से भी मरीजों का इलाज करने कि उन्हें उन्होंने बात कही है. उन्होंने त्योहारी सीजन और सर्दी की शुरुआत होने से एक बार फिर मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होने की भी बात करते हुए उन्होंने लोगों को चेहरे पर मास्क लगाने के अलावा भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने की भी सलाह दी है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उन्होंने सरकारी सेंटर पर मरीजों के लिए किये जा रहे इलाज की तमाम व्यवस्था संबंधी जानकारी भी दी.
इस वजह से बड़ा संक्रमण का खतरा
सीमावर्ती जिले मंदसौर में अनलॉक के बाद राजस्थान और गुजरात के सैकड़ों लोगों की रोजाना आमद हो रही है. वहीं त्योहारी सीजन में बाजारों में बड़ी भीड़ और बसों के चलने से भी लोगों में अब संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. कोरोना वायरस का खतरा अभी टलता नजर नहीं आ रहा है, और इस जानलेवा बीमारी से संक्रमित मरीजो के भर्ती होने का सिलसिला जारी है. हालांकि पॉजिटिव मरीजों का सरकारी अमले द्वारा किए जा रहे इलाज से अधिकतर लोग अब कोरोना से जंग जीत कर वापस घर लौट रहे हैं.